गृह मंत्री ने राज्यों से मादक पदार्थों के खतरे से निपटने को शीर्ष प्राथमिकता बनाने के लिए कहा
शाह ने पॉक्सो अधिनियम के मामले को शीर्ष प्राथमिकता देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में जांच 60 दिन के भीतर पूरा करने की सीमा का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।
तिरुपति| केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को राज्यों से मादक पदार्थ के खतरे से निपटने और इसके प्रसार को रोकने को शीर्ष प्राथमिकता देने के लिए कहा है।
शाह ने रविवार रात 29वीं दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में समापन टिप्पणी में कहा, ‘‘ मुख्यमंत्रियों को मादक पदार्थ के खतरे से निपटने और इसके प्रसार को रोकने को शीर्ष प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि मादक पदार्थ का सेवन हमारे युवाओं के जीवन और क्षमता को नष्ट करता है।’’
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केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्यों से कहा कि बच्चों के खिलाफ अपराध ‘अस्वीकार्य’ हैं और पॉक्सो अधिनियम (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण)के मामलों को ‘थोड़ा भी बर्दाश्त न किया जाए।’’
शाह ने पॉक्सो अधिनियम के मामले को शीर्ष प्राथमिकता देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में जांच 60 दिन के भीतर पूरा करने की सीमा का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।
उन्होंने राज्यों से आपराधिक मामलों में जल्दी सजा दिलाने के लिए अभियोजन निदेशक की एक स्वतंत्र संस्था बनाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम में संशोधन के लिए कदम उठाए हैं।
शाह ने राज्यों से संशोधनों के लिए अपने सुझाव देने के लिए कहा है। राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना का उल्लेख करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि राज्यों को वैज्ञानिक विधि से जांच की जरूरतों को पूरा करने और इसके लिए श्रमशक्ति को प्रशिक्षित करने के लिए स्थानीय में पाठ्यक्रम के साथ कम से कम एक फॉरेंसिक विज्ञान कॉलेज स्थापित करने चाहिए।
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