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किसानों को खत्म करने वाले हैं तीनों कृषि कानून, प्रधानमंत्री नहीं करते किसान की इज्जत: राहुल गांधी
- अनुराग गुप्ता
- जनवरी 15, 2021 14:59
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रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों को खत्म करने वाले कानून हैं। इस देश को आजादी अंबानी-अडानी ने नहीं बल्कि किसानों ने दी है।
नयी दिल्ली। किसानों के समर्थन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों को खत्म करने वाले कानून हैं। इस देश को आजादी अंबानी-अडानी ने नहीं बल्कि किसानों ने दी है। दरअसल, राहुल गांधी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ जंतर मंतर में धरना दे रहे पंजाब कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात करने पहुंचे थे।
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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों को खत्म करने वाले कानून हैं। इस देश को आजादी अंबानी-अडानी ने नहीं बल्कि किसानों ने दी है। आजादी को बरकरार हिन्दुस्तान के किसान ने रखा है, जिस दिन देश की खाद्य सुरक्षा चली जाएगी उस दिन देश की आजादी भी चली जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री हिन्दुस्तान को नहीं समझ रहे हैं। वो सोचते हैं कि किसानों में शक्ति नहीं है और ये 10-15 दिन में चले जाएंगे, क्योंकि नरेंद्र मोदी किसानों की इज्जत नहीं करते। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान का किसान ना तो डरने वाला है और ना हीं हटने वाला है।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक राहुल गांधी ने दावा किया कि तीनों कानून किसानों को खत्म कर देंगे अगर हमने इसे रोका नहीं तो दूसरों सेक्टरों का भी यही हाल होगा।
The three (farm) laws have been brought to finish the farmers. If we don't stop this now, it will continue to happen in other sectors too. Narendra Modi does not respect the farmers. The farmers will neither deter nor fear: Congress leader Rahul Gandhi in Delhi https://t.co/ngZ5udHDXw pic.twitter.com/K9aY2W0q0B
— ANI (@ANI) January 15, 2021
शिवराज सिंह करेंगे 100 दीनदयाल रसोई केन्द्रों का शुभारंभ, विश्वास सारंग ने कांग्रेस पर साधा निशाना
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 26, 2021 14:34
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हमारी सरकार गरीब की सरकार है इसलिए मुख्यमंत्री जी ने निर्णय लिया है, आज प्रदेश में 100 नई रसोई और चालू हो रही है। अगर जरूरत पड़ेगी तो हम गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने की और व्यवस्था करेंगे।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को राजधानी भोपाल स्थित मिंटो हाल में दीनदयाल रसोई योजना फिर से शुरू करेंगे। दीनदयाल रसोई योजना के तहत प्रदेश में 100 रसोई केन्द्रों पर सरकार की तरफ से गरीब लोगों को खाना उपलब्ध कराया जायेगा। प्रदेश चिकित्सा शिक्षा मंत्री, विश्वास सारंग ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य है कि भाजपा की सरकार में किसी का भी पेट खाली नहीं रहेगा, इसलिए भाजपा की सरकार ने दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीबों को भोजन उपलब्ध कराया था। वह हमारा सफल प्रकल्प था। लेकिन पिछले 15 महीने कमलनाथ की सरकार आई, उन्होंने दीनदयाल रसोई बंद कर दी, क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार करके खुद का पेट भरना था। हमारी सरकार गरीब की सरकार है इसलिए मुख्यमंत्री जी ने निर्णय लिया है, आज प्रदेश में 100 नई रसोई और चालू हो रही है। अगर जरूरत पड़ेगी तो हम गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने की और व्यवस्था करेंगे।
दिग्विजय सिंह पर तंज कस्ते हुए सारंग ने कहा, "दिग्विजय सिंह जी सोते, उठते, बैठते तथा खाते समय बीहई राजनीति करते हैं, उनका कोई भी कृत्य गैर राजनीतिक कैसे हो सकता है। देश में अराजकता फैलाना ही दिग्विजय सिंह जी की जिंदगी का लक्ष्य है। इसलिए उनके सारे कामों में विघटन की बात ना हो यह कैसे संभव है।"
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है कि गांधी के नाम पर राजनीति करने वाले तथाकथित नेहरू परिवार के नेता है। इंदिरा गांधी का गांधी शब्द से क्या लेना देना था, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी का गांधी शब्द से क्या लेना देना था, वह सिर्फ गांधी टोपी पहन कर अपने आप को गांधीवादी बताते है। लेकिन गांधीगिरी कह देने से नहीं होती, करने से होती है। जिस प्रकार का कृत्य ग्वालियर में हुआ है यह कांग्रेस के लिए केवल चुनावी बात है। गांधी के विचार, गांधी के व्यक्तित्व से कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है। कांग्रेस को व मीडिया का हमें जवाब नहीं देना अरुण यादव को ही कांग्रेस जवाब दे दे। गांधी को लेकर राजनीति करने वाले कांग्रेस के नेताओं को शर्म आनी चाहिए कि उन्होंने इस तरह का कृत्य किया है।
केबिनेट बैठक पर बात करते हुए उन्होंने कहा, "कैबिनेट की बैठक में हमारे एजेंडे पर हम बात करेंगे। भाजपा की सरकार कल्याण और विकास की राजनीति को आगे बढ़ाती है। कल्याणकारी राज्य तथा जनता के कल्याण के लिए हमें जो जो करना होगा वह हम करेंगे।"
विधानसभा के मुद्दों पर उन्होंने कहा, "कांग्रेसी विधानसभा का उपयोग भी अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए करती है। कांग्रेस के विधायक न अध्ययन करते हैं ना मेहनत करते हैं। जिन प्रश्नों के उत्तर से जानकारी एकत्रित की जा रही है यह उनके 15 महीनों के कारनामे के हैं क्योंकि उन्होंने 15 महीने में काफी भ्रष्टाचार किया है। हम देश के विकास तथा जनता के कल्याण के लिए विधानसभा का उपयोग करते हैं।" शहरों के नाम बदलने को लेकर सारंग कहते हैं कि यह हम सब के लिए खुशी की बात है कि गुलामी के प्रतीक को बदलने का श्रेय मैं मुख्यमंत्री जी को दूंगा। उन्होंने होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदा पुरम करने का निर्णय लिया है। आगे भी हमारी सरकार गुलामी के प्रतीक जिनके कारण हम शर्मसार होते हैं उनका नाम बदला जाएगा।
प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर उन्होंने कहा, "अभी ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है आज सीएम शिवराज सिंह के साथ समीक्षा बैठक होगी। हम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें माक्स लगाएं तथा दूरी बनाए रखें। हमारी व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त है। मुख्यमंत्री जी लगातार समीक्षा का निर्देश देते हैं, जिसके अनुसार पूरे प्रदेश में व्यवस्थाएं कर रहे हैं।" बढ़ती महंगाई पर उन्होंने कहा कि, "यह सब अंतरराष्ट्रीय बाजार के कारण होता है हमारी सरकार में तो महंगाई लगातार कम हुई है अर्थव्यवस्था तथा बाधा ठीक हो इसके प्रयास लगातार किए जाएंगे।"
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- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 26, 2021 14:30
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विदेश मंत्री एस जयशंकर की उनके चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बृहस्पतिवार को 75 मिनट तक टेलीफोन पर हुई बातचीत का विवरण जारी करते हुए विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि चीन से कहा गया है कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर पिछले साल से गंभीर असर पड़ा है।
नयी दिल्ली। सरहद पर शांति और स्थिरता को द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के लिए जरूरी बताते हुए भारत ने चीन से कहा है कि सैनिकों की पूर्ण वापसी की योजना पर अमल को लेकर जरूरी है कि टकराव वाले सभी इलाकों से सैनिकों को हटाया जाए। दोनों देशों ने समय-समय पर अपने दृष्टिकोण साझा करने के लिए हॉटलाइन संपर्क तंत्र भी स्थापित करने पर सहमति जतायी है। पिछले सप्ताह भारत और चीन की सेना ने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सैनिकों और साजो-सामान को पीछे हटाने की प्रक्रिया संपन्न की।
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विदेश मंत्री एस जयशंकर की उनके चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बृहस्पतिवार को 75 मिनट तक टेलीफोन पर हुई बातचीत का विवरण जारी करते हुए विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि चीन से कहा गया है कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर पिछले साल से गंभीर असर पड़ा है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा संबंधी प्रश्न को सुलझाने में समय लग सकता है लेकिन हिंसा होने, और शांति तथा सौहार्द बिगड़ने से संबंधों पर गंभीर असर पड़ेगा।’’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्री लगातार संपर्क में रहने और एक हॉटलाइन स्थापित करने पर सहमत हुए। दोनों नेताओं ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हालात और भारत-चीन के बीच समग्र संबंधों को लेकर चर्चा की। बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा देर रात जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक वांग ने कहा कि चीन और भारत को आपसी भरोसे के सही मार्ग का कड़ाई से पालन करना चाहिए और दोनों पड़ोसी देशों के बीच सहयोग होना चाहिए। स्टेट काउंसलर का भी पद संभाल रहे वांग ने कहा कि दोनों देशों को द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर रखने के लिए सीमा मुद्दों को उचित तरीके से निपटाना चाहिए।
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विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक जयशंकर ने मॉस्को में सितंबर 2020 में अपनी बैठक का हवाला दिया जहां भारतीय पक्ष ने यथास्थिति को बदलने के चीनी पक्ष के एकतरफा प्रयास और उकसावे वाले बर्ताव पर चिंता प्रकट की थी। जयशंकर ने कहा कि पिछले साल मॉस्को में बैठक के दौरान उनके बीच सहमति बनी थी कि सीमाई क्षेत्रों में तनाव की स्थिति दोनों देशों के हित में नहीं है और फैसला हुआ था कि दोनों पक्षों वार्ता जारी रखेंगे, सैनिकों को पीछे हटाएंगे और तनाव घटाने के लिए कदम उठाएंगे।
विदेश मंत्री ने कहा कि उसके बाद से दोनों देशों के बीच राजनयिक और सैन्य स्तर पर लगातार संपर्क कायम रहा। इससे प्रगति हुई और इस महीने पैंगोंग झील वाले इलाके में तैनात सैनिकों को पीछे हटाया गया। पैंगोंग झील इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया संपन्न होने का उल्लेख करते हुए विदेश मंत्री ने जोर दिया कि दोनों पक्षों को पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर बाकी मुद्दों को भी सुलझाने के लिए कदम उठाने चाहिए। सूत्रों के मुताबिक पिछले सप्ताह वरिष्ठ कमांडरों के बीच 10 वें दौर की वार्ता के दौरान क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए भारत ने हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग से सैनिकों को पीछे हटाने पर जोर दिया।
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जयशंकर ने वांग से कहा कि गतिरोध वाले सभी स्थानों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों पक्ष क्षेत्र से सैनिकों की पूर्ण वापसी और अमन-चैन बहाली की दिशा में काम कर सकते हैं। विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक वांग ने अब तक हुई प्रगति पर संतोष जताया और कहा कि सीमाई क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बहाली की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है। वांग ने सीमाई क्षेत्रों में प्रबंधन और नियंत्रण भी बेहतर करने की जरूरत पर जोर दिया वहीं जयशंकर ने रेखांकित किया कि दोनों पक्ष द्विपक्षीय संबंधों की बेहतरी के लिए सीमाई क्षेत्रों में अमन-चैन बनाए रखने पर सहमत रहे हैं।
वांग ने कहा कि भारतीय पक्ष ने संबंधों के लिए ‘आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और आपसी हितों’ को ध्यान में रखने का प्रस्ताव दिया। चीनी विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति के मुताबिक वांग ने कहा कि सीमा पर विवाद एक हकीकत है और इस पर समुचित ध्यान दिए जाने और इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। हालांकि, सीमा विवाद भारत-चीन के समूचे रिश्तों को बयां नहीं करता है। भारत और चीन की सेनाओं के बीच पांच मई को सीमा पर गतिरोध शुरू हुआ था। दोनों देशों के बीच पैंगोंग झील वाले इलाके में हिंसक झड़प हुई और इसके बाद दोनों देशों ने कई स्थानों पर साजो-सामान के साथ हजारों सैनिकों की तैनाती कर दी। इसके बाद पिछले चार दशकों में सबसे बड़े टकराव में 15 जून को गलवान घाटी में झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए। झड़प के आठ महीने बाद चीन ने स्वीकार किया कि झड़प में उसके चार सैन्यकर्मी मारे गए थे।
एयर स्ट्राइक के बाद NSA डोभाल से बोले एयर चीफ मार्शल, बंदर मारा गया
- अभिनय आकाश
- फरवरी 26, 2021 14:01
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बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद तत्कालीन वायु सेना प्रमुख बीएस धनोवा को एक स्पेशल आरएक्स नंबर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का फोन आया। आरएक्स एक अल्ट्रा सिक्योर फिक्स लाइन नेटवर्क है। उन्होंने फोन पर हिंदी में कहा बंदर मारा गया।
14 फरवरी की तारीख को पुलवामा में जो आतंकवादी हमला पाकिस्तान के जैश ए मोहम्मद ने किया था। उसके 11 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। मंगलवार की वो सुबह जब भारतीय सेना के विमानों ने पाकिस्तान के कई आतंकी शिविरों पर बम बरसाए और सुबह 3 बजे के तड़के हुए इस हमले में 300 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की खबरें सामने आई। परमाणु हमलों से लैस दो देशों के सेनाओं के बीच सीधी भिड़ंत देखे दुनिया को कुछ वक्त हो गया था। भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना थी। लेकिन 1971 के बाद भारत ने उसका इस्तेमाल कभी अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमा के बाहर नहीं किया था। लेकिन 26 फरवरी को ये सब बदल गया। भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनवा में जबा टॉप पर जैश ए मोहम्मद के ठिकानों पर हमले किए। इसे आत्मरक्षा में की गई एक असैन्य कार्रवाई बताया गया।
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दो साल बाद ऑपरेशन के बारे में और अधिक जानकारी सामने आई है। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बारे में शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तानी अधिकारियों को चकमा देने के लिए ऑपरेशन का कोड बंदर जानबूझकर रखा गया था। ये कोड भावलपुर में आतंकी संगठन के जैम के मुख्यालय के संदर्भ में था। सट्राइक से पहले पाकिस्तानी इंटेलिजेंस को धोखे में रखने के लिए राजस्थान के आसमान में भारतीय फाइटर जेट उड़ाए गए। जिससे की पाक का पूरा ध्यान इस ओर आ जाए और वो अपनी पूरी ताकत इस ओर लगा दे। नजीते के मुताबिक भारतीय सेना के अपग्रेड मिराज 2000 ने 90 किलोग्राम स्पाइस 2000 के पैनट्रेटेड बम बरसाए।
बंदर मारा गया
26 फरवरी साल 2019 के सुबह करीब पौने चार बजे तत्कालीन वायु सेना प्रमुख बीएस धनोवा को एक स्पेशल आरएक्स नंबर पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का फोन आया। आरएक्स एक अल्ट्रा सिक्योर फिक्स लाइन नेटवर्क है। उन्होंने फोन पर हिंदी में कहा बंदर मारा गया। धनोवा की ओर से फोन पर बोले गए शब्दों का मैसेज साफ था कि पाकिस्तान के बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के आतंकी कैंप को भारतीय लड़ाकू जेट ने सीमा पार तबाह कर दिया है। धनोवा ने उस वक्त की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और रिसर्च एंड एनिलिसिस विंग के अनिल धस्माना को भी इसी तरह कॉल की थी। इसके बाद एनएसए डोभाल ने पीएम मोदी को एयर स्ट्राइक की जानकारी दी।

