काशी विश्वनाथ मंदिर में वीआईपी दर्शन करने का मामला उठा

Kashi Vishwanath Temple officials meet for VIP entry issue
[email protected] । Jul 13 2017 3:24PM
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सारे नियम तोड़कर अतिविशिष्ठ श्रेणी के तहत पहले दर्शन किये जाने का सवाल आज विधान परिषद में उठा।

लखनऊ। वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सारे नियम तोड़कर अतिविशिष्ठ श्रेणी के तहत पहले दर्शन किये जाने के सवाल पर आज विधान परिषद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्यों के बीच में काफी शोर शराबा हुआ। बाद में जांच के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ। विधान परिषद के प्रश्नकाल में समाजवादी पार्टी के शतरूद्र प्रकाश ने एक लिखित सवाल में पूछा था कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ मं​दिर में पिछले साल 25 जुलाई 2016 को सावन के पहले सोमवार की पूर्व संध्या पर मंगला आरती में वाराणसी जिले के पुलिस और जिला प्रशासन के आला अधिकारियों ने सपरिवार अतिविशिष्ठ श्रेणी में दर्शन किये और उस समय टिकट लेकर आये सामान्य दर्शनार्थियों को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया गया।

सवाल के जवाब में धर्मार्थ कार्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने जवाब दिया कि 25 जुलाई 2016 ​को मंगला आरती में टिकट लिये हुये किसी भी सामान्य दर्शनार्थी को मंदिर में प्रवेश से वंचित नहीं किया गया। फिर चाहे वह सामान्य दर्शनार्थी हों, या फिर वीआईपी टिकट लेकर आये हों। जिला और पुलिस अधिकारी मंगला आरती में टिकट लेकर आये थे। मंत्री के जवाब से सदस्य प्रकाश संतुष्ट नहीं हुये और उन्होंने अनुपूरूक प्रश्न के रूप में एक साल पहले के उस दिन के समाचार पत्रों का ​हवाला दिया कि समाचार पत्रों में भी छपा था कि अधिकारियों ने वीआईपी श्रेणी में दर्शन किया और आम श्रद्धालु टिकट लेकर भी दर्शन नहीं कर सके।

इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कहा कि वह समाचार पत्रों की बातों पर भरोसा नहीं करते। इस पर विपक्षी दल के सदस्य शोर शराबा करने लगे। इस पर मंत्री चौधरी ने कहा कि आप जबकि घटना बता रहे हैं तब आपकी समाजवादी पार्टी की ही सरकार थी लेकिन उस वक्त आपने यह मुददा नहीं उठाया। अब भाजपा की सरकार में आपको इस बात का भरोसा है कि सरकार इस मामले की जांच करेगी, इसलिए आप इसे सदन में उठा रहे हैं। इस टिप्पणी पर भी विपक्षी सदस्यों ने शोर शराबा किया। बाद में परिषद के सभापति के हस्तक्षेप के बाद मंत्री चौधरी ने मामले की जांच कराने की बात कही।

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