श्यामा प्रसाद मुखर्जी न्यास के नाम से जाना जाएगा अब कोलकाता बंदरगाह न्यास

तूतीकोरन बंदरगाह न्यासट का नाम बदलकर वर्ष 2011 में वी.ओ. चिदम्बरनार बंदरगाह न्यासट कर किया गया और एन्नौर बंदरगाह लिमिटेड को जाने माने स्वाधीनता सेनानी और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री के.कामराजार के सम्मान में कामराजार बंदरगाह लिमिटेड नाम दे दिया गया।
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कोलकाता बंदरगाह एक प्रमुख बंदरगाह होने के साथ-साथ नदी के किनारे स्थित देश का पहला बंदरगाह है। 1870 के अधिनियम-पांच के अनुसार कलकत्ता बंदरगाह के सुधार के लिए आयुक्तों की नियुक्ति पर 17 अक्टूबर 1870 को इसे एक न्यासट द्वारा संचालित किया गया। कोलकाता बंदरगाह ने अपनी यात्रा के 150 वर्ष तय किए हैं। यह व्यापार, वाणिज्य और आर्थिक विकास के लिए भारत का मुख्य द्वार है। यह आजादी के लिए भारत के संघर्ष, प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध तथा देश में, विशेषकर पूर्वी भारत में हो रहे सामाजिक-आर्थिक बदलाव का गवाह भी रहा है। आमतौर से भारत में प्रमुख बंदरगाहों के नाम शहर अथवा उस कस्बे के नाम पर हैं जहां वे स्थित हैं। हांलाकि विशेष मामलों में अथवा जाने-माने नेताओं के योगदान को श्रद्धांजलि स्वरूप कुछ बंदरगाहों महान राष्ट्रीय नेताओं के नाम पर नया नाम दिया गया।
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न्हावा शेवा बंदरगाह को सरकार ने 1988 में जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह न्यासट नाम दिया। तूतीकोरन बंदरगाह न्यासट का नाम बदलकर वर्ष 2011 में वी.ओ. चिदम्बरनार बंदरगाह न्यासट कर किया गया और एन्नौर बंदरगाह लिमिटेड को जाने माने स्वाधीनता सेनानी और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री के.कामराजार के सम्मान में कामराजार बंदरगाह लिमिटेड नाम दे दिया गया। हाल में 2017 में कांडला बंदरगाह का नाम बदलकर दीनदयाल बंदरगाह कर दिया गया। इसके अलावा अनेक हवाई अड्डों के नाम भी भारत के महान नेताओं के नाम पर रखे गए हैं।
#Cabinet approves renaming of #Kolkata Port Trust as Kolkata Syama Prasad Mookerjee Port: Union Minister @PrakashJavdekar #CabinetDecisions pic.twitter.com/IxOOYErFNA
— PIB India (@PIB_India) June 3, 2020
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