सरकार की कल्याण योजनाओं का सभी वर्गो के साथ अल्पसंख्यक समाज को बराबर लाभ मिल रहा : नकवी

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अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बृहस्पतिवार को कहा कि मोदी सरकार ‘‘ सम्मान के साथ विकास एवं बिना तुष्टीकरण के सशक्तीकरण’’ की नीति पर काम कर रही है और पूरे देश में जारी मंत्रालयों की कल्याण योजनाओं का लाभ सभी वर्गों के साथ अल्पसंख्यक समाज के लोगों को बराबर मिल रहा है।

नयी दिल्ली। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बृहस्पतिवार को कहा कि मोदी सरकार ‘‘ सम्मान के साथ विकास एवं बिना तुष्टीकरण के सशक्तीकरण’’ की नीति पर काम कर रही है और पूरे देश में जारी मंत्रालयों की कल्याण योजनाओं का लाभ सभी वर्गों के साथ अल्पसंख्यक समाज के लोगों को बराबर मिल रहा है। लोकसभा में अब्दुल खालिक के प्रश्न के उत्तर में नकवी ने कहा कि उन्होंने योजनाओं के अल्पसंख्यक समाज के लोगों को मिलने वाले लाभ के विषय पर एक सर्वेक्षण कराया था।

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उन्होंने कहा कि इस सर्वेक्षण के अनुसार, देश में जिन 2.31 करोड़ गरीब लोगों को पक्का घर दिया गया, उनमें से 31 प्रतिशत अधिसूचित अल्पसंख्यक इलाके में रहने वाले लोग हैं। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि इसी प्रकार से 12 करोड़ किसानों को सम्मान निधि का लाभ मिला है जिसमें से 33 प्रतिशत अधिसूचित अल्पसंख्यक इलाके में रहने वाले मुस्लिम, ईसाई, सिख और जैन समाज के लोग हैं। उन्होंने बताया कि उज्ज्वला योजना का लाभ 9 करोड़ महिलाओं को मिला है जिनमें से 37 प्रतिशत अल्पसंख्यक समाज की बहनें शामिल हैं। नकवी ने कहा कि स्वरोजगार के तहत मुद्रा योजना के 34 करोड़ लाभार्थी हैं जिनमें से 35.6 प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदाय के लोग शामिल हैं।

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नकवी ने कहा, ‘‘मोदी सरकार सम्मान के साथ विकास एवं बिना तुष्टीकरण के सशक्तीकरणकी नीति पर काम कर रही है और पूरे देश में जारी मंत्रालयों की कल्याण योजनाओं का लाभ सभी वर्गों के साथ अल्पसंख्यक समाज के लोगों को बराबर मिल रहा है।’’ उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के लिये ‘‘विकास का मसौदा वोट का सौदा नहीं’’ है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के कम बजटीय आवंटन से संबंधित एक सवाल के जवाब में नकवी ने कहा कि जहां तक मंत्रालय को बजटीय आवंटन का सवाल है, हम आइना दिखायेंगे तब कष्ट होगा।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने से पहले वर्ष 2013-14 में बजटीय आवंटन 1,888 करोड़ रूपये था और वास्तविक खर्च 1,814 करोड़ रूपये था। जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में बजटीय आवंटन 2,530 करोड़ रूपये और वास्तविक खर्च करीब 2,400 करोड़ रूपये था। उन्होंने कहा कि हमारा व्यय सही से हो रहा है और जमीन पर उसका प्रभाव दिखे, इसके लिये हम काम कर रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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