Budget को लेकर J&K से आई मिली जुली राय, जनता ने कहा- आसमान छू रही है महंगाई

Lal Chowk
प्रतिरूप फोटो

साल 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को समाप्त कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का स्वरूप दे दिया था। ऐसे में जम्मू-कश्मीर को 2022-23 के लिए 35,581.22 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं जबकि सरकार ने 2021-22 में 34,704.46 करोड़ रुपए आवंटित किया था।

श्रीनगर। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट पेश किया। इस बजट में सरकार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर खास ध्यान दिया है। जिसको लेकर घाटी की जनता की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। बजट भाषण वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय सहायता, अनुदान और ऋण के तहत जम्मू कश्मीर को 35,581.44 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया। 

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साल 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को समाप्त कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का स्वरूप दे दिया था। ऐसे में जम्मू-कश्मीर को 2022-23 के लिए 35,581.22 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं जबकि सरकार ने 2021-22 में 34,704.46 करोड़ रुपए आवंटित किया था। वहीं लद्दाख के लिए महज 5,958 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ। जम्मू कश्मीर के लिए बजट में 33,923 करोड़ रुपए का आवंटन केंद्रीय सहायता के रूप में किया गया है। 273 करोड़ रुपए डल नगीन झील के पुनर्वास के लिए अनुदान के तौर पर और 279 करोड़ रुपए केंद्रशासित प्रदेश आपदा मोचन कोष में अनुदान के रूप में दिए गए हैं। 

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प्रभासाक्षी से बातचीत करते हुए एक स्थानीय नागरिक ने कहा कि यहां की अर्थव्यवस्था बिल्कुल डाउन है। यहां का सारा कारोबार ठप हो चुका है। पर्यटन क्षेत्र का भी भारी नुकसान हुआ है ऐसे में सरकार को जम्मू-कश्मीर का खास ख्याल रखना चाहिए। वहीं दूसरे व्यक्ति ने कहा कि काफी ठीकठाक बजट है। लेकिन बजट में आम आवाम का क्या फायदा है अभी यह देखना है ? उन्होंने कहा कि महंगाई आसमान छू रही है, तेल की कीमतें कम हो नहीं रही है। टैक्स इतने ज्यादा लगा रखे हैं कि आम आदमी परेशान है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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