लखनऊ जल शोधन संयंत्र के लिए भूमि चिन्हित की गई

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सुनवाई के दौरान न्यायालय को जल निगम के प्रबंध निदेशक रमाकांत पांडेय ने बताया कि अब इस मामले में केंद्रीय जल आयोग व सिंचाई विभाग को आवश्यक तकनीकी चीजें देखनी हैं।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ को बृहस्पतिवार को सूचित किया गया कि शहर के प्रस्तावित जल शोधन संयंत्र (वाटर ट्रीटमेंट प्लांट) के लिए बख्शी का तालाब में 4.6 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है। साथ ही, न्यायालय ने अधिकारियों को 15 अक्टूबर तक परियोजना की विस्तृत प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये न्यायालय के समक्ष पेश हुए जिलाधिकारी लखनऊ विशाक जी ने बताया कि बख्शी का तालाब के नगवामऊ गांव में 4.597 हेक्टेयर की जमीन प्रस्तावित की गई है और चूंकि यह जमीन नगर निगम की सीमा से बाहर है इसलिए नगर निगम के एनओसी की भी कोई आवश्यकता नहीं है।

इस पर न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 अक्टूबर की तारीख तय की है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने उत्कर्ष सेवा संस्थान की ओर से दाखिल वर्ष 2016 की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया।

याची के अधिवक्ता मोतीलाल यादव ने बताया कि शहर के कई इलाकों में पीने के पानी की समस्या पर वर्तमान याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान न्यायालय को जल निगम के प्रबंध निदेशक रमाकांत पांडेय ने बताया कि अब इस मामले में केंद्रीय जल आयोग व सिंचाई विभाग को आवश्यक तकनीकी चीजें देखनी हैं।

इस पर न्यायालय ने केंद्रीय जल आयोग व मुख्य अभियंता, सिंचाई विभाग को पक्षकार बनाने का आदेश दिया। वहीं न्यायालय ने प्रमुख सचिव नगर विकास को भी पक्षकार बनाने का आदेश देते हुए उनसे हलनामा तलब किया है।

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