कामदार ईमानदार है, नामदार चोर है: सिद्धार्थ नाथ सिंह
मंत्री ने कहा, अदालत में आपने (गांधी परिवार) मामले को खारिज करने की याचिका डाली जिसे खारिज कर दिया गया और आपको आरोपी मानते हुए कानूनी प्रक्रिया भी चलाई जा रही है। आप जमानत पर हैं।
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)। राफेल मुद्दे पर केंद्र सरकार को उच्चतम न्यायालय से क्लीन चिट मिलने के बावजूद कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री को निशाना बनाए जाने पर उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सोमवार को कहा, कामदार ईमानदार है, नामदार चोर है। यहां सर्किट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सबको पता है कि नेशनल हेराल्ड का मुकदमा चल रहा है। 5,000 स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा बनाई गई एजेएल कंपनी को किस तरह से 50 लाख रुपये में यंग इंडिया के अंदर ले लिया गया। यंग इंडिया में निदेशक और शेयरधारक आपका (गांधी) परिवार रहा है। एजेएल की 5,000 करोड़ रुपये की जमीन और संपत्ति हस्तांतरित हो गयी है।
#RahulGandhi’s frustration in the PC was quite visible since SC snubbed him by #RafaelVerdict
— Sidharth Nath Singh (@SidharthNSingh) December 14, 2018
मंत्री ने कहा, "अदालत में आपने (गांधी परिवार) मामले को खारिज करने की याचिका डाली जिसे खारिज कर दिया गया और आपको आरोपी मानते हुए कानूनी प्रक्रिया भी चलाई जा रही है। आप जमानत पर हैं।" उन्होंने कहा, "मुंह उठाकर जो थूकता है, थूक उसके मुंह पर ही गिरती है। उच्चतम न्यायालय से जो निर्णय (राफेल मुद्दे पर) आया है, उससे यह बात राहुल गांधी और विपक्ष से अच्छा कोई और नहीं समझ सकता।" स्वास्थ्य मंत्री ने राहुल गांधी से यह बताने को कहा कि क्या उन्हें चिंता थी कि मोदी सरकार के पांच साल पूरे होने को हैं, लेकिन उस पर भ्रष्टाचार का कोई दाग नहीं लगा। जबकि कांग्रेस की सरकार में नेहरू जी के समय जीप कांड हुआ था, इंदिरा जी के समय तेल घोटाला हुआ था, राजीव गांधी के समय बोफोर्स घोटाला हुआ था और संप्रग सरकार में अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला हुआ।
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उन्होंने कहा कि राहुल गांधी यह भी बताएं कि 27 जून, 2012 को संप्रग सरकार 126 राफेल विमानों की खरीद का सौदा क्यों नहीं कर पाई। आपने सौदे की पुन:समीक्षा करने क्यों भेजा और फिर ठंडे बस्ते में क्यों डाला। मंत्री ने कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि बिचौलिये का चयन नहीं हो पाने की वजह से यह सौदा नहीं किया गया। कांग्रेस यह भी बताए कि जनहित याचिका डालने वाले लोगों का लड़ाकू विमान बनाने वाली दूसरी कंपनियों से क्या संबंध है। ऐसे लोगों के परिवारों के तार किन किन विमान कंपनियों से जुड़े हैं।
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