मेरठ : जागृति विहार एक्सटेंशन में किसानो ने आवंटित जमीन जोतकर बोई सरसो

किसानों ने जमीन की जुताई शुरू कर दी
राजीव शर्मा । Oct 28 2021 10:35AM

जागृति विहार एक्सटेंशन में बढ़े हुए प्रतिकर की मांग को लेकर 13 जुलाई से धरने पर बैठे थे। अपनी मांगों पर सुनवाई न होने से किसान बुधवार को आक्रोशित हो गए। नाराज किसानों ने आवंटित जमीन ट्रैक्टर चलाकर जोत दिया। इसके बाद किसानों ने जमीन पर सरसों बो दी।

मेरठ,  किसान जागृति विहार एक्सटेंशन में बढ़े हुए प्रतिकर की मांग को लेकर कई साल से प्रदर्शन कर रहे हैं। इसको लेकर किसानों का धरना प्रदर्शन भी चल रहा है। बुधवार को किसानों ने बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने आवास विकास अफसरों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ट्रैक्टर जुलूस निकाला। इसके बाद कई सेक्टरों की भूमि को जोतकर सरसों बो दी गई। गुस्साए किसानों ने अफसरों पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। किसानों का कहना था कि  आवास विकास के अफसरों ने 1 महीने में समस्या के निदान का आश्वासन दिया था लेकिन ढाई महीने बाद भी कुछ नहीं हुआ। बुधवार को भी जुताई के दौरान ना तो जिला प्रशासन का कोई अफसर पहुंचा और ना ही आवास विकास से कोई अधिकारी।

अर्जित भूमि किसान संगठन के बैनर तले मंगलवार देर शाम किसानों की बैठक जागृति विहार एक्सटेंशन स्थित धरना स्थल पर हुई थी। इस दौरान किसानों ने आवंटित भूमि को जोतकर सरसों बोने का निर्णय लिया था। किसानों ने कहा कि 14 अगस्त को आवास विकास के अधिकारी धरना स्थल पर आए थे। उन्होंने एक माह में समस्या का निस्तारण करने का आश्वासन दिया था। लेकिन ढाई माह बाद भी कोई निस्तारण नहीं हुआ। खास बात रही कि किसानों ने आवंटित जमीन को जोतने की पहले ही घोषणा की थी। उस पर बुवाई करने के बारे में भी पहले ही सूचना दे दी थी, लेकिन बुधवार को आवंटित जमीन की जुताई के समय भी आवास विकास का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इसके साथ ही जिला प्रशासन के भी किसी अधिकारी ने भी किसानों की समस्या सुनने की जहमत नहीं उठाई।

इस दौरान वह मौजूद भरत भड़ाना, कुंदन सिंह, कालूराम, संदीप कुमार, नरेश पाल, हुकुम सिंह श्रीपाल, संतराम, साहब सिंह, धर्मपाल सिंह, अशफाक आदि ने कहा कि आवास विकास के अधिकारी 14 अगस्त को आए थे। एक महीने में समस्या के निस्तारण का आश्वासन दिया था। अब ढाई महीने बीत चुके हैं लेकिन कोई सकारात्मक बात करना तो दूर उनकी सुध तक नहीं ली गई। ऐसे में जमीन जोतने का ऐलान किया गया।

बुधवार को सुबह से ही धरना स्थल पर काजीपुर, घोसी पुर, सराय काजी व लोहिया नगर आदि के किसान इकट्ठा हुए। किसानों ने दोपहर 1 बजे तक लगातार अधिकारियों के फोन मिलाएं और वार्ता के लिए बुलाया। इसके बाद गुस्साए किसानों ने धरना स्थल पर दर्जन भर ट्रैक्टरों के साथ ट्रैक्टर जुलूस निकाला। जिला प्रशासन व आवास विकास से कोई भी अधिकारी व स्टाफ किसानों के बीच नहीं पहुंचा।

संगठन के महामंत्री भारत भड़ाना ने बताया कि अफसरों का रवैया स्तब्ध करने वाला है। सीधे तौर पर किसानों की आवाज को अनसुना किया जा रहा है। अध्यक्ष हुकुम सिंह ने कहा कि पांचवी दीपावली आने वाली है लेकिन किसानों को बड़े हुए प्रति कर के रूप में एक फूटी कौड़ी नहीं दी गई। आवास विकास के अधिशासी अभियंता एमबी कौशिक ने टीम के साथ 14 अगस्त को पहुंचकर आश्वासन दिया था लेकिन ढाई महीने बाद भी कुछ नहीं हुआ। इसके बाद किसानों ने जमीन की जुताई शुरू कर दी। सेक्टर 2, 3, 5 व 7 पर जताई की गई जबकि कई अन्य सेक्टरों में पहले से ही फसल खड़ी की गई है। जुताई के बाद किसानों ने हाथों-हाथ सरसों के बीच रोपित  कर दिए। किसानों ने ऐलान किया कि अब आर-पार की लड़ाई होगी। बिना बढ़ा हुआ प्रति कर मिले किसी भी आवंटी को कब्जा नहीं दिया जाएगा।

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