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प्रियंका गांधी ने मोदी को बताया कायर प्रधानमंत्री, बोलीं- सवाल उठने पर पिछली सरकारों को ठहराते हैं जिम्मेदार
- अनुराग गुप्ता
- फरवरी 23, 2021 15:10
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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव के समय किए गए वादे झूठे निकले। सच्चाई आपके सामने है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ अहंकारी प्रधानमंत्री नहीं हैं, कायर प्रधानमंत्री भी हैं।
मथुरा। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को मथुरा की किसान महापंचायत को संबोधित किया। इस दौरान प्रियंका गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ये जो कानून बनाए गए है उसका मकसद कुछ और है। प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि आपकी भलाई के लिए कानून बनाए गए हैं और विपक्ष के लोग आपको गुमराह कर रहे हैं। लेकिन मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि देशभर में ऐसा कोई किसान है जिससे सरकार ने पूछा हो।
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उन्होंने कहा कि इस कानून को नोटो की खेती करने वालों ने बनाया है और यह उन्हीं के लिए बना है। कुछ वक्त पहले बजट था और आपने देखा होगा हवाई अड्डे, बंदरगाह, एलआईसी, भारत पेट्रोलियम सबकुछ बिक रहे हैं। मानिए कि भाजपा सरकार ने बेचने की ऐसी भांग डाली है कि कुछ नहीं पता, आप गोवर्धन पर्वत को संभाल कर रखिए।
उन्होंने कहा कि इनके शासनकाल में डीजल-पेट्रोल में टैक्स से केंद्र ने 21 लाख 50 हजार करोड़ रुपए एकत्रित किए हैं और खरबपती मित्रों के 8 लाख करोड़ रुपए कर्जा माफ किया है लेकिन किसानों का एक रुपए माफ नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि आप अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं और आपका मजाक उठाया जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि समझ नहीं आ रहा पीएम मोदी जी की किसानों से कौन सी दुश्मनी है। जब आपने ही उनको प्रधानमंत्री बनाया है तो फिर आपको वो इस तरह से क्यों ठुकरा रहे हैं। आपने देखा होगा, आपकी समस्याओं को सुनने की बजाय संसद में आपकी बेज्जती की है। आपको आंदोलनजीवी, परिजीवी कहा। उनके मंत्रियों ने आपको देशद्रोही और आंतकवादी कहा।
प्रियंका गांधी ने कहा कि चुनाव के समय किए गए वादे झूठे निकले। सच्चाई आपके सामने है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ अहंकारी प्रधानमंत्री नहीं हैं, कायर प्रधानमंत्री भी हैं। क्योंकि जैसे ही इनकी नीतियों और निर्णयों पर सवाल उठता है तो वह एक दम से पीछे हटकर पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हैं।
सुनिए पूरा भाषण:
महंगाई के खिलाफ देश एकजुट, सरकार को पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने होंगे: कांग्रेस
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 6, 2021 10:55
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कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधा और कहा कि महंगाई के खिलाफ पूरा देश एकजुट है और ऐसे में सरकार को पेट्रोलियम उत्पादों के दाम करने पड़ेंगे।
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर शुक्रवार को सरकार पर निशाना साधा और कहा कि महंगाई के खिलाफ पूरा देश एकजुट है और ऐसे में सरकार को पेट्रोलियम उत्पादों के दाम करने पड़ेंगे। मुख्य विपक्षी पार्टी ने महंगाई के मुद्दे को लेकर शुक्रवार को ‘स्पीकअप अंगेस्ट प्राइज राइज (मूल्यवृद्धि के खिलाफ आवाज बुलंद करो)’ हैशटैग् से सोशल मीडिया अभियान भी चलाया।
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इस अभियान के तहत पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक वीडियो जारी कर दावा किया, ‘‘अंधी महंगाई 3 कारणों से असहनीय है- अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के गिरते दाम, केंद्र सरकार के द्वारा टैक्स के नाम पर डकैती और इस डकैती से 2-3 उद्योगपतियों का मुनाफ़ा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पूरा देश इसके ख़िलाफ़ एकजुट है- सरकार को सुनना ही होगा और पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने ही पड़ेंगे।’’ उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘महंगाई एक अभिशाप है। केंद्र सरकार सिर्फ़ टैक्स कमाने के लिए जनता को महंगाई के दलदल में धकेलती जा रही है। देश के विनाश के ख़िलाफ़ अपनी आवाज़ उठाइए।’’
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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कांग्रेस के इस अभियान के तहत ट्वीट किया, ‘‘महंगाई बढ़ने पर भाजपा सरकार के बहाने: सर्दी के कारण दाम बढ़े, पिछली सरकारों का दोष, लोग कम यात्रा करे, इसलिए टिकट के दाम बढ़े और पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर हमारा नियंत्रण नहीं है। आमजन की परेशानी को किया दरकिनार, इस बार बहानों की बौछार।’’ कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने आरोप लगाया, ‘‘मोदी सरकार की ओर से उठाए गए हर कदम से आम लोगों की जेब खाली हुई है। देश के लोग इसे सहन नहीं करेंगे और अपनी आवाज उठाएंगे।’’ पार्टी के कई अन्य नेताओं ने भी इस अभियान के तहत सरकार पर निशाना साधा।
भारत में कोरोना संक्रमण के 18,327 नए मामले, एक दिन में 108 लोगों की मौत
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 6, 2021 10:34
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भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 18,327 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,11,92,088 हो गई। देश में 36 दिनों के बाद संक्रमण के ये सर्वाधिक मामले हैं और इसी के साथ लगातार चौथे दिन उपाचाराधीन मरीजों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गयी।
नयी दिल्ली। भारत में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 18,327 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,11,92,088 हो गई। देश में 36 दिनों के बाद संक्रमण के ये सर्वाधिक मामले हैं और इसी के साथ लगातार चौथे दिन उपाचाराधीन मरीजों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गयी। यह संख्या अब 1,80,304 पर पहुंच गयी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी अद्यतन आकडों के अनुसार संक्रमण से 108 और लोगों की मौत होने से महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,57,656 हो गई। इससे पहले 29 जनवरी को 24 घंटे के अंतराल में संक्रमण के 18,855 मामले सामने आए थे।
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लेकिन उसके बाद प्रतिदिन नए मामलों की संख्या 18 हजार से नीचे ही रही थी। संक्रमण मुक्त होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,08,54,128 हो गई है और इसी के साथ संक्रमण से ठीक होने की राष्ट्रीय दर 96.98 प्रतिशत हो गई है। संक्रमण से मृत्यु दर 1.41 प्रतिशत है। देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1,80,304 है जो संक्रमण के कुल मामलों का 1.61 प्रतिशत है।
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देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख और 19 दिसम्बर को एक करोड़ के पार चले गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, देश में अभी तक 22,06,92,677 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है। इनमें से 7,51,935 नमूनों की जांच शुक्रवार को की गई।
फारूक अब्दुल्ला ने संपत्ति जब्त किए जाने के मामले में ईडी के आदेश को चुनौती दी
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 6, 2021 10:29
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नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के उस आदेश को जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय में चुनौती दी है जिसमें एजेंसी ने कथित धनशोधन के एक मामले में उनकी संपत्ति जब्त की है।
श्रीनगर। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के उस आदेश को जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय में चुनौती दी है जिसमें एजेंसी ने कथित धनशोधन के एक मामले में उनकी संपत्ति जब्त की है। अब्दुल्ला की याचिका शुक्रवार को अदालत के समक्ष लायी गयी लेकिन न्यायाधीश नेखुद को मामले की सुनवाई से अलग कर लिया और अब इस मामले में आठ मार्च को सुनवाई होगी। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने बुधवार को उच्च न्यायालय के समक्ष ईडी के दिसंबर 2020 के आदेश को चुनौती दी थी।
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मामले की सुनवाई अब सोमवार को अन्य न्यायाधीश के समक्ष होगी। न्यायमूर्ति अली मोहम्मद माग्रे ने यह कहते हुए खुद को सुनवाई से अलग कर लिया कि उन्होंने पिछले अतीत में इसी तरह के मामलों की सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। ईडी ने आरोप लगाया है कि अब्दुल्ला 2001 से 2011 तक जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे और इस दौरान उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया और निकाय में नियुक्तियां कीं ताकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा प्रायोजित कोषों में हेराफेरी की जा सके।
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अब्दुल्ला ने कहा कि ईडी द्वारा कश्मीर और जम्मू में जब्त संपत्ति की सूची अंतिम रिपोर्ट व प्राथमिकी में उल्लिखित कथित आपराधिक गतिविधि से असंबंधित है। उन्होंने इसे उनके मौलिक अधिकारों का लगातार उल्लंघन बताया। पार्टी सांसद हसनैन मसूदी के अनुसार ईडी द्वारा जब्त संपत्ति या तो पैतृक थीं या कथित अपराध होने से पहले ली गयी थीं। इसलिए वे किसी धनशोधन मामले या आपराधिक गतिविधि से संबंधित नहीं है। अब्दुल्ला ने मामले में ईडी की वैधता को लेकर सवाल किया है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि ईसीआईआर (प्रवर्तन आयोग सूचना रिपोर्ट) दर्ज किए जाने की तारीख और जांच की शुरुआत के समय जम्मू कश्मीर राज्य, जम्मू कश्मीर के संविधान, 1956 द्वारा शासित था और भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत राज्य को विशेष दर्जा प्राप्त था।
उन्होंने कहा कि ईडी ने 28 दिसंबर, 2018 को रणबीर दंड संहिताके तहत यह पता लगाए बिना मामला दर्ज किया कि क्या यह उसके अधिकार क्षेत्र में है या नहीं। ईडी ने 19 दिसंबर 2020 को एक अनंतिम आदेश जारी कर धनशोधन रोकथाम कानून के तहत उनकी संपत्ति जब्त की। ईडी के बयान के अनुसार, जब्त संपत्तियों में तीन रिहायशी मकान शामिल हैं। जांच एजेंसी ने कहा था, जम्मू कश्मीर में चार विभिन्न स्थानों पर भूखंड के अलावा श्रीनगर के महंगे रेजिडेंसी रोड पर एक व्यावसायिक इमारत को भी जब्त किया गया है।

