उचित विचार-विमर्श के बाद महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने का फैसला किया: नायडू

Naidu said Decision to reject impeachment motion after proper consultation
[email protected] । Apr 24 2018 5:51PM

महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने के एक दिन बाद सूत्रों ने नायडू के हवाले से कहा, ‘‘अभिव्यक्ति की आजादी इसकी अनुमति देती है लेकिन आखिरकार सच की जीत होती है।

नयी दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को खारिज करने का उनका फैसला समय से और बगैर किसी जल्दबाजी के लिया गया और एक महीने से ज्यादा के सोच विचार के बाद यह निर्णय किया गया। महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने के एक दिन बाद सूत्रों ने नायडू के हवाले से कहा, ‘‘अभिव्यक्ति की आजादी इसकी अनुमति देती है लेकिन आखिरकार सच की जीत होती है। मुझसे जो अपेक्षा की जाती थी वह न्यायपूर्ण काम मैंने बेहतरीन तरीके से किया।’’ उन्होंने कहा कि संविधान और न्यायाधीश जांच कानून 1968 के प्रावधानों का सख्ती से पालन करते हुए उन्होंने निर्णय किया। 

उच्चतम न्यायालय के 10 वकीलों के एक समूह से नायडू ने कहा, ‘‘मैंने अपना काम किया है और मैं इससे संतुष्ट हूं।’’ ये वकील महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने के फैसले पर नायडू को बधाई देने के लिए आए थे। नायडू ने वकीलों से कहा कि राज्यसभा के सभापति का दफ्तर महज डाकघर नहीं है बल्कि एक संवैधानिक संस्था भी है जो उपराष्ट्रपति भी है। सूत्रों के मुताबिक , नायडू ने कहा कि सीजेआई देश के सर्वोच्च न्यायिक पदाधिकारी हैं और ‘‘ उनसे जुड़ा कोई भी मुद्दा अगर सार्वजनिक तौर पर आता है तो उसे तय प्रक्रियाओं के मुताबिक जल्द से जल्द सुलझाने की जरूरत है ताकि माहौल को ज्यादा खराब होने से रोका जाए।’’ नायडू ने कल कांग्रेस सहित सात विपक्षी पार्टियों की ओर से दिए गए महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को खारिज कर दिया था। कांग्रेस ने उनके फैसले को ‘‘अवैध’’ और ‘‘जल्दबाजी’’ में उठाया गया कदम बताया था। 

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