न्यायमूर्ति समीर जैन ने आजम खान से जुड़े मामले की सुनवाई से खुद को अलग किया

मामला 15 अक्टूबर, 2016 की कथित घटना से जुड़ा है जिसमें यतीम खाना (वक्फ संख्या 157) नाम से अनाधिकृत ढांचे को ध्वस्त किया गया था। इस मामले में 2019 और 2020 के बीच रामपुर जिले के कोतवाली थाने में 12 प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश समीर जैन ने रामपुर में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान से जुड़े 2016 के यतीमखाना मामले की सुनवाई से शुक्रवार को खुद को अलग कर लिया।
अधिवक्ता शाश्वत गिरि ने बताया कि सुनवाई के बीच न्यायमूर्ति जैन ने यह फैसला लिया। फिलहाल अदालत के रोस्टर के मुताबिक, न्यायमूर्ति समीर जैन सांसद, विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए अधिकृत हैं। इस मामले में पूर्व सांसद मोहम्मद आजम खान और कई अन्य के खिलाफ 12 अलग अलग प्राथमिकियां दर्ज हैं।
पूर्व में उच्च न्यायालय ने 11 जून को अपने आदेश में कहा था कि इस मामले में निचली अदालत में सुनवाई चलेगी, लेकिन कोई अंतिम आदेश पारित नहीं किया जाएगा। उच्च न्यायालय ने अपने इस आदेश को अगली सुनवाई तक बरकरार रखने का निर्देश दिया।
मामला 15 अक्टूबर, 2016 की कथित घटना से जुड़ा है जिसमें यतीम खाना (वक्फ संख्या 157) नाम से अनाधिकृत ढांचे को ध्वस्त किया गया था। इस मामले में 2019 और 2020 के बीच रामपुर जिले के कोतवाली थाने में 12 प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं।
शुरुआत में इन प्राथमिकियों को लेकर अलग अलग मुकदमे चलाए गए जिन्हें विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) रामपुर ने आठ अगस्त, 2024 को एक एकल मुकदमे में समेकित कर दिया। मामले में आरोपियों पर आईपीसी के तहत डकैती, घुसपैठ और आपराधिक षड़यंत्र के आरोप लगाए गए।
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