घुसपैठियों के प्रति न तो मेरी नीति और न ही मेरा झंडा बदला: राज ठाकरे
मनसे के प्रमुख राज ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि न तो बांग्लादेशी और पाकिस्तानी घुसपैठियों के प्रति उनकी नीति बदली है और न ही उनकी पार्टी का झंडा बदला है। मनसे इस साल जनवरी में अपना नया झंडा सामने लेकर आयी थी जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज का राजकीय मुहर है जिसे ‘राज मुद्रा’ कहा जाता है।
औरंगाबाद। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने शुक्रवार को कहा कि न तो बांग्लादेशी और पाकिस्तानी घुसपैठियों के प्रति उनकी नीति बदली है और न ही उनकी पार्टी का झंडा बदला है। मनसे इस साल जनवरी में अपना नया झंडा सामने लेकर आयी थी जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज का राजकीय मुहर है जिसे ‘राज मुद्रा’ कहा जाता है। उस समय कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन में उनके भाषण से मनसे के कट्टर हिंदुत्व राजनीति की ओर उन्मुख होने का संकेत भी मिला था।
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ठाकरे ने कहा कि न तो बांग्लादेशियों और पाकिस्तानियों के प्रति मेरी नीति बदली है और न ही मेरा झंडा बदला है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने नये झंडे के लिए राज्य चुनाव आयोग को पत्र भेजा था और यह तीन-चार पहले दर्ज कराये गये कई झंडों में एक है। उन्होंने कहा कि राज मुद्रा वाला झंडा पहले भी पार्टी के कार्यक्रमों में प्रदर्शित किया गया है। ठाकरे ने दावा किया कि राज्य सरकार ने बांग्लादेशियों द्वारा चलाये जा रहे रिक्शों और टैक्सियों को हटवाया जब उनकी पार्टी ने यह मुद्दा उठाया।
शिवसेना पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि अन्य अपनी नीतियां बदलकर सत्ता में पहुंचे हैं। जब उनसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा एलगार परिषद प्रकरण की जा रही जांच और इसे लेकर राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के बीच टकराव के बारे में पूछे जाने पर ठाकरे ने कहा, ‘‘ इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कौन सी एजेंसी जांच करती है, बस जांच परिणति तक पहुंचनी चाहिए। हम देखते हैं कि कई जांचें शुरू होती हैं लेकिन वे कभी खत्म नहीं होती हैं।’’
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