जम्मू कश्मीर के आतंकी हमले पर महबूबा ने कहा- कोई हमारे मुल्क की गोली से मरे तो ठीक, लेकिन आतंकी की गोली से मरे तो गलत कैसे?

महबूबा ने सेना और सरकार के सिस्टम पर सवाल उठाते हुए कहा है कि हमें आतंकियों की गोली से मारे जाने वाले परिजनों से तो मिलने दिया जाता है लेकिन सीआरपीएफ की गोली से मारे जाने वाले के परिवार से नहीं मिलने दिया जाता है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी यानी पीडीपी जिनकी मुखिया हैं महबूबा मुफ्ती जिन्हें अक्सर कई मौके पर देश के खिलाफ बयानबाजी करते हुए देखा जाता है वहीं पाकिस्तान के प्रति लगाव से भी पुराना राबता रहा है। ड्रग्स केस में फंसे आर्यन खान की पैरोकार बनीं महबूबा ने अब देश की सेना और आतंकियों को एक ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। महबूबा ने सेना और सरकार के सिस्टम पर सवाल उठाते हुए कहा है कि हमें आतंकियों की गोली से मारे जाने वाले परिजनों से तो मिलने दिया जाता है लेकिन सीआरपीएफ की गोली से मारे जाने वाले के परिवार से नहीं मिलने दिया जाता है।
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महबूबा मुफ्ती ने एक सभा को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती कहती हैं, ”हम आतंकवादियों की गोलियों से मरने वालों के परिजनों से मिलते हैं। हाल ही में सीआरपीएफ ने एसटी समुदाय के एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हम उनके परिवार से मिलने गए, लेकिन उसके घर पर ताला लगा हुआ था।” उन्होंने कहा कि ये कैसा सिस्टम है इनका कि अगर हमारे मुल्क की गोली से मरे वो ठीक, लेकिन मिलिटेंट की गोली से मरे वो गलत है। मेरी नजर में दोनों गलतियां बराबर हैं।
#WATCH | We meet kin of those who die due to militants' bullets. Recently,CRPF shot dead a person of ST community. Went to meet his family but house was locked. Yeh kaisa system hai inka,koi humare mulk ki goli se mare vo thik hai, militant ki goli se mare vo galat:Mehbooba Mufti pic.twitter.com/6plCKVEMGy
— ANI (@ANI) October 11, 2021
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गौरतलब है कि इससे पहले महबूबा ने आर्यन मामले में बयान देते हुए कहा था कि चार किसानों की हत्या के आरोपी केंद्रीय मंत्री के बेटे के मामले में निष्पक्ष जांच के बजाय केंद्रीय एजेंसियां 23 साल के लड़के के पीछे इस वजह से पड़ी हैं क्योंकि उसका उपनाम खान है। बीजेपी के कोर वोट बैंक की इच्छाओं को पूरा करने के लिए मुसलमानों को निशाना बनाया जाता है।
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