क्या है मानेसर जमीन घोटाला? भूपेंद्र हुड्डा को HC से नहीं मिली राहत, अब CBI कोर्ट में तय होंगे आरोप

Hooda
ANI
अभिनय आकाश । Nov 8 2025 4:05PM

तत्कालीन हुड्डा सरकार के समय करीब १०० एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर उसे बिल्डर्स को औने-पौने दाम पर बेचा गया। सुप्रीम कोर्ट ने 2007 में अधिग्रहण को रद्द किया और सीबीआई जांच आदेश दिया। 2018 में हुड्डा मेत 34 लोगों के खिलाफ रोपपत्र दाखिल किया गया था।

पंजाब- हरियाणा हाई कोर्ट ने मानेसर लैड स्कैम में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की याचिका खारिज कर दी है। सीबीआई के स्पेशल कोर्ट में आरोप तय करने की प्रक्रिया शुरू हो सकेगे। फिर ट्रायल होगा। आरोप है कि तत्कालीन हुड्डा सरकार के समय करीब १०० एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर उसे बिल्डर्स को औने-पौने दाम पर बेचा गया। सुप्रीम कोर्ट ने 2007 में अधिग्रहण को रद्द किया और सीबीआई जांच आदेश दिया। 2018 में हुड्डा मेत 34 लोगों के खिलाफ रोपपत्र दाखिल किया गया था।

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हुड्डा ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 528 के तहत यह याचिका दाखिल की थी, जिसमें पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के 19 सितंबर 2025 के आदेश को चुनौती दी गई थी। अदालत ने हुड्डा की अर्जी नामंजूर करते हुए आरोप तय करने के लिए सूचीबद्ध किया था।

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क्या है पूरा मामला

सीबीआई ने 15 सितंबर 2015 को एफआईआर दर्ज की थी। आरोप है कि उस समय सीएम रहे हुड्डा और उनके वरिष्ठ अधिकारी मुख्य सचिव मुरारी लाल तायल, अतिरिक्त प्रधान सचिव चत्तर सिंह, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के निदेशक सुदीप सिंह ढिल्लों व जिला टाउन प्लानर जसवंत सिंह ने मिलकर साजिश के तहत अधिग्रहण की प्रक्रिया जानबूझकर खत्म कर दी। इससे किसानों और राज्य सरकार को भारी नुकसान हुआ, जबकि बिल्डरों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।

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