मप्र विधानसभा चुनाव: छह किन्नर भी चुनावी मैदान में ठोक रहे हैं ताल

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[email protected] । Nov 25 2018 1:20PM

पांची देशमुख अखिल भारत हिन्दू महासभा की टिकट पर चुनाव लड़ रही है, जबकि बाकी पांचों किन्नर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं।

भोपाल। मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां से शबनम मौसी के तौर पर वर्ष 2000 में देश को पहली किन्नर विधायक मिली। राज्य एक बार फिर विधानसभा चुनाव की दहलीज पर है और इस बार शबनम मौसी सहित विभिन्न सीटों से कुल छह किन्नर उम्मीदवार अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं। मध्यप्रदेश चुनाव कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर 28 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिये कुल 2907 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें छह किन्नर प्रत्याशी भी शामिल हैं। इनमें अनूपपुर जिले की कोतमा सीट से पूर्व विधायक शबनम मौसी उर्फ शबनम कोल (61), मुरैना जिले की अंबाह सीट से नेहा किन्नर (28), दमोह जिले की दमोह सीट से रिहाना सब्बो बुआ (56), शहडोल जिले की जयसिंह नगर सीट से सुन्दर सिंह ऊर्फ सल्लू मौसी (30), होशंगाबाद जिले की होशंगाबाद सीट से पांची देशमुख (44) एवं इन्दौर जिले की इन्दौर-2 सीट से बाला वैश्वरा (28) अपनी किस्मत आजमा रही हैं।

पांची देशमुख अखिल भारत हिन्दू महासभा की टिकट पर चुनाव लड़ रही है, जबकि बाकी पांचों किन्नर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं। देश की पहली किन्नर विधायक शबनम मौसी मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के सोहागपुर निर्वाचन क्षेत्र से वर्ष 2000 के उपचुनाव में निर्दलीय चुनी गई थीं। 14 से अधिक भारतीय भाषाओं की जानकार शबनम मौसी ने तब 44.08 प्रतिशत मत लेकर भाजपा के उम्मीदवार को 17,863 मतों से हराया था। इस बार शबनम का मुकाबला भाजपा के पूर्व विधायक रह चुके दिलीप कुमार जायसवाल एवं कांग्रेस के सुनील कुमार से है।

पांची देशमुख भी चुनावी राजनीति में पुराना नाम है। उन्होंने 2003 में होशंगाबाद सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था और निर्दलीय उम्मीदवार होने के वाबजूद अपनी जमानत बचाने में कामयाब रही थीं। दिलचस्प तथ्य यह भी है कि पांची देशमुख के खिलाफ होशंगाबाद सीट से मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा चुनाव मैदान में हैं। मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री सरताज सिंह भी कांग्रेस के टिकट पर यहां अपना भाग्य आजमा रहे हैं।

अम्बाह विधानसभा सीट से किन्नर नेहा के चुनाव मैदान में आने से मुकाबला रोचक हो गया है। नेहा की जनसभाओं में उमड़ती भीड़ ने अन्य दलों के उम्मीदवारों के माथे पर बल ला दिए हैं। हालांकि जनसभाओं में आने वाले लोगों में से कितने लोग उन्हें वोट देंगे यह तो चुनाव के नतीजों के बाद ही पता चल सकेगा।

किन्नर प्रत्याशियों में शबनम मौसी और पांची देशमुख के अलावा बाकी चारों पहली बार चुनाव मैदान में हैं । यह सभी समाज को खुद से जोड़ने की कोशिश में लगे हैं और चुनाव में जीत, न केवल इनका सियासी भाग्य चमकाएगी बल्कि समाज में भी इन्हें एक सम्मानित मुकाम दिलाएगी, जो इनके अस्तित्व की सबसे बड़ी जरूरत है। मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में 230 सीटों पर कुल 2907 प्रत्याशी खड़े हैं, जिनमें से 1102 निर्दलीय उम्मीदवार हैं।

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