कृषि कानूनों को लेकर SC में दिए गए हलफनामे में सरकार ने बोला झूठ: कांग्रेस

Abhishek Singhvi

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के समक्ष केंद्र सरकार ने बरगलाने और झूठ बोलने का काम किया है। उसने हाल ही में एक हलफनामा दायर कर कहा कि कानून बनाने से पहले लोगों की राय ली गई थी, जबकि ऐसा नहीं किया गया।’’

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को लेकर उच्चतम न्यायालय में दिए हलफनामे में यह झूठ बोला है कि इन कानूनों के संदर्भ में उसने संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श किया था। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह दावा भी किया कि देश की सर्वोच्च अदालत के समक्ष गलत तथ्य देने के कारण अवमानना का भी मामला बनता है। उन्होंने आरटीआई आवेदनों से मिली जानकारी का हवाला देते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के समक्ष केंद्र सरकार ने बरगलाने और झूठ बोलने का काम किया है। उसने हाल ही में एक हलफनामा दायर कर कहा कि कानून बनाने से पहले लोगों की राय ली गई थी, जबकि ऐसा नहीं किया गया।’’ 

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उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आरटीआई आवेदनों से जो जानकारी सामने आई है उससे स्पष्ट है कि कानूनों को लेकर लोगों से विचार-विमर्श करने या बैठकों का कोई रिकॉर्ड सरकार के पास नहीं है। इसके बावजूद सरकार की तरफ से हलफनामा दायर कर कहा गया कि विचार-विमर्श किया गया।’’ 

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सिंघवी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के समक्ष गलत जानकारी दी गई है, जो अवमानना का मामला बनता है। उल्लेखनीय है कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठन पिछले करीब 50 दिनों से दिल्ली के निकट विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक बातचीत बेनतीजा रही है। इसी गतिरोध को खत्म करने के मकसद से उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को तीन कृषि कानूनों के अमल पर अस्थायी रोक लगा दी और चार सदस्यीय एक समिति का गठन किया। हालांकि, प्रदर्शनकारी संगठनों ने समिति के सदस्यों को लेकर सवाल उठाए हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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