मेघालय के सासंद ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सीमा विवाद के समाधान का आग्रह किया

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पूर्वोत्तर में सीमा विवादों पर बढ़े तनाव के बीच, मेघालय के लोकसभा सांसद विंसेंट एच पाला ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि अंतरराज्यीय सीमा संघर्ष की घटनाएं न केवल बढ़ रही है।

शिलांग। पूर्वोत्तर में सीमा विवादों पर बढ़े तनाव के बीच, मेघालय के लोकसभा सांसद विंसेंट एच पाला ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि अंतरराज्यीय सीमा संघर्ष की घटनाएं न केवल बढ़ रही हैं, बल्कि असम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के तहत इसने एक आक्रामक रूप ले लिया है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि अंतरराज्यीय सीमाओं पर उकसावे की कार्रवाई और ‘‘आक्रामक रुख’’ पड़ोसी राज्यों के बीच बेहतर संबंधों के लिए खतरनाक है।

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शिलांग से तीन बार से लोकसभा सांसद पाला ने मोदी को लिखे पत्र में कहा, ‘‘असम की वर्तमान भाजपा नीत सरकार में, इस तरह के संघर्ष न केवल बढ़ रहे हैं, बल्कि बहुत अधिक आक्रामक रूप ले चुके हैं।’’ पड़ोसी राज्यों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप की मांग करते हुए, पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा, “मैं ईमानदारी से आपसे इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने का आग्रह करता हूं। क्षेत्र की प्रगति के लिए लंबे समय से संघर्ष किया जा रहा है... और इसे खत्म होने देना बड़े अफसोस की बात होगी।’’ उन्होंने कहा कि असम-मिजोरम सीमा पर हाल में हुआ संघर्ष, जिसमें छह लोगों की जान चली गई थी, ने एक बार फिर क्षेत्र की शांति और स्थिरता की संवेदनशीलता को उजागर किया है।

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सांसद ने कहा कि त्रिपुरा और मणिपुर को छोड़कर, पूर्वोत्तर के अन्य सभी राज्यों का असम के साथ सीमा विवाद है। उन्होंने कहा कि इसने पिछले कुछ वर्षों में भूमि, वन संसाधनों के साथ-साथ जातीय संघर्षों को भी जन्म दिया है। इस बीच, नॉर्थ ईस्ट एमपी फोरम, जिसके पाला महासचिव हैं, ने असम और मिजोरम दोनों सरकारों से सीमा पर शांति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने को कहा है। फोरम ने दोनों राज्यों से लंबे समय से लंबित विवाद को सुलझाने के ईमानदार उद्देश्य से साथ आने की अपील की। उसने कहा कि असम-मिजोरम सीमा पर हाल में हुआ घटनाक्रम पूर्वोत्तर के लोगों के लिए बड़े दुख और खेद की बात है।

फोरम के अध्यक्ष किरेन रिजिजू और इसके महासचिव द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘पूर्वोत्तर के संसद सदस्यों की ओर से, हम दोनों पक्षों और सरकारों से सीमा पर शांति सुनिश्चित करने के लिए सुलह के कदम उठाने की अपील करते हैं।’’ बयान में कहा गया है, ‘‘दोनों पक्षों की ओर जानमाल का नुकसान दुखद है… और हम प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करना चाहते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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