सरकार की तरफ से सोशल मीडिया कंपनियों को लिखा गया लेटर, नए नियम के अनुपालन का मांगा गया विवरण

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मंत्रालय ने महत्वपूर्ण सोशल मीडिया इकाई के दायरे में आने वाले ऐप का नाम, वेबसाइट और सेवा जैसे विवरणों के अलावा, तीन प्रमुख कर्मियों के विवरण के साथ-साथ भारत में मंच के भौतिक संपर्क पते की भी मांग की है।

नयी दिल्ली। सरकार ने बुधवार को बड़े सोशल मीडिया मंचों से नये डिजिटल नियमों के अनुपालन के बारे में तुरंत स्थिति रिपोर्ट देने को कहा। मंत्रालय ने प्रमुख सोशल मीडिया मंचों को भेजे एक पत्र में कहा है कि नये नियम के बुधवार को अमल में आने के बाद उन्हें अतिरिक्त जांच-परख को लेकर कदम उठाने होंगे। पत्र में मंत्रालय ने मुख्य अनुपालन अधिकारी, भारत में रहने वाले शिकायत अधिकारी और संपर्क के लिये नोडल अधिकारी के बारे में पूरी जानकारी और संपर्क सूचना देने को कहा है।नये नियमों के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को इन अधिकारियों को नियुक्ति करने की जरूरत है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘जैसा कि आप अपनी मूल कंपनी या किसी अन्य सहायक कंपनी के जरिये भारत में विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करते हैं, इनमें से कुछ आईटी अधिनियम और उपरोक्त नियमों के संदर्भ में एसएसएमआई (महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ) की परिके अंतर्गत आते हैं। अत: इन नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिये, आपसे निम्नलिखित जानकारी प्रदान करने का अनुरोध है....।’’ मंत्रालय ने महत्वपूर्ण सोशल मीडिया इकाई के दायरे में आने वाले ऐप का नाम, वेबसाइट और सेवा जैसे विवरणों के अलावा, तीन प्रमुख कर्मियों के विवरण के साथ-साथ भारत में मंच के भौतिक संपर्क पते की भी मांग की है।

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पत्र के अनुसार मंचों से नये नियमों के अनुपालन के संदर्भ में अपनी स्थिति बताने को कहा गया है। इसमें कहा गया है, ‘‘यदि आपको एसएसएमआई नहीं माना जाता है, तो कृपया आपके द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रत्येक सेवाओं पर पंजीकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या सहित इसके कारण के बारे में जानकारी दे। इन नियमों और आईटी अधिनियम के तहत सरकार किसी भी अतिरिक्त जानकारी की मांग करने का अधिकार सुरक्षित रखती है।’’ मंत्रालय ने बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों से कहा है कि वे जल्द से जल्द और हो सके तो आज ही जानकारी उपलब्ध करायें। इस नए नियम के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसी बड़े सोशल मीडिया मंचों को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी। इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं। नियमों का पालन न करने के परिणामस्वरूप इन सोशल मीडिया कंपनियों को अपनी मध्यस्थ इकाई का दर्जा खोना पड़ सकता है। यह स्थिति उन्हें किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारी और उनके द्वारा ‘होस्ट’ किए गए डाटा के लिए दायित्वों से छूट और सुरक्षा प्रदान करती है। दूसरे शब्दों में, अनुपालन के मामले में उन पर आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है। नए नियमों के अनुसार अधिकारियों द्वारा अगर किसी सामग्री को लेकर आपत्ति जतायी जताी है और उसे हटाये जाने के लिये कहा जाता है तो उन्हें 36 घंटे के भीतर कदम उठाना होगा। उन्हें शिकायतों का जवाब देने के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित करने की आवश्यकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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