India On High Alert: मॉक ड्रिल आज, जानिए समय, स्थान और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

मॉक ड्रिल में हवाई हमले, ब्लैकआउट, निकासी और आपातकालीन बचाव कार्यों का अनुकरण किया जाएगा। इसका उद्देश्य नागरिकों और अधिकारियों को संभावित युद्ध स्थितियों और बाहरी हमलों के लिए तैयार करना है, जिससे देश की सुरक्षा और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को मजबूत किया जा सके।
पाकिस्तान पर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए गए हवाई हमलों के बाद भारत अब हाई अलर्ट पर है। भारत सरकार ने इसके लिए पहले से ही तैयारी कर ली थी। गृह मंत्रालय ने पहले ही एक नागरिक मॉक ड्रिल की घोषणा कर दी थी, जो आज बुधवार को 244 नागरिक सुरक्षा जिलों में आयोजित की जाएगी। इस मॉक ड्रिल में हवाई हमले, ब्लैकआउट, निकासी और आपातकालीन बचाव कार्यों का अनुकरण किया जाएगा। इसका उद्देश्य नागरिकों और अधिकारियों को संभावित युद्ध स्थितियों और बाहरी हमलों के लिए तैयार करना है, जिससे देश की सुरक्षा और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली को मजबूत किया जा सके।
मॉक ड्रिल का समय और विवरण
आज होने वाली मॉक ड्रिल के समय के बारे में जानने के लिए, यहाँ कुछ महत्वपूर्ण जानकारी है:
मुख्य समय: अधिकांश स्थानों पर मॉक ड्रिल शाम 4 बजे शुरू होने की उम्मीद है, लेकिन स्थानीय प्रशासन के आधार पर समय में बदलाव हो सकते हैं।
विभिन्न शहरों में मॉक ड्रिल का समय
- दिल्ली: शाम 4 बजे से शाम 7 बजे तक
- झांसी (उत्तर प्रदेश): शाम 4 बजे, रिजर्व पुलिस लाइन में
- बरेली (उत्तर प्रदेश): रात 8 बजे से 8:10 बजे तक ब्लैकआउट
- केरल: शाम 4 बजे (14 जिलों में)
- विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश): शाम 4 बजे हवाई हमले का अनुकरण, शाम 7 बजे ब्लैकआउट
- देहरादून (उत्तराखंड): शाम 4 बजे, 5 प्रमुख स्थानों पर सायरन और हूटर
- कलपक्कम (तमिलनाडु): शाम 4 बजे से 4:30 बजे तक, मद्रास परमाणु ऊर्जा स्टेशन और चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट में
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भारत में नागरिक सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करने और जन जागरूकता बढ़ाने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित किए जा रहे हैं। गृह मंत्रालय के अनुसार, यह प्रयास एकीकृत प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य हवाई हमले जैसी आपात स्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। प्रमुख महानगरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक, सभी स्तरों पर सायरन, ब्लैक आउट और निकासी प्रोटोकॉल शुरू किए जा रहे हैं ताकि राष्ट्रीय तैयारियों को सुनिश्चित किया जा सके और नागरिकों को संभावित खतरों के लिए तैयार किया जा सके।
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