जाति के नाम पर मंदिरों को बंद करना पूरी तरह गलतः वेंकैया

Keep politics off religion: Venkaiah Naidu
[email protected] । Feb 17 2018 11:18AM

नायडू ने धर्म के साथ राजनीति के घालमेल के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि धर्म ‘‘व्यक्तिगत’’ और ‘‘पूजा का एक माध्यम’’ होता है। उन्होंने कहा कि जाति के नाम पर मंदिरों को बंद करना पूरी तरह गलत है।

तिरूवनंतपुरम। उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने धर्म के साथ राजनीति के घालमेल के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि धर्म ‘‘व्यक्तिगत’’ और ‘‘पूजा का एक माध्यम’’ होता है। उन्होंने कहा कि जाति के नाम पर मंदिरों को बंद करना पूरी तरह गलत और धर्म, संस्कृति और देश की दृष्टि के खिलाफ है।

यहां श्री चितिरा तिरूनल स्मृति व्याख्यान देते हुए नायडू ने कहा कि सामाजिक न्याय और समावेश स्वतंत्र भारत के ताने बाने में गुंथा है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता पूर्व के भारत के सामाजिक आर्थिक संदर्भ में, दलितों के सामाजिक जुड़ाव की बाधाओं को हटाना एक बड़ी चुनौती थी। नायडू ने कहा कि दलित आंदोलन हुए जिनमें देश के विभिन्न भागों में मंदिरों में दलितों के प्रवेश की मांग को लेकर आंदोलन हुए। दलितों ने ओडिशा में जगन्नाथ मंदिर और राजस्थान में चामुंडी मंदिर में जबर्दस्ती प्रवेश किया।

उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘राजनीति को धर्म में प्रवेश नहीं करना चाहिए और धर्म को राजनीति में प्रवेश नहीं करना चाहिए। धर्म व्यक्तिगत है...यह पूजा का माध्यम है...हम अल्लाह से प्रार्थना कर सकते हैं....हम ईसा मसीह से प्रार्थना कर सकते हैं...हम राम.... कृष्ण....साईं बाबा....भगवान अयप्पा की आराधना कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम वसुधैव कुटुंबकम में भरोसा करते हैं और सबके साथ समान व्यवहार देश की आत्मा है।’’

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