मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: CBI का दावा, किसी लड़की की नहीं हुई हत्या

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[email protected] । Jan 8 2020 2:13PM

प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट को मंजूर किया और जांच टीम से दो अधिकारियों को कार्यमुक्त करने की अनुमति दी। अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि बच्चों के बलात्कार और यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच की गई और संबंधित अदालतों में आरोप पत्र दायर किए गए।

नयी दिल्ली। सीबीआई ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह में बच्चों की हत्या के कोई सबूत नहीं मिले हैं। जांच एजेंसी ने शीर्ष न्यायालय को बताया कि दो कंकाल बरामद हुए थे लेकिन बाद में फॉरेंसिक जांच में पता चला कि ये कंकाल एक महिला और एक पुरूष के थे।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट को मंजूर किया और जांच टीम से दो अधिकारियों को कार्यमुक्त करने की अनुमति दी। जांच एजेंसी की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि बच्चों के बलात्कार और यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच की गई और संबंधित अदालतों में आरोप पत्र दायर किए गए।

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वेणुगोपाल ने कहा कि जिन बच्चों की की हत्या के आरोप लगे थे, वे बाद में जीवित पाए गए। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने बिहार में 17 आश्रय गृहों के मामलों की जांच की और इनमें से 13 में आरोप पत्र दायर किए जबकि चार मामलों की शुरुआती जांच की गई और सबूत नहीं मिलने के कारण जांच बाद में बंद कर दी गई।

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