कश्मीरियों ने नहीं माना अलगाववादियों का बंद का आह्वान

श्रीनगर। अलगाववादियों के बंद के आह्वान को धता बताते हुए आज ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी दैनिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने के लिए बाहर निकले जिसके चलते सार्वजनिक परिवहन की आवाजाही में भी इजाफा हुआ। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि व्यावसायिक केंद्र लाल चौक और आसपास के इलाकों में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठानों समेत पेट्रोल पंप भी बंद रहे लेकिन सिविल लाइन्स इलाके के सनत नगर, जवाहर नगर, राजबाग और बिशेम्बर नगर और शहर के बाहरी इलाकों में कई दुकानें खुली रहीं।
उन्होंने बताया कि लाल चौक से होकर गुजरने वाली टीआरएस क्रासिंग-बटामलू एक्सिस पर बड़ी संख्या में रेहड़ी पटरी वालों ने अपनी दुकानें लगा लीं। शहर में निजी वाहन और ऑटोरिक्शा की आवाजाही में भी वृद्धि देखी गई। हालांकि, घाटी के अन्य जिला मुख्यालयों में अधिकांश दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। इन्हें अलगाववादियों द्वारा घोषित छूट की अवधि में ही खोला जा रहा है। जुलाई में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी को सुरक्षा बलों द्वारा मुठभेड़ में मार गिराए जाने के बाद से कश्मीर में जारी अशांति के कारण घाटी में स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक प्रतिष्ठान बंद हैं जिसके कारण शिक्षा प्रभावित हो रही है। सरकार ने निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक बोर्ड परीक्षाएं अगले महीने ही आयोजित करने का निर्णय लिया है। सरकार के इस फैसले की विद्यार्थी और अभिभावक आलोचना कर रहे हैं।
दक्षिण कश्मीर में आठ जुलाई को एक मुठभेड़ में वानी के मारे जाने के बाद जारी अशांति में अब तक दो पुलिसकर्मी समेत 84 लोग की मौत हो चुकी है और कई हजार अन्य लोग घायल हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कश्मीर में कहीं भी लोगों की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं है। संवदेनशील इलाकों में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
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