राम मंदिर निर्माण में बाधा की नई साजिश? जानिए ‘जमीन घोटाले’ की हकीकत

Ram temple
अभिनय आकाश । Jun 14 2021 1:53PM

समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र पर जमीन खरीद में घोटाले का आरोप लगा दिया है। समाजवादी पार्टी के नेता तेज नारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय का आरोप है कि दो करोड़ की जमीन को 18 करोड़ 50 लाख रुपए में खरीदा गया।

राम मंदिर निर्माण को लटकाने, भटकाने के लिए उत्तर प्रदेश से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक प्रभु श्री राम के खिलाफ षड़यंत्र होने लगा और एक बार फिर राम मंदिर निर्माण में रोड़ा अटकाने का राम शुरू हो गया। राम मंदिर निर्माण में एक बार फिर अड़चन डालने की कोशिश की  जा रही है। समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र पर जमीन खरीद में घोटाले का आरोप लगा दिया है। समाजवादी पार्टी के नेता तेज नारायण पांडेय उर्फ पवन पांडेय का आरोप है कि दो करोड़ की जमीन को 18 करोड़ 50 लाख रुपए में खरीदा गया। आरोप है  लगाया गया कि जिस जमीन को 2 करोड़ रुपए में खरीदा गया उसे महज 10 मिनट के अंदर 18 करोड़ में श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट को बेच दिया गया। समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने इसकी सीबीआई और ईडी से जांच कराने की मांग की है। इन आरोपों पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि ये निराधार है और वोट बैंक के लिए सबकुछ किया जा रहा है।

राम मंदिर की भूमि खरीद में 16.5 करोड़ का घोटाला?

आम आदमी पार्टी (आप) से राज्यसभा सदस्य एवं पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उसकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने की मांग की है। आप सासंद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आरोप लगाया कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रुपए कीमत की जमीन 18 करोड़ रुपए में खरीदी। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सीधे-सीधे धन शोधन का मामला है और सरकार इसकी सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराये। सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ दस्तावेज पेश करते हुए कहा, कोई कल्पना भी नहीं कर सकता कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के नाम पर कोई घोटाला और भ्रष्टाचार करने की हिम्मत करेगा। लेकिन जो कागजात मैं आपको दिखाने जा रहा हूं वे चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे हैं कि राम जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर चंपत राय जी ने करोड़ों रुपए चंपत कर दिए।

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उन्होंने दावा किया कि अयोध्या सदर तहसील के बाग बिजैसी गांव में पांच करोड़ 80 लाख रुपये की मालियत वाली गाटा संख्या 243, 244 और 246 की जमीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी नामक व्यक्तियों ने कुसुम पाठक और हरीश पाठक से 18 मार्च को दो करोड़ रुपए में खरीदी थी। आप सांसद ने कहा कि शाम सात बजकर 10 मिनट पर हुई इस जमीन खरीद में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह बने थें। साथ ही आरोप लगाया कि उसके ठीक पांच मिनट के बाद इसी जमीन को चंपत राय ने सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी से साढ़े 18 करोड़ रुपए में खरीदा, जिसमें से 17 करोड़ रुपए आरटीजीएस के जरिए पेशगी के तौर पर दिए गए। उन्होंने आरोप लगाया, दो करोड़ रुपए में खरीदी गई जमीन का दाम लगभग प्रति सेकंड साढ़े पांच लाख रुपए बढ़ गया। हिंदुस्तान तो क्या, दुनिया में कहीं किसी जमीन का दाम इतनी तेजी से नहीं बढ़ता। मजे की बात यह है कि जो राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय बैनामा कराने में गवाह थे, वो ही इस जमीन को ट्रस्ट के नाम पर खरीदने में भी गवाह बन गए। यह साफ तौर पर धन शोधन और भारी भ्रष्टाचार का मामला है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार से मांग करता हूं कि तत्काल ईडी और सीबीआई के जरिए इस मामले की गहन जांच कराकर इसमें शामिल भ्रष्टाचारी लोगों को जेल में डाला जाए क्योंकि यह इस मुल्क के करोड़ों राम भक्तों की आस्था के साथ-साथ उन करोड़ों लोगों के भरोसे का भी सवाल है जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा राम मंदिर निर्माण के लिए दिया है।

सपा नेता ने उठाए सवाल

समाजवादी पार्टी सरकार में राज्य मंत्री रहे एवं अयोध्या के पूर्व विधायक पवन पांडे ने भी अयोध्या में राय पर भ्रष्टाचार के ऐसे ही आरोप लगाए और मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की । पवन पांडेय को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है। सपा नेपात पांडेय ने कहा कि 10 मिनट पहले 2 करोड़ में जमीन का बैनामा हुआ और उसी दिन फिर साढ़े 18 करोड़ में एग्रीमेंट हुआ। सपा नेता ने कहा कि केंद्र ने ट्रस्ट बनाया है और मामले की सीबीआई जांच करा ले। 

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आरोपों पर क्या है ट्रस्ट के महामंत्री का जवाब

चंपत राय ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस तरह के आरोपों से नहीं डरते। वह खुद पर लगे आरोपों का अध्ययन करेंगे। मीडिया को जारी एक संक्षिप्त बयान में राय ने कहा, हम पर तो महात्मा गांधी की हत्या करने का आरोप भी लगाया गया था। हम आरोपों से नहीं घबराते। मैं इन आरोपों का अध्ययन और उनकी जांच करूंगा। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट ने निर्माणाधीन राम मंदिर के आसपास के छोटे-मोटे मंदिरों और गृहस्थों की जमीन खरीदी। परकोटा व रीटेनिंग दीवार की वस्तु में सुधार, पूर्व-पश्चिम दिशा में आवागमन की सुविधा, खुला मैदान रखने के लिए और सुरक्षा की दृष्टि से ऐसा आवश्यक था। साथ ही जिनसे भूमि ली गई है, उनके पुनर्वास की भी समुचित व्यवस्था की जा रही है। चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के साथ ही यहाँ जमीन के भाव यकायक बढ़ गए, क्योंकि कई इलाकों से लोग आकर यहाँ भूमि खरीदने लगे। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भी अयोध्या के सर्वांगीण विकास के लिए भूमि खरीद रही है। जिस भूखंड को लेकर संजय सिंह से आरोप लगाया, उसे रेलवे लाइन के पास खरीदा गया। ये एक प्रमुख स्थान है। चंपत राय ने आरोपों को भ्रामक, गुमराह करने वाला और राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित करार दिया।

क्या सच में हुआ है घोटाला?

एडवोकेट अभिषेक द्विवेदी ने सारे आोरोपों पर सोशल मीडिया पर कई थ्रेड्स के माध्यम से चीजों को समझाने की कोशिश की। उन्होंने 'एग्रीमेंट टू सेल' और सेल डीड के बीच के अंतर के बारे में उल्लेख करते हुए कहा कि किसी बाद की तारीख को जमीन बेचने का वादा किया गया, वहीं डीड मतलब सेल पूर्ण हो गया। सितंबर 17 2019 को कुसुम पाठक नाम की महिला ने सुल्तान अंसारी समेत कुछ लोगों के साथ 'एग्रीमेंट टू सेल' किया। उस वक्त के बाजार मूल्य के आधार पर ऐसा किया गया क्योंकि राम मंदिर के पक्ष में फैसला आना शेष था। उस वक्त ये एग्रीमेंट 2 कोरड़ का हुआ औऱ मार्च 18 2021 को ही सुल्तान अंसारी ने उसी एग्रीमेंट टू सेल को आधार बना कर सेल एग्रीमेंट किया, जिसमें 2021 के बाजार मूल्य के हिसाब से 18 करोड़ रुपए देने की बात हुई। अयोध्या में 2019 औऱ 2021 के वर्षों में जमीन की कीमतों में काफी इजाफा हुआ है। 

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