उत्तर प्रदेश की खबरें: मंत्री नंद गोपाल ने वरासत, सीमांकन और दाखिल खारिज के मामलों का त्वरित निस्तारण कराने के निर्देश दिए

Minister Nand Gopal

उत्तर प्रदेश के नागरिक उड्डयन, अल्पसंख्यक कल्याण, राजनैतिक पेंशन मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री व प्रयागराज शहर दक्षिणी विधायक नन्द गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने आज प्रयागराज निरीक्षण भवन में कानून व्यवस्था, राजस्व, कोविड -19 के नियंत्रण एवं अन्य विकास कार्यों को लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

प्रदेश के वर्तमान में सभी तटबन्ध सुरक्षित हैं, कहीं भी किसी प्रकार की चिन्ताजनक परिस्थिति नहीं है। गत 24 घंटे में प्रदेश में 1.7 मि0मी0 औसत वर्षा हुई है, जो सामान्य वर्षा से 9.7 मि0मी0 के सापेक्ष 18 प्रतिशत। प्रदेश में 01 जून, 2021 से अब तक 161.8 मि0मी0 औसत वर्षा हुए, जो सामान्य वर्षा 148.2 मि0मी0 के सापेक्ष 109 प्रतिशत। रोहिणी नदी, त्रिमोहिनी घाट पर खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश के वर्षा से प्रभावित जनपदों में सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 तथा पी0ए0सी0 की कुल 37 टीमें तैनाती की गयी है। 283 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है तथा 126 मेडिकल टीमें लगायी गयी। एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 द्वारा 152 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। अब तक कुल 3675 ड्राई राशन किट वितरित किए गये। अब तक कुल 11,701 फूड पैकेट वितरित किए गए। प्रदेश में 330 बाढ़ शरणालय तथा 500 बाढ़ चौकी स्थापित की गयी। प्रदेश में विगत 24 घंटों में स्थापित किए गए पशु शिविर की संख्या 03। अब तक कुल 123 पशु शिविर स्थापित किये गये।

विगत 24 घंटों में पशु टीकाकरण की संख्या 292 तथा अब तक कुल पशु टीकाकरण की संख्या 61690

उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त रणवीर प्रसाद ने वर्षा की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश के वर्तमान में सभी तटबन्ध सुरक्षित हैं, कहीं भी किसी प्रकार की चिन्ताजनक परिस्थिति नहीं है। गत 24 घंटे में प्रदेश में 1.7 मि0मी0 औसत वर्षा हुई है, जो सामान्य वर्षा से 9.7 मि0मी0 के सापेक्ष 18 प्रतिशत है। इस प्रकार प्रदेश में 01 जून, 2021 से अब तक 161.8 मि0मी0 औसत वर्षा हुए, जो सामान्य वर्षा 148.2 मि0मी0 के सापेक्ष 109 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि रोहिणी नदी, त्रिमोहिनी घाट पर खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश के वर्षा से प्रभावित जनपदों मंे सर्च एवं रेस्क्यू हेतु एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 तथा पी0ए0सी0 की कुल 37 टीमें तैनाती की गयी है, 283 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है तथा 126 मेडिकल टीमें लगायी गयी है। एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 द्वारा 152 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। प्रसाद ने बताया कि अब तक कुल 3675 ड्राई राशन किट वितरित किए गये हैं। अब तक कुल 11,701 फूड पैकेट वितरित किए गए हैं। प्रदेश में 330 बाढ़ शरणालय तथा 500 बाढ़ चौकी स्थापित की गयी है। प्रदेश में विगत 24 घंटों में स्थापित किए गए पशु शिविर की संख्या 03 अब तक कुल 123 पशु शिविर स्थापित किये गये हैं। विगत 24 घंटों में पशु टीकाकरण की संख्या 292 तथा अब तक कुल पशु टीकाकरण की संख्या 61690 है।

मुख्यमंत्री कृषक उपहार योजना में 1253 किसान लाभान्वित

उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी परिषद द्वारा मुख्यमंत्री कृषक उपहार योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 1253 कृषक चयनित हुए। इनमें 290 कृषकों में से 69 उपहार स्वरूप 2.56 करोड़ रुपये के टैªक्टर तथा 221 कृषकों को 1.46 करोड़ रुपये के अन्य उपहार वितरित किये गए। इसके अतिरिक्त 963 लाभान्वित कृषकों हेतु उपहार क्रय हेतु कार्यवाही जेम पोर्टल के माध्यम से की जा रही है। मण्डी परिषद से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री कृषक कल्याणकारी योजना के अन्तर्गत संचालित योजनाओं में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना सहायता योजना, मुख्यमंत्री खेत-खलिहान अग्निकाण्ड दुर्घटना सहायता योजना, मुख्यमंत्री कृषक उपहार योजना तथा मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजना में वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2020-21 में अब तक 58417 कृषक लाभान्वित हुए है। जिन पर 9557.93 लाख रुपये का व्यय हुआ है। मण्डी परिषद अपनी विभिन्न किसान हितैषी योजनाओं के माध्यम से कृषकों के आर्थिक उत्थान हेतु कटिबद्ध है।

इसे भी पढ़ें: महिला प्रस्तावक के साथ बदसलूकी मामले में थाना प्रभारी निलंबित, उपमुख्यमंत्री बोले- दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई

बरसात के दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में जल भराव की समस्या को दूर करने के लिए 12478 किमी0 लम्बाई में ड्रेनों की सफाई

बरसात के दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा इस वर्ष 12478 किमी0 लम्बी ड्रेनों की सफाई का कार्य कराया जा रहा है। गत वर्ष राज्य सरकार द्वारा ड्रेन्स की सफाई के लिए अतिरिक्त धन की व्यवस्था किए जाने के फलस्वरूप 13122 किमी0 लम्बाई में ड्रेनों की सफाई करायी गई। सभी आवश्यक ड्रेन्स की सफाई किए जाने के कारण अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में जल भराव की कोई विषम परिस्थिति उत्पन्न नहीं हुई। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों के जल भराव की समस्या दूर करने के लिए विभाग द्वारा लगभग 58877 किमी0 लम्बाई की 10761 ड्रेन्स का निर्माण कराया गया है। कम धनराशि उपलब्ध होने के कारण प्रति वर्ष लगभग 1500-1600 किमी0 ड्रेन्स की सफाई हो पाती थी। राज्य सरकार द्वारा ड्रेन्स की सफाई के लिए अतिरिक्त धन की व्यवस्था किए जाने के कारण ही अधिकांश ड्रेन्स की सफाई सम्भव हो सकी है। यही प्रक्रिया आगामी वर्षों में अपनाये जाने की रणनीति अपनायी गयी।

सिंचाई विभाग की नहरों पर निर्मित 25050 पुराने पुल-पुलियों के जीर्णोद्धार, नवनिर्माण का अभियान जारी

सिंचाई विभाग द्वारा 25050 पुल-पुलियों का जीर्णोद्धार, पुनर्निर्माण व नये सिरे से बनाये जाने का अभियान जोर-शोर से चलाया जा रहा है। इस कार्य को निर्धारित समय में पूरा करने के लिए 100 दिनों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पुल-पुलियों की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण हेतु प्रदेशव्यापी कार्यक्रम पहली बार विभाग में प्रस्तावित किया गया है। अगले वर्षों में भी यह कार्यक्रम इसी प्रकार बड़े पैमाने पर चलाया जायेगा। सिंचाई विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी के अनुसार सिंचाई विभाग की विभिन्न नहरों पर लगभग 70,000 पुल-पुलिया का निर्माण कराया गया है। इनमें से काफी जर्जर एवं क्षतिग्रस्त हो गईं थीं। ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन को सुगम बनाने तथा किसानों को कृषि कार्य के लिए यातायात की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए इन पुल-पुलियों का नवनिर्माण एवं जीर्णोद्धार आवश्यक था। राज्य सरकार ने इस कार्य को प्राथमिकता देते हुए पहली बार पुल-पुलियों को ठीक कराने का कार्य शुरू कराया गया है। पुल-पुलियों की मरम्मत एवं जीर्णोद्धार के लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इस धनराशि से 25050 पुल-पुलियों का जीर्णोद्धार पुनर्निर्माण एवं नवनिर्माण के कार्य का अभियान युद्धस्तर पर जारी है। सभी अभियन्ताओं को निर्धारित समय में इस अभियान को पूरा कराये जाने के कड़े निर्देश दिए गए हैं।

88925 गोवंश को इच्छुक पशुपालकों की सुपुर्दगी में देकर उन्हें लाभान्वित किया गया

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के निराश्रित/बेसहारा गोवंश का निरन्तर संरक्षण, सवंर्धन व विकास किया जा रहा है। पशुपालन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में गोशालाओं का पंजीकरण आन-लाईन किया जा रहा है। अभी तक लगभग 553 गोशालायें पंजीकृत करायी गई हैं। प्रदेश के 18 मण्डलों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को मिलाकर कुल 5278 अस्थायी/स्थाई गोआश्रय स्थल, कान्हा उपवन, कांजी हाउस व वृहद् गोसंरक्षण केन्द्रों में कुल 586793 गोवंश के पशुओं को संरक्षित किया गया है। पशुधन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश के निराश्रित/बेसहारा गोवंश के निरन्तर संरक्षण, सवंर्धन के साथ-साथ ही मा0 मुख्यमंत्री सहभागिता योजनान्तर्गत 88925 गोवंश के पशुओं को इच्छुक पशुपालकों को सुपुर्दगी में देकर उन्हें लाभान्वित किया गया है जिससे 46619 पशुपालक लाभान्वित हुए हैं। प्रदेश में पोषण मिशन के अन्तर्गत 1665 कुपोषित परिवारों को कुल 1674 दुधारू गोवंश उपलब्ध कराकर लाभान्वित किया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश की ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों, जिला पंचायतों, नगर पंचायतों, नगर पालिकाओं एवं नगर निगमों में अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल की स्थापना व संचालन नीति लागू की गई है। इस नीति के अनुपालन में समस्त जिलों में निराश्रित व बेसहारा गोवंश को गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित कर उनकी सुरक्षा हेतु शेड का निर्माण कराया जा रहा है। साथ ही सुरक्षा, चारे की व्यवस्था, पानी, प्रकाश, पशु चिकित्सा व हरा चारा आदि उत्पादन आदि कार्य कराये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को विश्व पटल पर

उत्कृष्टता के साथ स्थापित किये जाने एवं इसके प्रचार-प्रसार सहित शिक्षण-प्रशिक्षण, कौशल विकास व रोजगार से जोड़े जाने हेतु निरन्तर बल दिया जा रहा है। उक्त के सम्बंध में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संस्कृति, पर्यटन एवं धर्मार्थ कार्य विभाग   डॉ0 नीलकंठ तिवारी की अध्यक्षता में संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक पर्यटन निदेशालय के सभागार में आहूत की गयी, जिसमें प्रदेश की संस्कृति नीति के प्रख्यापन के सम्बंध में विचार-विमर्श किया गया तथा राज्यमंत्री द्वारा संस्कृति नीति का प्रस्तुतिकरण देखा गया। समीक्षा बैठक में डॉ0 नीलकंठ तिवारी ने निर्देशित किया है कि प्रस्तावित संस्कृति नीति में लोक कलाकारों को प्रोत्साहन एवं संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाये। हमारी लोक संस्कृति में विभिन्न प्रकार के कौशल पाये जाते हैं। प्रत्येक जनपद एवं नगर के विकास की धारणा एवं उसके लोक आधार, विभिन्न समुदायों/समूहों के लोक व्यवहार ग्रामीण क्षेत्रों की पारम्परिक वास्तुकला आदि का संरक्षण एवं विकास संस्कृति नीति का उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे लोक जीवन में प्रचलित विभिन्न प्रकार की परम्पराएं एक विशिष्ट वैज्ञानिक आधार पर ही विकसित हुयी हैै। इन परम्पराओं एवं व्यवहारों के सम्यक शिक्षण-प्रशिक्षण एवं शोध के साथ-साथ कौशल विकास को भी संस्कृति नीति में प्रमुखता दी जाये। उन्होंने कहा कि हमारी समृद्ध संत परम्परा के वैचारिक योगदान को अक्षुण्ण रखते हुए इसके प्रचार-प्रसार को भी ध्यान में रखा जाये। राज्यमंत्री ने कहा कि संस्कृति किसी की शारीरिक व मानसिक शक्तियों का प्रशिक्षण, सुदृढ़ीकरण या विकास अथवा उससे उत्पन्न अवस्था है, जिससे यह मन, आचार-विचार, रूचियों की परिष्कृति यानि शुद्ध होती है। विश्व में जो भी बातें समझी या कही गयी हैं उनसे अपने आपको परिचित कराना ही संस्कृति है। समीक्षा बैठक में अवगत कराया गया कि प्रदेश की प्रस्तावित संस्कृति नीति का प्रमुख उद्देश्य उ0प्र0 के बहुरंगी सांस्कृतिक पक्ष को उसकी सम्पूर्ण विविधता में सुरक्षित रखते हुए उसका प्रचार-प्रसार करना एवं उत्तर प्रदेश को विश्व मानचित्र पर सर्वाेत्तम सांस्कृतिक गंतव्य के रूप पहचान दिलाना है। प्रमुख सचिव, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग मुकेश कुमार मेश्राम ने राज्यमंत्री को अवगत कराया कि प्रस्तावित संस्कृति नीति में संस्कृति के क्षेत्र में कार्य कर रहे प्रमुख राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक, अकादमिक संस्थानों/एनजीओ/संस्थाओं आदि के साथ सांस्कृतिक आदान प्रदान को प्रमुख घटक के रूप में सम्मिलित किया गया है। इसमें प्रदेश के विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों की विशिष्ट संस्कृतियों, रीति-रिवाजों, परम्पराओं, खान-पान, खेलकूद, पहनावा आदि के सरंक्षण एवं संवर्धन को भी सम्मिलित किया गया है। संस्कृति नीति का प्रमुख उद्देश्य रोजगारपरक होने के साथ-साथ प्रदेश के सर्वांगीण सांस्कृतिक विकास का लक्ष्य प्राप्त करना है।

प्रदेश में होगी राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय की स्थापना

संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 नीलकंठ तिवारी ने राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय की स्थापना किये जाने सम्बंधी कार्यों की समीक्षा पर्यटन निदेशालय के सभागार में की। समीक्षा के दौरान राज्यमंत्री ने निर्देशित किया कि राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय में संस्कृति से सम्बंधित समस्त पाठ्यक्रमों-संगीत नृत्य, ललित कला, अभिनय, विभिन्न नाट्य कलाओं सहित संग्रहालय विज्ञान, पुरातत्व, अभिलेखीय प्रबन्ध एवं संरक्षण आदि का पठन पाठन  शोध, प्रशिक्षण की सुविधायें उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सांस्कृतिक क्षेत्र के प्रबन्धन में प्रशिक्षित युवाओं की अत्यंत कमी है। अतएव प्रस्तावित राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक प्रबन्धन का पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हो। राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय की स्थापना के सम्बन्ध में समस्त कार्यवाही शीघ्र ही पूर्ण किये जाने के निर्देश राज्यमंत्री द्वारा दिये गये।

24 जुलाई से प्रारम्भ होगा रामायण कान्क्लेव

संस्कृति एवं पर्यटन विभाग द्वारा प्रदेश में कराये जाने वाले रामायण कान्क्लेव की तैयारियों की समीक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संस्कृति एवं पर्यटन विभाग डॉ0 नीलकंठ तिवारी द्वारा पर्यटन निदेशालय के सभागार में की गयी। बैठक में प्रमुख सचिव, संस्कृति एवं पर्यटन मुकेश मेश्राम ने अवगत कराया कि 24 जुलाई, 2021 को गुरू पूर्णिमा के अवसर पर रामायण कान्क्लेव का जनपद, अयोध्या से शुभारम्भ कराया जाना प्रस्तावित है। रामायण कान्क्लेव से सम्बंधित आयोजन क्रमिक रूप से अयोध्या, गोरखपुर, बलिया, वाराणसी, विन्ध्याचल, श्रृंगवेरपुर, चित्रकूट, ललितपुर, बिठूर, मथुरा, गढ़मुक्तेश्वर, गाजियाबाद, सहारनपुर बिजनौर, बरेली, लखनऊ में किया जायेगा। दो माह तक चलने वाले इन आयोजनों में संगोष्ठियों के साथ-साथ लगभग 2500 लोक कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियों भी की जायेंगी। बैठक में राज्यमंत्री ने निर्देशित किया कि संगोष्ठियों में आयोजन स्थल के अनुरूप रामायण के विभिन्न प्रंसगों की वर्तमान समय में प्रासंगिता पर व्याख्यान आयोजित किये जायें। बच्चों में रामायण संस्कृति के प्रति आकर्षण उत्पन्न करने के लिए रामायण पर आधारित क्विज प्रतियोगिताएं भी आयोजित करायी जायें। कोविड जन्य परिस्थिति के दृष्टिगत कोविड प्रोटोकाल का पूर्णरूपेण अनुपालन करते हुए समस्त कार्यक्रमों के आनलाइन प्रसारण की व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित कर ली जायें। जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित करते हुए रामायण कान्क्लेव के अन्तर्गत आयोजित होने वाले प्रत्येक कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए जनसहभागिता सुनिश्चित की जाए।

इसे भी पढ़ें: महिला के साथ बदसलूकी मामले में योगी सरकार पर बरसे अखिलेश, बोले- 2022 में भाजपा को उखाड़ फेकेगी जनता

वैल्यू चेन डेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट झांसी और महोबा के लिए 367.33 रूपये की धनराशि मंजूर

उत्तर प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में एनआरईटीपी के तहत वैल्यू चेन डेवलपमेन्ट प्रोजेक्ट झांसी और महोबा के लिए 367.33 लाख रूपये (रूपये तीन करोड़ सड़सठ लाख तैंतीस हजार मात्र) की धनराशि अवमुक्त कर दी है। योजना के अन्तर्गत 60 प्रतिशत केन्द्रांश एवं उसके सापेक्ष 40 प्रतिशत राज्यांश की व्यवस्था है। इस सम्बन्ध में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा आवश्यक आदेश जारी कर दिया गया है, जिसमें निर्देश दिया गया है कि स्वीकृत की जा रही धनराशि के सुसंगत व्यय व स्वीकृत धनराशियों के निर्धारित प्रारूप पर उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त किये जाने का दायित्व आयुक्त, ग्राम्य विकास/मिशन निदेशक, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का होगा।

विधान सभा सदस्य श्री दिनेश चौधरी ने दी अपने डाक पता संशोधन की सूचना

उत्तर प्रदेश विधान सभा सदस्य श्री दिनेश चौधरी ने विधान सभा सचिवालय को अपने डाक पता में संशोधन की सूचना दी है। तद्नुसार उत्तर प्रदेश विधान सभा के अभिलेखों में श्री चौधरी के संशोधित डाक पते को अंकित कर दिया गया है। इस सम्बन्ध में विधान सभा सचिवालय द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है। श्री दिनेश चौधरी वर्तमान में 372, केराकत जौनपुर विधान सभा क्षेत्र से सदस्य हैं। उनका वर्तमान डाक पता-आवास संख्या-59 बी, विधायक निवास, खण्ड-अ, दारूलशफा, लखनऊ है।

निजी नलकूपांे को विद्युत आपूर्ति हेतु उत्तर प्रदेश विद्युत निगम को 125 करोड़ रूपये का अग्रिम भुगतान स्वीकृत

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, सूर्य प्रताप शाही के निर्देशन में कृषि विभाग द्वारा किसानों के निजी नलकूपांे को विद्युत आपूर्ति हेतु उत्तर प्रदेश विद्युत निगम को अनुदान योजना के अन्तर्गत तीसरी किश्त के रूप में कुल125 करोड़ रूपये के एकमुश्त अग्रिम भुगतान की स्वीकृति प्रदान कर दी है। विशेष सचिव कृषि, श्री शत्रुन्जय कुमार सिंह ने यह जानकारी देते हुये बताया कि औपचारिक आदेश निर्गत किये जाने हेतु कृषि विभाग को निर्देशित कर दिया गया है। सिंह ने बताया कि कृषि उत्पादन में वृद्धि करने हेतु किसानों के निजी नलकूपों को विद्युत आपूर्ति हेतु उत्तर प्रदेश विद्युत निगम को अनुदान योजना के अन्तर्गत 1500 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है। उन्होंने बताया कि अप्रैल एवं मई, 2021 हेतु 250 करोड़ रूपये की धनराशि निगम को पूर्व में उपलब्ध कराई जा चुकी है। सिंह ने बताया कि निर्देशदिये गये हैं कि इस योजना के अन्तर्गत लाभान्वित होने वाले समस्त लाभार्थियों का विवरण विभागीय वेबसाइट पर डाला जाय। साथ ही शासकीय व्यय में मितव्ययिता के दृष्टिगत समय-समय पर जारी होने वाले आदेशों का भी अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत ‘‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप-अदर इंटरवेंशन घटक’’ के अन्तर्गत खेत तालाब एवं स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली हेतु 1492.24 करोड़ रूपये स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत ‘‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप-अदर इंटरवेंशन घटक’’ के अन्तर्गत खेत तालाब एवं स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली हेतु 1492.24 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है। यह जानकारी विशेष सचिव कृषि, श्री विद्याशंकर सिंह ने देते हुये बताया कि शासन द्वारा इस सम्बन्ध में आवश्यक निर्देश जारी कर दिये गये हैं। सिंह ने बताया कि स्वीकार की गयी धनराशि में से सामान्य मद के अन्तर्गत 1121.88 करोड़ रूपये तथा एस0सी0एस0पी0 मद के अन्तर्गत 370.36 करोड़ रूपये जारी किये गये हैं। प्रस्तावित वित्तीय स्वीकृति उपलब्ध बजट प्राविधान की सीमा के अन्तर्गत रहेगी। कोषागार से एकमुश्त धनराशि आहरित नहीं की जायेगी और न ही धनराशि आहरित कर किसी बैंक खाते में रखी जायेगी। जारी शासनादेश में कहा गया है कि स्वीकृत की जा रही धनराशि का व्यय अनुमोदित परियोजना एवं प्रस्ताव के अनुरूप पी0एम0के0एस0वाई0 हेतु सरकार के दिशा-निर्देशों एवं संगत नियमों के अनुसार किया जायेगा। धनराशि का कोषागार से आहरण एवं व्यय तभी किया जायेगा, जब यह सुनिश्चित कर लिया जायेगा कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद योजना के कार्यक्रमों का संचालन किया जाना आवश्यक एवं अपरिहार्य है।

अनुसूचित जाति छात्रावासों के संचालन के लिए 3.74 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि स्वीकृत

प्रदेश सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में अनुसूचित जाति छात्रावासों के संचालन के लिए 374.09 लाख रूपये से अधिक की धनराशि स्वीकृति कर दी है। शासन ने निदेशक, समाज कल्याण को निर्देशित किया है कि स्वीकृत की जा रही धनराशि के सम्बन्ध में शासन को जारी दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।

अनुसूचित जाति/जनजातियों के लिए राज्य सेवाओं हेतु परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्रों के संचालन के लिए 2.29करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि स्वीकृत

प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में अनुसूचित जाति/जन जातियों के लिए राज्य सेवा हेतु परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्रों के संचालन के लिए 229.12 लाख रूपये से अधिक की धनराशि स्वीकृति कर दी है। शासन ने निदेशक, समाज कल्याण को निर्देशित किया है कि स्वीकृत की जा रही धनराशि के व्यय एवं मितव्ययिता के सम्बन्ध में शासन से जारी दिशा निर्देशों एवं प्रावधानों का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित कराया जाए।

बुजुर्ग कार्यकर्ता का दुख सुनते ही मंत्री नन्दी ने तत्काल दिए 20 हजार रुपए

उत्तर प्रदेश के नागरिक उड्डयन, अल्पसंख्यक कल्याण, राजनैतिक पेंशन, मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री एवं प्रयागराज शहर दक्षिणी विधायक नंद गोपाल गुप्ता ’नंदी’ जी ने आज कीडगंज एरिया में भ्रमण कर शोक संवेदना व्यक्त की। उसके उपरान्त पूराढाकू कीडगंज में भूरेलाल जी के पुत्र के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंचे। मंत्री जी ने उनकी पीड़ा सुनकर द्रवित हो गए और तत्काल आर्थिक मदद के रूप में 20 हजार रुपया नगद दिए। मंत्री नन्दी ने वन महोत्सव के तहत आज अपने प्रयागराज शहर दक्षिणी विधान सभा क्षेत्र में स्थित डॉ. के. एन. काटजू इंटर कॉलेज कैंपस में पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया।मंत्री नन्दी ने नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र धरिकारबस्ती, खलासी लाइन कीडगंज का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी ली। मंत्री नन्दी ने मधवापुर बैराना में दिलीप साहू, पूरा ढाकू कीडगंज में रामबाबू कुशवाहा व उनकी पत्नी लक्ष्मी देवी, हौली गली कीडगंज निवासी राघवेंद्र शरण, काली गली में करीमुद्दीन, बाबू भाईके निधन पर उनके आवास जाकर शोक संवेदना व्यक्त किया। इस दौरान मनोज मिश्रा, किशोरी लाल जायसवाल, रणविजय सिंह, प्रणविजय सिंह, सुमित वैश्य, मनोज गुप्ता, सुभाष बाजपेयी, पंकज गुप्ता, आशीष जायसवाल, प्रमोद जायसवाल, कुँवर जी केसरवानी, अमन गुप्ता आदि मौजूद रहे।

वरासत, सीमांकन और दाखिल खारिज के मामलों का त्वरित निस्तारण कराने के निर्देश दिए

उत्तर प्रदेश के नागरिक उड्डयन, अल्पसंख्यक कल्याण, राजनैतिक पेंशन मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री व प्रयागराज शहर दक्षिणी विधायक नन्द गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने आज प्रयागराज निरीक्षण भवन में कानून व्यवस्था, राजस्व, कोविड -19 के नियंत्रण एवं अन्य विकास कार्यों को लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। जिसमें उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जनता की बातों को ध्यान से सुना जाए और उनकी समस्याओं के निस्तारण में तनिक भी हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मंत्री नंदी ने कोरोना वायरस के संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि 1066 बेड ैत्छ में उपलब्ध हैं। वहीं 100 पीआईसीयू बेड उपलब्ध है, जहां सारी दवाएं उपलब्ध है। ऑक्सीजन की भी कोई कमी नहीं है। 20000 लीटर के दो टैंकर ैत्छ में मौजूद हैं। वैक्सीनेशन के बारे में बताया गया कि 15 से 16 हजार लोगों को ग्रामीण इलाकों में प्रतिदिन टीकाकरण कराया जा रहा है, प्रयागराज में इस समय कुल 17 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील है। मंत्री नन्दी ने जनपद प्रयागराज में कई जगह सड़कें, टाइल्स टूटने की शिकायत पर अधिकारियों से जानकारी ली, जिस पर बताया गया कि आठ रोड बन गई है। पांच रोड बनाने का काम चल रहा है। शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर नगर निगम के पर्यावरण अधिकारी डॉ उत्तम वर्मा से जानकारी ली गई, उन्होंने बताया कि 65 वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम चल रहा है जल्द ही 20 और वार्डों में काम शुरू हो जाएगा। मंत्री नन्दी ने कानून व्यवस्था को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए। मंत्री नंदी ने कहा कि ट्रैफिक रूल तोड़ने पर लोगों का चालान किया जाए, लेकिन किसी के साथ बुरा बर्ताव न किया जाए, गंभीर मामलों का उच्च अधिकारी स्वयं परीक्षण करें। साथ ही शहर के प्रत्येक बाजारों में फुट पेट्रोलिंग चौकी इंचार्ज स्तर पर जरूर कराई जाए, ताकि पुलिस का डर अपराधियों में बना रहे। मंत्री नंदी ने कहा कि अपराधियों पर सरल कार्रवाई हो, यह अधिकारी सुनिश्चित करें। अपराधिक मामलों में न्यायालय में पैरवी और बेहतर तरीके से की जाए, ताकि अपराधी छूटने न पाए। उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज करने में लापरवाही ना हो। लोगों को एफआईआर के लिए थानों का चक्कर न लगाना पड़े, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि थाने का औचक निरीक्षण होता रहे, जिससे कर्मचारियों कार्यशौली में सुधार हो। वरासत अंकित कराने के लिए महीनों चक्कर लगाने पड़ते हैं, ऐसा ना हो। उन्होंने कहा कि अब हर महीने शहर में होने वाले विकास कार्यों एवं जनता की शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा की जायेगी और अभियान चलाकर वरासत के मामलों का निस्तारण कराया जाए। 35 दिन में दाखिल खारिज हो यह सुनिश्चित किया जाए। सीमांकन के मामलों का भी त्वरित निस्तारण हो। स्मार्ट सिटी का कितना पैसा लगा, कितना खर्च हुआ, कितने काम हुए इसका विवरण बनाया जाए। बैठक में जिलाधिकारी संजय खत्री, सीडीओ शिपू गिरी, एसपी सिटी व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

अवैध मिट्टी खनन के संबंध में कार्यवाही हेतु निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म ने  जिलाधिकारी को लिखा पत्र

 निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म डा० रोशन जैकब ने बताया की लखनऊ के थाना बी०के०टी० के अंतर्गत ग्राम देवरी रुखारा में हो रहे अवैध खनन की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए निदेशालय स्तर से जांच दल द्वारा जांच कराई गई और पाया गया कि स्वीकृत अनुज्ञा पत्र की मात्रा के सापेक्ष जांच के दौरान अधिक मिट्टी खनन होना पाया गया। इसके अलावा अनियमित आकार के गड्ढे पाए गए तथा अधिक गहराई में मानक के विपरीत मिट्टी का खनन होना पाया गया । इस संबंध में डा०रोशन जैकब ने जिलाधिकारी लखनऊ को पत्र लिखकर अपेक्षा की है कि अधिक गहराई एवं स्वीकृत क्षेत्र के बाहर अधिक मात्रा में मानक के विपरीत हुए खनन पर तत्काल एफ आई आर दर्ज कराई जाए तथा राजस्व विभाग एवं खनन विभाग की संयुक्त टीम गठित कर इस क्षेत्र की विस्तृत जांच कराई जाए और साथ ही खान और खनिज विकास एवं विनियमन अधिनियम की सुसंगत धारा व उत्तर प्रदेश  खनिज परिहार नियमावली  में प्राविधानित नियमों के तहत शास्ति  भी अधिरोपित की जाए ।उन्होंने यह भी अपेक्षा की है कि जिस ठेकेदार के पक्ष में अनुज्ञा पत्र जारी किया गया है ,उनसे संबंधित विभागों द्वारा जारी कार्यादेश के अनुसार विभागीय मांग का आकलन करते हुए जारी अनुज्ञा से मिलान करा लिया जाए तथा यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि विभागीय  मांग के अनुसार अनुज्ञा जारी हो, इसके अतिरिक्त अनुज्ञा में दर्ज मात्रा के अनुसार ही खनन हो। इसकी निगरानी हेतु राजस्व एवं पुलिस प्रशासन को सख्त निर्देश दिए जाएं।

इसे भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के 'कप्पा’ स्वरूप की एंट्री, दो मामले आये सामने

राज्यमंत्री सुनील भराला ने कर्नाटक सरकार के श्रम मंत्री के साथ की अहम बैठक

उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष/राज्यमंत्री पंडित श्री सुनील भराला कर्नाटक दौर पर पहुँचे, जहां पर कर्नाटक राज्य के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री सेवा नारायण ज़बर, लेवल वेलफेयर बोर्ड के अध्यक्ष, बीओसीडब्लू बोर्ड के अध्यक्ष, प्रमुख सचिव श्रम डॉक्टर कल्पना तथा श्रम कल्याण परिषद के आयुक्त के साथ श्रमिक हितों के लिए महत्वपूर्ण बैठक बेंगलुरू में सम्पन्न हुई। बैठक में कर्नाटक राज्य के कैबिनेट मंत्री के साथ श्रम कल्याण परिषद की योजनाओं, कार्यक्रमों तथा उत्तर प्रदेश एवं कर्नाटक सरकार द्वारा श्रमिक हितों के लिए संचालित कानूनों एवं योजनाओं पर चर्चा की गई। राज्यमंत्री सुनील भराला ने बताया कि कर्नाटक राज्य में श्रमिक हितों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं का अध्ययन कर उत्तर प्रदेश में भी श्रम कल्याण परिषद के अंतर्गत नयी योजनाओं का शुभारंभ किया गया। इसी प्रकार कर्नाटक राज्य ने भी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा श्रमिक हितों के लिए चलायी जा रही योजनाओं जैसे चेतन चौहान खेल प्रोत्साहन योजना, महादेवी वर्मा योजना तथा स्वामी विवेकानन्द धार्मिक एवं पर्यटन यात्रा योजना आदि को भी अपने यहां चलाने का निर्णय लिया है। राज्यमंत्री सुनील भराला का कर्नाटक राज्य में जगह जगह भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान उन्होंने श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों से भी मुलाकात की।

मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने सड़क दुर्घटना में घायल लोगो को प्राथमिक उपचार के लिए गाड़ी से अस्पताल के लिए किया रवाना

प्रदेश के व्यवासायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने आज जनपद मुजफ्फरनगर में  काफिला मंडी समिति रोड जाते वक्त सड़क दुर्घटना में घायल लोगो को देखकर गाड़ी रुकवाकर लोगो से मिले तथा उन्होंने घायल लोगो को तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए गाड़ी से अस्पताल के लिए रवाना किया। मंत्री का काफिला मंडी समिति रोड से जा रहा था रास्ते में अचानक हुई सड़क दुर्घटना में घायलों को देखकर मंत्री जी अपनी गाड़ी से उतर कर उनके समीप पहुंचे और उन्हें तुरंत  अस्पताल में उपचार के लिए भेजा गया।

पुनर्वास विश्वविद्यालय: कुलपति ने पीपल का पौधा रोपित कर किया वृक्षारोपण सप्ताह का शुभारम्भ

डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलसचिव अमित कुमार सिंह ने बताया कि डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में आज से वृक्षारोपण सप्ताह का शुभारम्भ किया गया है। कार्यक्रम का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो0 राणा कृष्ण पाल सिंह जी द्वारा पीपल का पौधा रोपित कर किया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा वृक्षारोपण सप्ताह का संचालन किया जा रहा है। एक सप्ताह तक चलने वाले वृक्षारोपण कार्यक्रम में विश्वविद्यालय स्तर से 100 पीपल के पौधे तथा विश्वविद्यालय  से सम्बद्ध महाविद्यालयों से 50 पीपल के पौधे कुल 150 पीपल के पौधे रोपित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वृक्षारोपण के पश्चात कुलपति जी ने पर्यावरण के लिए वृक्षों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शायद ही कोई इंसान होगा जो पीपल के वृक्ष के फायदों को न जानता हो। पीपल एकमात्र ऐसा विशालकाय वृक्ष है जो चौबीस घण्टे ऑक्सीजन प्रदान करता है। भारतीय संस्कृति में भी इस वृक्ष को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है तथा अनेक पर्वों पर इसकी पूजा की जाती है। इस अवसर पर कुलपति जी ने निर्देश दिये कि विश्वविद्यालय परिसर में स्थानों को चिन्हित कर पीपल के वृक्ष तथा औषधीय महत्व के वृक्षों के साथ फलदार वृक्ष जैसे आम, ऑवला, अमरूद आदि के पौधे भी रोपित किये जायें। उन्होंने कहा कि हमें न सिर्फ ये पौधे रोपित करने हैं बल्कि इनकी सुरक्षा भी करनी है। ये दायित्व हम सब को निभाना होगा तभी आज रोपित किये गये ये पौधे कल वृक्ष बन सकेंगे। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल सचिवालय, उत्तर प्रदेश द्वारा निर्देश दिये गये हैं कि विश्वविद्यालय/संस्थान परिसर में या निकटवर्ती क्षेत्रों में या विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों में कम से कम एक लाख पीपल के वृक्ष रोपित किये जायें। इसी क्रम में विश्वविद्यालय में वृक्षारोपण सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक, श्री अमित राय, प्रो0 एस0एस0झा0, प्रो0 रजनी रंजन, डा0 शेफाली यादव, राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के समन्वयक, डा0 राशि कृष्ण सिन्हा, डा0 अंजली सिंह सहित विश्वविद्यालय के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा पीपल के पौधे रोपित किये गये।

इसे भी पढ़ें: UP में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 90 नये मामले आये, पॉजिविटी दर 0.04 प्रतिशत है

तहसील व जिला मुख्यालयों को दो लेन मार्गों से जा रहा है जोड़ा

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल दिशा निर्देशन में उत्तर प्रदेश में जो तहसीलें व विकासखंड मुख्यालय दो लेन मार्गों से नहीं जुड़े थे ,उन्हें जोड़ने का कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में 26 तहसील मुख्यालय ऐसे थे जो दो लेन मार्ग से नहीं जुड़े थे, जिन्हें दो लेन मार्ग से जोड़ने की कार्य योजना बनाई गई और इन 26 तहसीलों मुख्यालयों को जोड़ने वाले मार्ग का चौड़ीकरण  करते हुये 2 लेन से जोड़ने हेतु (लंबाई 269.66 किलोमीटर) रु० 387 करोड़ की  वित्तीय स्वीकृतियां निर्गत की गई और 19 तहसील मुख्यालय  की सड़कों को चौड़ा कर दो लेन मार्ग से जोड़ दिया गया है  शेष कार्य प्रगति पर  है। इसी तरह से 138 विकासखंड मुख्यालय ऐसे थे ,जो दो लेन मार्ग से नहीं जुड़े थे, जिन्हें दो लेन मार्ग से जोड़ने की विस्तृत कार्य योजना बनाते हुए 117 विकास खंडों  मुख्यालयों को दो लेन से (लंबाई 978 किलोमीटर) लागत रु० 1621 करोड़ (चौड़ीकरण हेतु) वित्तीय स्वीकृतियां निर्गत की गई और 79 विकासखंड मुख्यालयों को दो लेन मार्गाे से जोड़ा गया है ।शेष पर कार्य तीव्र गति से चल रहा है।

किसानों की आय बढ़ाने में सहायक हो रही है व्यावसायिक फूलों की खेती

फूलों का मानव जीवन से अटूट सम्बन्ध रहा हैं। जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी संस्कारों तथा  उत्सवों में फूलों की उल्लेखनीय भूमिका रहती है। किसी भी धर्म, जाति, वर्ग, क्षेत्र विशेष के उत्सवों, विवाह व विभिन्न संस्कार, त्यौहारों में फूलों की आवश्यकता होती है। रंग बिरंगे सुगन्धित पुष्प जीवन में सुखद वातावरण का निर्माण करके प्रेरणा, स्फूर्ति तथा सृजनात्मक प्रवृतियों का विकास करते है। एक समय था जब फूलों की खेती करना तो दूर की बात, इसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती थी। समय के बदलाव के साथ-साथ परिस्थितियॉ भी बदली तथा फूलों को अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप मानव ने उगाना शुरू किया। विश्वस्तर पर फूलों की बढ़ती मांग के फलस्वरूप फूलों की खेती का व्यवसायीकरण पिछले कई दशकों में बढ़ता गया है, और भारत में व्यापार के लिए फूलों की खेती के महत्व को भी समझा जाने लगा। आज भारतवर्ष के 3.00 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर फूलों की खेती की जा रही है। फूलों की खेती खुले खेत मंे तथा ग्रीनहाउस में भी उत्पादन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में किसानों द्वारा फूलों की खेती की जा रही है और उससे उनकी आमदनी में बढ़ोत्तरी हो रही है। प्रदेश में खुले फूलों की खेती करने लिए गुलाब, गुलदाउदी, क्रोसेन्ड्रा, गेंदा, चमेली, रजनीगंधा, मोलिया, गैलारडिया, गोम्फरेना, कमल, कनेर तथा चाईना ऐस्टर आदि की खेती खुले वातावरण में की जाती हैं इन पुष्पों के उत्पादन में भारत का दर्जा विश्व में द्वितीय स्थान पर है। उ0प्र0 सहित देश में लगभग 0.81 मिलियन टन फूलों का वार्षिक उत्पादन हो रहा है। उत्तर प्रदेश में खुले फूलों की खेती की जाती है। जिसके अन्तर्गत किसानों को उद्यान विभाग द्वारा आवश्यक सहायता दी जाती है। कर्तित फूलों की खेती में मुख्यतः गुलाब, कारनेशन, गुलदाउदी, ग्लैडियोलस, लिलियम, जरबेरा, आर्किड, एन्थरिंयम, एलस्ट्रोरिया, टयूलिप इत्यादि की खेती खुले खेत एवं नियंत्रित वातावरण में की जाती है। उच्च श्रेणी के कर्तित फूलों कों मुख्यतः निर्यात किया जाता है, जबकि इससे निम्न श्रेणी की गुणवत्ता वाले फूूलों को घरेलू बाजार में बेचा जाता हैं कर्तित फूलों का उत्पादन प्रदेश में काफी हो रहा है। कर्तित फूलों के उत्पादन में सबसे महत्वपूर्ण योगदान कर्नाटक व उत्तर प्रदेश का है। फूलों के क्रय-विक्रय के लिए सुव्यवस्थित नीलामी घर भी उपलब्ध है तथा कई नये नीलामी घर प्रस्तावित पंक्ति में है। फूलों का प्रतिवर्ष निर्यात भारतवर्ष से लगभग 20703 मैट्रिक टन है, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 500 करोड़ रूपये है। यूरोप, जापान, आस्ट्रेलिया, मध्यपूर्वी देशों में निर्यात किया जाता हैं। सूखे फूल अमेरिका, यूरोप, श्रीलंका, आस्टेªलिया, रूस एवं खाड़ी देशों में सुखे फूल एवं गमले वाले पौधों का निर्यात किया जा रहा है। इन सभी फूलों में से सूखे फूलों का निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान है। फूलों से विभिन्न मूल्यवर्धित उत्पाद जैसे माला लड़ी, वेणी, गजरा, पुष्प-विन्यास, पंखुड़ी, गुलकन्द, गुलाब का अर्क, इत्र, पॉटपुरी ग्रीटिंग कार्ड, पेपर वेट, बुके आदि तैयार करते हुए विक्रय कर प्रदेश के किसान अपनी आय में वृद्धि कर रहे है।  

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़