सिंघू बॉर्डर पर लगा कूड़े का अंबार, किसानों ने कहा- ज्यादातर सफाई खुद ही कर रहे

 Singhu border

कागज और प्लास्टिक के गिलासों के ढेर, बोतलें, फलों के छिलके, खाना बनाने से होने वाला कूड़ा,गंदे शौचालय और ठहरा हुआ पानी बदूब पैदा कर रहे हैं, जिससे प्रदर्शन स्थल की हालत बदतर हो गई है।

नयी दिल्ली। दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर बीते 15 दिन से बड़ी संख्या में किसान कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, जहां अब कूड़े का अंबार लग गया है। कई किसानों की शिकायत है कि उन्हें प्रदर्शन स्थल की साफ-सफाई के लिये प्रशासन की ओर से बहुत कम मदद मिल रही है। कागज और प्लास्टिक के गिलासों के ढेर, बोतलें, फलों के छिलके, खाना बनाने से होने वाला कूड़ा,गंदे शौचालय और ठहरा हुआ पानी बदूब पैदा कर रहे हैं, जिससे प्रदर्शन स्थल की हालत बदतर हो गई है। पच्चीस नवंबर से यहां डटे करनाल के एक किसान ने कहा, नगर निगम के कर्मचारी एक बार ही साफ-सफाई के लिये आते हैं। सफाई के अधिकतर प्रयास किसानों को ही करने पड़ रहे हैं। दिल्ली और हरियाणा दोनों ओर नगर निगमों के कर्मचारी प्रदर्शन स्थल पर साफ-सफाई करते देखे जा सकते हैं, लेकिन किसानों का कहना है कि बड़ी तादाद में लोगों के जमा होने के चलते यहां सफाई रखने के लिये इतना काफी नहीं हैं। पंजाब के रामगढ़ के निवासी प्रदर्शनकारी गुरविंदर सिंह ने कहा, कई दिनों से शौचालयों की सफाई नहीं हुई है। सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही। 

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तीस नवंबर से सीमा पर प्रदर्शन कर रहे सिंह ने कहा कि थोड़ी बहुत जो सफाई हो रही है, वह सफाई पसंद किसानों की वजह से हो रही है, जो खुद ही अपने आसपास की सफाई कर रहे हैं। प्रदर्शन स्थल पर दिल्ली सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए मोबाइल शौचालय किसानों की संख्या के हिसाब से पर्याप्त नहीं दिखते, यही वजह है कि मजबूरी में उन्हें खुल स्थान पर पेशाब करना रहा है। पंजाब के फिरोजपुर के किसान भजन सिंह ने कहा कि यहां किसान अधिक हैं और उनके अनुपात में शौचालय कम।उन्होंने कहा कि यही वजह है कि खुले में पेशाब करने को मजबूर होना पड़ रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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