लोकसभा में नहीं थमा हंगामा, बार-बार बाधित हुई कार्यवाही, प्रह्लाद जोशी बोले- पता नहीं क्यों बदल गए विपक्षी नेता

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संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘मैंने नेताओं से चर्चा की थी। सहमति बनी थी कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करनी है।’’ उन्होंने विपक्षी सदस्यों के हंगामे पर निराशा जताते हुए कहा कि आप क्यों पलट गए, मुझे नहीं पता।

नयी दिल्ली। विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को भी लोकसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही नहीं चल सकी और दो बार के स्थगन के बाद बैठक को शाम सात बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आसन के समीप आकर विरोध जता रहे विपक्षी सदस्यों से नाराजगी जताते हुए कहा कि ‘‘संसदीय मर्यादाओं के उल्लंघन’’ पर उन्हें कार्रवाई करनी पड़ेगी। सदन की बैठक शुरू होने पर कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से प्रश्नकाल निलंबित कर सबसे पहले किसानों के मुद्दे पर चर्चा शुरू कराने का अनुरोध किया। 

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उन्होंने कहा कि इस मामले में दुनिया में भारत की छवि खराब हो रही है। बिरला ने इसकी अनुमति नहीं दी और प्रश्नकाल चलाने का निर्देश दिया। इस बीच कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक के कुछ सदस्य और आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गये। वे विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग दोहरा रहे थे। अध्यक्ष बिरला ने विपक्ष के कुछ सदस्यों के व्यवहार पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कुछ सदस्य संसदीय मर्यादाओं का बहुत उल्लंघन करते हैं और बार-बार ऐसा होने पर उन्हें अनुशासन की कार्रवाई करनी पड़ेगी।

उन्होंने विपक्षी दलों के सदस्यों से उनकी सीटों पर जाने का आग्रह करते हुए कहा कि वह सभी विषयों पर चर्चा कराने को तैयार हैं और इस संबंध में सरकार से भी आग्रह करेंगे। हालांकि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और आप समेत विपक्षी दलों के सदस्यों की नारेबाजी जारी रही जिसके कारण अध्यक्ष बिरला ने कार्यवाही शाम 4.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। बैठक 4.30 बजे पुन: शुरू होने पर स्थिति ज्यों की त्यों रही। हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया और भाजपा के जगदम्बिका पाल ने प्रश्न पूछना शुरू किया। इस बीच, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सदस्य चाहते हैं कि किसानों से संबंधित मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और कृषि कानूनों के मुद्दे पर अलग-अलग चर्चा करायी जाए। 

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इसी दौरान आम आदमी पार्टी के भगवंत मान आसन के समीप आकर विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में नारा लगाने लगे। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर काफी चर्चा हो गई है और अब कानून वापस लिया जाए। इस पर अध्यक्ष बिरला ने कहा कि सभी सदस्य अपने-अपने स्थान पर जाएं और ‘‘मैं आपको बात रखने का पर्याप्त मौका दूंगा’’। उन्होंने कहा, ‘‘भगवंत मान जी आप चर्चा करना चाहते हैं तब अपने स्थान पर जाएं और संसदीय मार्यादाओं का पालन करें अन्यथा कार्रवाई करनी पड़ेगी।’’ हालांकि, विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा जारी रहा। हंगामा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शाम 5 बजे तक के लिये स्थगित कर दी।

सदन की बैठक पांच बजे फिर शुरू हुई तो लोकसभा अध्यक्ष ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘जिस लिए आपको चुनकर भेजा गया है, आप जनता के उन मुद्दों को शून्यकाल के माध्यम से सरकार तक पहुंचा सकते हैं। मैं आपको शून्यकाल में पर्याप्त समय और अवसर दूंगा। अपनी-अपनी सीट पर जाइए।’’ संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘‘मैंने नेताओं से चर्चा की थी। सहमति बनी थी कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करनी है।’’ उन्होंने विपक्षी सदस्यों के हंगामे पर निराशा जताते हुए कहा, ‘‘आप क्यों पलट गए, मुझे नहीं पता। यह राष्ट्रपति का भी अपमान है। चर्चा आरंभ करनी चाहिए।’’ हालांकि शोर-शराबा थमता नहीं देख अध्यक्ष बिरला ने बैठक को शाम सात बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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