मनीष तिवारी ने CAB को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया, बोले- सरकार एक व्यापक कानून लाए

manish-tewari-calls-cab-against-constitutional-spirit
[email protected] । Dec 9 2019 6:23PM

लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक है, संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। जिन आदर्शों को लेकर बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने संविधान की रचना की थी, यह उसके भी खिलाफ है। उन्होंने कहा कि हम शरणार्थियों को पनाह देने के खिलाफ नहीं हैं।

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को असंवैधानिक एवं संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया और कहा कि इसमें न केवल धर्म के आधार पर भेदभाव किया गया है बल्कि यह सामाजिक परंपरा और अंतरराष्ट्रीय संधि के भी खिलाफ है। लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा, ‘‘यह विधेयक असंवैधानिक है, संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। जिन आदर्शों को लेकर बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने संविधान की रचना की थी, यह उसके भी खिलाफ है।’’ 

इसे भी पढ़ें: नागरिकता संशोधन विधेयक पर बोले गहलोत, किस दिशा में जा रहा है मुल्क

उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून में आठ बार संशोधन किया गया है लेकिन जितनी उत्तेजना इस बार है, उतनी कभी नहीं थी। इसका कारण यह है कि यह अनुच्छेद 14, 15, 21, 25 और 26 के खिलाफ है। तिवारी ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 14 किसी भी व्यक्ति को भारत के कानून के समक्ष बराबरी की नजर से देखने की बात कहता है। लेकिन यह विधेयक बराबरी के सिद्धांत के खिलाफ है। 

उन्होंने कहा कि संविधान में किसी के साथ जाति, धर्म के आधार पर विभेद नहीं करने की बात कही गई है तब नागरिकता देते समय भेदभाव कैसे किया जा सकता है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि ऐसे में संवैधानिक दृष्टिकोण से यह सभी आधारों पर उचित नहीं है।उन्होंने कहा कि संविधान का मूलभूत ढांचा कहता है कि हर कानून को पंथ निरपेक्ष होना चाहिए, यह विधेयक उसका भी उल्लंघन करता है। यह विधेयक संविधान की प्रस्तावना का भी उल्लंघन करता है। 

इसे भी पढ़ें: CAB भाजपा के घोषणापत्र का हिस्सा रहा है, शाह बोले- जनता ने दी है इसकी मंजूरी

मनीष तिवारी ने कहा कि इस विषय पर कुछ अंतरराष्ट्रीय संधि भी हैं। इसमें कहा गया है कि अगर कोई मानवीय आधार पर शरण मांगता है तो उसे पनाह देनी होगी। यह उस भावना के भी खिलाफ है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि श्रीलंका के लिये एक कानून, भूटान के लिये दूसरा, मालदीव के लिये अलग कानून बनाया जा रहा हो। 

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह भारत की सामाजिक परंपरा के भी खिलाफ है। विधेयक को बड़ी गलती करार देते हुए उन्होंने कहा कि हम शरणार्थियों को पनाह देने के खिलाफ नहीं हैं लेकिन चाहते हैं कि सरकार एक व्यापक शरणार्थी कानून लेकर आए।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़