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अपना जनाधार बनाने में जुटी TDP के लिए BJP ने बदली रणनीति, रथयात्रा की तैयारियों में जोरों-शोरों से लगी
- अनुराग गुप्ता
- जनवरी 13, 2021 14:07
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लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को एकजुट करने की कवायद में जुटे चंद्रबाबू नायडू अपने प्रदेश में ही कुछ कमाल नहीं दिखा पाए और उन्हें गहरा झटका लगा। जिससे अभी तक उबर नहीं पाए हैं।
हैदराबाद। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) अभी तक उभर नहीं पाई है। ऐसे में उसने अब हिन्दुत्व का रास्ता अपनाया है। आंध्र प्रदेश की 175 विधानसभा सीटों पर टीडीपी ने चुनाव लड़ा था, जिसमें से महज 23 सीटों पर ही जीत दर्ज की और 151 सीटों पर जीत दर्ज करने के साथ ही वाईएसआरकांग्रेस प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने सरकार बना ली।
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लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को एकजुट करने की कवायद में जुटे चंद्रबाबू नायडू अपने प्रदेश में ही कुछ कमाल नहीं दिखा पाए और उन्हें गहरा झटका लगा। जिससे अभी तक उबर नहीं पाए हैं। ऊपर से ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनावों ने उनके घाव और कुरेद दिए। जहां पर 2016 में महज चार सीटें जीतने वाली भाजपा ने 48 सीटों पर कब्जा कर लिया। वहीं, 106 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने वाली तेलुगू देशम पार्टी के हाथ में एक भी सीट नहीं आई।
जानकार बताते हैं कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने वाली भाजपा अब आंध्र प्रदेश में अपनी पैठ बनाने की कोशिश करने में जुटी हुई है, जो टीडीपी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। वहीं, भाजपा ने प्रदेश में सदस्यता अभियान को भी बढ़ावा दे दिया है। भाजपा की रणनीतिक समझदारियों को देखते हुए चंद्रबाबू नायडू ने अब हिन्दुत्व का रास्ता पकड़ लिया है।
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मंदिर तोड़फोड़ का उठा रहे मुद्दा
टीडीपी नेताओं ने राज्य में मूर्तियों और मंदिर तोड़फोड़ का मुद्दा जोर शोर से उठा रहे हैं। अंग्रेजी समाचार वेबसाइट द इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के लिए इस तरह की सांप्रदायिक राजनीति नई-नई है। ऐसे में टीडीपी प्रदेश में अपनी पकड़ को वापस मजबूत करने में जुटी हुई है।
रथयात्रा की तैयारियों में जुटी भाजपा
भाजपा आंध्र प्रदेश में अपनी पैठ को मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास में जुटी हुई है। वहीं, टीडीपी को हिन्दुत्व की तरफ बढ़ता देख भाजपा ने अपनी रणनीति में भी बदलाव किया है और रथयात्रा निकालने की तैयारियों में जुट गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा नेताओं ने विजियानगरम के रामतीर्थम से कपिलातीर्थम तक रथयात्रा निकालने का ऐलान किया है।
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मूर्ति तोड़फोड़ का मामला
साल 2020 के आखिरी महीने में विजियानगरम के रामतीर्थम में भगवान श्रीराम की 400 साल पुरानी मूर्ति तोड़े जाने की खबर सामने आई थी। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने मूर्ति तोड़े जाने की निंदा की और जगन मोहन सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पिछले 19 महीनों में 120 से अधिक मंदिरों पर हमले हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने जगन मोहन रेड्डी के ईसाई होने का भी जिक्र किया। वहीं, भाजपा ने भी जगन सरकार पर निशाना साधते हुए कानून व्यवस्था का मुद्दा बनाया था। हालांकि, इस मामले की जांच पुलिस प्रशासन द्वारा की जा रही है।
ममता बनर्जी का आरोप, भाजपा ने जय श्रीराम का नारा लगाकर नेताजी का अपमान किया
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 25, 2021 16:49
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और उस पर एक कार्यक्रम में जय श्रीराम का नारा लगाकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस का अपमान करने का आरोप लगाया।
पुर्सुरा (पश्चिम बंगाल)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और उस पर एक कार्यक्रम में जय श्रीराम का नारा लगाकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस का अपमान करने का आरोप लगाया। यह कार्यक्रम बोस की 125वीं जयंती के मौके पर आयोजित किया गया था। भाजपा को बाहरी लोगों का समूह और भारत जलाओ पार्टी बताते हुए बनर्जी ने कहा कि भाजपा लगातार बंगाल की महान शख्सियतों का अपमान कर रही है और नेताजी भी ‘‘इस फहरिस्त में शामिल हो गए हैं।’’ तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने यहां एक रैली में कहा, ‘‘क्या आप किसी को अपने घर बुलाकर उसका अपमान करेंगे? क्या यह बंगाल या हमारे देश की संस्कृति है? अगर नेताजी के लिए नारे लगाए जाते तो मुझे कोई परेशानी नहीं होती।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। मेरा उपहास उड़ाने के लिए उन्होंने नारे लगाए जिनका कार्यक्रम से कोई संबंध नहीं था। देश के प्रधानमंत्री के सामने मेरा अपमान किया गया। यह उनकी (भाजपा) संस्कृति है।’’ सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर शनिवार को आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में जय श्रीराम के नारे लगाए जाने के बाद बनर्जी ने कार्यक्रम को संबोधित नहीं किया था। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल थे।
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दल बदलुओं को विश्वासघाती बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस का साथ छोड़ने वाले नेताओं को फिर कभी पार्टी में वापस नहीं लिया जाएगा। बनर्जी ने कहा, ‘‘जो (पार्टी) छोड़कर गए हैं, उन्हें पता था कि उन्हें आगामी चुनाव में टिकट नहीं मिलने वाला है। यह अच्छा है कि वे चले गए अन्यथा हम उन्हें निकाल देते.... जो पार्टी छोड़ना चाहते हैं, उन्हें जल्द से जल्द पार्टी छोड़ देनी चाहिए।
किसानों के प्रदर्शन पर नाटक कर रहे हैं कुछ राजनीतिक दल: फडणवीस
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 25, 2021 16:45
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फडणवीस ने भाजपा के कई कार्यकर्ताओं के साथ भंडारा में विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शन से पहले उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वह भंडारा के अस्पताल में पिछले महीने आग लगने से 10 बच्चों की मौत के मामले के संबंध में राज्य सरकार की ‘‘असंवेदनशील’’ रवैये के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
नागपुर (महाराष्ट्र)। भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेन्द्र फडणवीस ने सोमवार को आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक पार्टियां केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन को लेकर ‘‘नाटक’’ कर रही हैं और गलत जानकारियां फैला रही हैं। मुम्बई में किसानों द्वारा आयोजित की गई रैली का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस द्वारा समर्थन करने के बाद उन्होंने यह बयान दिया है। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस-राकांपा सरकार ने ही अनुबंध कृषि और कृषि उत्पादों की सीधी खरीद की अनुमति दी थी। उन्होंने कहा कि कृषि कानून पारित हुए काफी समय हो गया है और महाराष्ट्र में भी तक ऐसा कोई प्रदर्शन नहीं हुआ।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘ कुछ राजनीतिक दल जानबूझकर अब नाटक कर रहे हैं और गलत जानकारियां फैला कर किसानों को गुमराह कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे पास इन मोर्चों का समर्थन करने वाली पार्टियों के लिए एक सवाल है कि कांग्रेस ने अपने 2019 के चुनाव घोषणापत्र में यह क्यों कहा था कि अगर वह सत्ता में आई तो वह बाजार समितियों को निलंबित कर देगी।’’ फडणवीस ने पूछा, ‘‘ कांग्रेस और राकांपा को जवाब देने चाहिए कि उन्होंने 2006 में अनुबंध खेती अधिनियम को मंजूरी क्यों दी? उन्हें महाराष्ट्र में इस कानून से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन वे केन्द्र में इसे नहीं चाहते। यह ड्रामा क्यों?’’माजी मुख्यमंत्री आणि विधानसभेतील विरोधी पक्षनेते देवेंद्र फडणवीस हे मोर्चेकरांना संबोधित करीत आहेत.
राज्यातील हे सरकार म्हणजे भ्रष्टाचाराची गटारगंगा.
या सरकारने अनेक योजनांना स्थगिती दिली. केवळ एकच योजना सुरू आहे, ती म्हणजे भ्रष्टाचार: देवेंद्र फडणवीस @Dev_Fadnavis— @OfficeOfDevendra (@Devendra_Office) January 25, 2021
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उन्होंने यह भी दावा किया कि किसानों की उपज की सीधी खरीद के लिए पिछले कांग्रेस-राकांपा शासन ने 29 लाइसेंस जारी किए गए थे। इस बीच, फडणवीस ने भाजपा के कई कार्यकर्ताओं के साथ भंडारा में विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शन से पहले उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वह भंडारा के अस्पताल में पिछले महीने आग लगने से 10 बच्चों की मौत के मामले के संबंध में राज्य सरकार की ‘‘असंवेदनशील’’ रवैये के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने भंडारा में धान की खरीद के दौरान ‘‘व्यापक भ्रष्टाचार’’ का भी आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री की गलत नीतियों के कारण देश में आर्थिक असमानता बढ़ी: कांग्रेस
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 25, 2021 16:30
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गरीबी उन्मूलन के लिए काम करने वाली संस्था ‘ऑक्सफैम’ ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 35 प्रतिशत बढ़ गई, जबकि इस दौरान करोड़ों लोगों के लिए आजीविका का संकट पैदा हो गया।
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने ‘ऑक्सफैम’ की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘गलत नीतियों एवं प्राथमिकताओं’ के कारण देश में आर्थिक असमानता बढ़ी है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी जी की ग़लत नीतियों और प्राथमिकताओं से देश में आर्थिक असमानता बढ़ी है। ऑक्सफैम की नयी रिपोर्ट के अनुसार मोदी जी के मित्रों व देश के सबसे अमीर अरबपतियों की संपत्ति 35 प्रतिशत बढ़ी, वहीं अप्रैल में हर घंटे 1.7 लाख लोगों ने अपनी नौकरी खोई !’’
उल्लेखनीय है कि गरीबी उन्मूलन के लिए काम करने वाली संस्था ‘ऑक्सफैम’ ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 35 प्रतिशत बढ़ गई, जबकि इस दौरान करोड़ों लोगों के लिए आजीविका का संकट पैदा हो गया। ऑक्सफैम की रिपोर्ट ‘इनइक्वलिटी वायरस’ में कहा गया, ‘‘मार्च 2020 के बाद की अवधि में भारत में 100 अरबपतियों की संपत्ति में 12,97,822 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। इतनी राशि का वितरण यदि देश के 13.8 करोड़ सबसे गरीब लोगों में किया जाए, तो इनमें से प्रत्येक को 94,045 रुपये दिए जा सकते हैं।मोदी जी की ग़लत नीतियों और प्राथमिकताओं से देश में आर्थिक असमानता बढ़ी है।
ऑक्सफैम (Oxfam) की नई रिपोर्ट के अनुसार मोदी जी के मित्रों व देश के सबसे अमीर अरबपतियों की संपत्ति 35 प्रतिशत बढ़ी वहीं अप्रैल में हर घंटे 1.7 लाख लोगों ने अपनी नौकरी खोई !https://t.co/ldJ2vOHyMJ— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 25, 2021

