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क्या सरकार-किसान संगठनों की नौवें दौर की वार्ता होगी ? कृषि मंत्री ने दिया यह जवाब
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 14, 2021 18:45
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उच्चतम न्यायालय द्वारा गतिरोध सुलझाने के लिए चार सदस्यीय कमेटी नियुक्त किए जाने और फिर एक सदस्य के इससे अलग हो जाने के कारण नौवें दौर की वार्ता को लेकर भ्रम की स्थिति को दूर करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच 15 जनवरी को दिन में 12 बजे से बैठक होगी।
नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रदर्शनकारी किसान संगठनों और सरकार के बीच नौवें दौर की वार्ता तय कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को होगी और केंद्र को उम्मीद है कि चर्चा सकारात्मक होगी। तोमर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार खुले मन से किसान नेताओं के साथ बातचीत करने को तैयार है।’’
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उच्चतम न्यायालय द्वारा गतिरोध सुलझाने के लिए चार सदस्यीय कमेटी नियुक्त किए जाने और फिर एक सदस्य के इससे अलग हो जाने के कारण नौवें दौर की वार्ता को लेकर भ्रम की स्थिति को दूर करते हुए तोमर ने कहा कि सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच 15 जनवरी को दिन में 12 बजे से बैठक होगी। किसान संगठनों ने कहा है कि वे सरकार के साथ वार्ता करने को तैयार हैं। लेकिन, वे उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त कमेटी के समक्ष पेश नहीं होना चाहते हैं।
किसान संगठनों ने समिति के सदस्यों को लेकर आशंका जाहिर करते हुए कहा कि इसके सदस्य पूर्व में तीनों कानूनों की पैरवी कर चुके हैं। इससे पहले दिन में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिन्दर सिंह मान ने कहा कि वह कृषि कानूनों पर किसानों और केंद्र के बीच गतिरोध को सुलझाने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित चार सदस्यीय समिति से अलग हो गए हैं। मान ने कहा कि समिति में उन्हें सदस्य नियुक्त करने के लिए वह शीर्ष अदालत के आभारी हैं लेकिन किसानों के हितों से समझौता नहीं करने के लिए वह उन्हें पेश किसी भी पद का त्याग कर देंगे।
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उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘खुद किसान होने और यूनियन का नेता होने के नाते किसान संगठनों और आम लोगों की भावनाओं और आशंकाओं के कारण मैं किसी भी पद को छोड़ने के लिए तैयार हूं ताकि पंजाब और देश के किसानों के हितों से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं हो।’’ मान ने कहा, ‘‘मैं समिति से अलग हो रहा हूं और मैं हमेशा अपने किसानों और पंजाब के साथ खड़ा रहूंगा।’’
पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान नए कृषि कानूनों को निरस्त करवाने के लिए पिछले कई सप्ताह से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान संगठन, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार, कानून, 2020, कृषक उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) कानून, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून को निरस्त किए जाने की मांग कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय के स्थापना दिवस पर लोगों को शुभकामनाएं दीं
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 21, 2021 10:15
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर, त्रिपुरा और मेघालय के स्थापना दिवस पर वहां के लोगों को बृहस्पतिवार को बधाई और शुभकामनाएं दीं। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘राज्य स्थापना दिवस पर मणिपुर के लोगों को बधाई।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर, त्रिपुरा और मेघालय के स्थापना दिवस पर वहां के लोगों को बृहस्पतिवार को बधाई और शुभकामनाएं दीं। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘राज्य स्थापना दिवस पर मणिपुर के लोगों को बधाई। भारत को राष्ट्रीय विकास में राज्य के योगदान पर गर्व है।’’साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य नवोन्मेष और खेल कूद संबंधी प्रतिभा का गढ़ है। मोदी ने राज्य को उसकी विकास यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘त्रिपुरा के स्थापना दिवस पर राज्य के लोगों को शुभकामनाएं।
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त्रिपुरा की संस्कृति और लोगों के गर्मजोशी वाले स्वभाव की समूचे भारत में लोग सराहना करते हैं। राज्य ने अलग-अलग क्षेत्रों में शानदार प्रगति की है। कामना है कि यही भावना कायम रहे।’’ मेघालय के लोगों को शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य को भलमनसाहत और भाईचारे की भावना के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘मेघालय के युवा रचनात्मक और उद्यमशील हैं। कामना है कि राज्य आगामी दिनों में प्रगति की नयी ऊंचाइयों को छुए।
Statehood Day greetings to the people of Manipur. India is proud of Manipur’s contribution to national development. Manipur is a powerhouse of innovation and sporting talent. I wish the state the very best in its journey towards progress.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 21, 2021
Best wishes to the people of Tripura on the special occasion of their Statehood Day. The culture and warm-hearted nature of the people of Tripura is admired across India. The state has achieved outstanding progress in various fields. May the same spirit continue.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 21, 2021
On their Statehood Day, greetings to my sisters and brothers of Meghalaya. This state is known for its remarkable kindness and spirit of brotherhood. Youngsters from Meghalaya are creative and enterprising. May the state keep scaling new heights of progress in the times to come.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 21, 2021
जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश के लिए अब कोरोना के निगेटिव रिपोर्ट की जरूरत नहीं
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 21, 2021 09:33
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श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने बताया कि श्रद्धालु मंदिर में 21 जनवरी से सुबह सात बजे से प्रवेश कर सकते हैं। इस तरह, कोविड-19 रिपोर्ट पेश करने की अनिवार्यता हट गई है।
पुरी। पुरी में भगवान जगन्नाथ के मंदिर के अंदर करीब 10 महीने बाद बृहस्पतिवार से श्रद्धालु फिर से प्रवेश कर सकेंगे और उन्हें कोविड-19 की निगेटिव (जांच) रिपोर्ट दिखाने की जरूरत नहीं होगी। पुरी जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस के साथ बैठक के बाद श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजीटीए) के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने बताया कि 12वीं सदी के इस मंदिर में प्रवेश के लिए कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट पेश करने का प्रावधान खत्म करने का फैसला किया गया है।
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उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘श्रद्धालु मंदिर में 21 जनवरी से सुबह सात बजे से प्रवेश कर सकते हैं। इस तरह, कोविड-19 रिपोर्ट पेश करने की अनिवार्यता हट गई है।’’ पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने कहा कि बृहस्पतिवार से प्रति दिन कम से कम 30,000 श्रद्धालुओं के सुगमता से (भगवान जगन्नाथ के) दर्शन के लिए व्यवस्था की गई है। यह मंदिर देश के चार धामों में शामिल है, जिनमें पूर्व में जगन्नाथ पुरी, पश्चिम में द्वारका, उत्तर में बद्रीनाथ और दक्षिण में रामेश्वरम शामिल हैं।
असम में कोरोना वैक्सीन की 1,000 खुराकें हुईं बर्बाद, जांच के आदेश दिए गए
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 21, 2021 09:24
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कछार की उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने कहा कि वर्तमान में जारी टीकाकरण अभियान पर इस बर्बादी का असर नहीं पड़ेगा। मंगलवार को यह मामला प्रकाश में आया।
सिलचर। असम के कछार जिले में स्थित सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में शून्य डिग्री से कम तापमान में भंडारण के कारण कोविड-19 टीके की 1,000 खुराकें जम गईं और बर्बाद हो गईं। प्रशासन ने इसके कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए हैं। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। कछार की उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने कहा कि वर्तमान में जारी टीकाकरण अभियान पर इस बर्बादी का असर नहीं पड़ेगा। मंगलवार को यह मामला प्रकाश में आया।
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उन्होंने कहा कि कोविशील्ड टीके की 100 शीशियां मुख्य रूप से भंडारण सुविधा और कोल्ड स्टोर प्रबंधन में खामियों के कारण खराब हो गईं। जल्ली ने कहा, हालांकि, हमने इस घटना की जांच शुरू कर दी है, ताकि खामियों के पीछे का कारण पता चल सके। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से टीकाकरण अभियान में बाधा नहीं आएगी क्योंकि हमारे पास टीके का पर्याप्त भंडार है। असम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक डॉ. एस लक्ष्मणन ने कहा कि टीके के भंडारण और आपूर्ति के लिए जिम्मेदार लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।

