सुनवाई पटरी से उतारने का प्रयास कर रहे मोदी-शाहः कांग्रेस

[email protected] । Apr 20 2016 5:46PM

कांग्रेस पार्टी ने आज आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह फर्जी मुठभेड़ मामले में न्यायिक प्रक्रिया को ‘पटरी’ से उतारने का प्रयास कर रहे हैं।

कांग्रेस ने भाजपा के उन आरोपों को ‘झूठ का पुलिंदा’ बताया है जिसमें कहा गया है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने तत्कालिन गृह मंत्री पी चिदंबरम को इशरत जहां मामले में कोई निर्देश दिया था। केंद्र में सत्तारुढ़ पार्टी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह फर्जी मुठभेड़ मामले में न्यायिक प्रक्रिया को ‘पटरी’ से उतारने का प्रयास कर रहे हैं।

विपक्षी पार्टी ने यह बताने की मांग की कि इस मामले में जारी सुनवाई को बंद करने की जल्दबाजी के पीछे क्या मंशा है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्त रणदीप सुरजेवाला ने अपने बयान में कहा, 'आरएसएस के विपरीत सोनिया या राहुल गांधी कभी कोई हस्तक्षेप नहीं करते। इन्होंने तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम या किसी व्यक्ति या सरकार में किसी अधिकारी को इशरत जहां समेत किसी मामले में कोई निर्देश या सुझाव नहीं दिया।’’ केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा पर निशाना साधते हुए सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विभिन्न माध्यमों के जरिये कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के बारे में झूठ का पुलिंदा फैलाने से बाज आना चाहिए।

सुरजेवाला ने दावा किया कि इस तरह के शरारतपूर्ण प्रयास देश की जनता का ध्यान बांटने का प्रयास है। मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सच्चाई पर पर्दा नहीं डाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष की जवाबदेही बनती है कि वे 125 करोड़ देशवासियों को यह बताये कि इशरत जहां मामले की सुनवाई को बंद कराने का प्रयास करने के पीछे क्या मंशा है। सच्चाई और न्याय को भाजपा की मंत्री निर्मला सीतारमण और भाजपा प्रवक्ताओं के कपटपूर्ण तरीके से तैयार किये गए जाल का शिकार नहीं बनना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष को जवाब देना चाहिए कि वे क्यों अहमदाबाद मेट्रोपोलिटन अदालत और गुजरात उच्च न्यायालय की खंडपीठ के न्यायिक कथन को दरकिनार करने का प्रयास कर रहे हैं जिसने इसे फर्जी मुठभेड़ बताया था। उन्होंने सवाल किया कि भारत सरकार और गुजरात सरकार फर्जी मुठभेड़ में जिम्मेदार पाये गए अधिकारियों पर अभियोग चलाने को क्यों मंजूरी नहीं प्रदान कर रही है।

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