निर्भया मामला: दोषियों की हर कोशिश नाकाम, तय समय पर होगी फांसी
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दिल्ली की निचली अदालत ने निर्भया सामूहिक बलात्कार-हत्याकांड मामले में चार दोषियों की फांसी पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी, जिससेएक ओर जहां पीड़िता का परिवार खुश नजर आया वहीं दूसरी ओर दोषी अक्षय की पत्नी के आंसू छलक आए।
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने और फांसी पर रोक की मांग करने वाले पवन गुप्ता की मौत की सजा को खारिज कर दिया। इससे पहले हाई कोर्ट ने भी तीन दोषियों की याचिका खारिज कर दिया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार सुबह दी जाने वाली फांसी पर रोक लगाने की मांग करने वाली तीन दोषियों की याचिका को खारिज किया। निर्भया मामला में तीन दोषियों ने निचली अदालत द्वारा उनकी फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया था। निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली दोषियों की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने रात 10 बजे सुनवाई शुरू किया।
कोर्ट ने दोषियों की याचिका खारिज कर दी है। पहले कोर्ट ने दोषियों के वकील एपी सिंह की याचिका खारिज की। इसके बाद दोषियों की ओर से पेश एक और वकील शम्स ख्वाजा ने अपनी दलील शुरू की। इनकी भी याचिका खारिज हुई।2012 Delhi Gangrape case: Adv Shams Khwaja says, the President of India at an event made public his sentiments that death row convicts in sexual assault cases do not deserve mercy. He was prejudiced against us even before the first mercy plea. https://t.co/diSwI4ik0W
— ANI (@ANI) March 19, 2020
2012 Delhi gang-rape case: Delhi High Court says no foundation has been given in the petition. It has been filed without any index, list of dates, memo of parties, annexures or any affidavits. https://t.co/WKEqNgrmie
— ANI (@ANI) March 19, 2020
2012 Delhi gangrape case in Delhi High Court: AP Singh says, justice hurried is justice buried. Court says to Singh, you have not raised a single legal point.
— ANI (@ANI) March 19, 2020निर्भया मामला: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि दोषी अक्षय कुमार की पत्नी की तलाक की याचिका फांसी की सजा रोकने से जुड़ी हुई नहीं है।
निर्भया मामला: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि उच्चतम न्यायालय पहले ही कह चुका है कि अक्षय सिंह की पत्नी की तलाक की याचिका प्रासंगिक नहीं है।
निर्भया मामला: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि चारों दोषियों को मौत की सजा की पुष्टि पर उच्चतम न्यायालय का फैसला अंतिम है और हम उसकी समीक्षा नहीं कर सकते।
निर्भया मामला: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि फांसी पर रोक के लिए तीन दोषियों की ओर से दायर याचिका में कोई आधार नहीं है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्भया मामले में कहा कि कोई व्यवस्था से खेल रहा है। दया याचिका दायर करने में ढाई साल की देरी कोई साजिश लगती है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्भया मामले में दोषियों के वकील से कहा कि दया याचिका दायर करने में बहुत देर की गई। यदि आपके पास कुछ पर्याप्त कानूनी बिंदु हैं, तो कृपया बताएं।
निर्भया मामला: दोषियों की फांसी पर रोक की याचिका खारिज, कहीं खुशी, कहीं गम
नयी दिल्ली। दिल्ली की निचली अदालत ने निर्भया सामूहिक बलात्कार-हत्याकांड मामले में चार दोषियों की फांसी पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी, जिससेएक ओर जहां पीड़िता का परिवार खुश नजर आया वहीं दूसरी ओर दोषी अक्षय की पत्नी के आंसू छलक आए। निर्भया की मां आशा देवी ने आदेश पर खुशी व्यक्ति करते हुए कहा कि कल दोषियों की फांसी के बाद उनकी बेटी की आत्मा को शांति मिल जाएगी। उन्होंने कहा, मैं खुश हूं। मेरी बेटी के साथ हुए अपराध के सात साल बाद मुझे न्याय मिला है। आखिरकार अब दोषियों को फांसी पर लटकाया जाएगा। अब जाकर मुझे सुकून मिलेगा। वहीं, दूसरी ओर इस मामले में मौत की सजा पाए अक्षय कुमार की पत्नी ने यहां पटियाला हाउसकोर्ट के बाहर फूट-फूटकर रोते हुए कहा कि उसे और उसके नाबालिग बेटे को भी फांसी पर लटका देना चाहिये। अक्षय की पत्नी ने हाल ही में बिहार फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की थी। उसने कहा कि वह बलात्कारी की विधवा की पहचान के साथ जीना नहीं चाहती।
अदालत के बाहर उसने कहा, मैं भी न्याय चाहती हूं। मुझे भी मार दो। मैं जीना नहीं चाहती। मेरा पति निर्दोष है। समाज उनके पीछे क्यों पड़ा है? हम इस उम्मीद के साथ जी रहे थे कि हमें न्याय मिलेगा लेकिन बीते सात साल से हम रोज मर रहे हैं। वह खुद को सैंडल से पीटने लगी, जिसके बाद अदालत के बाहर मौजूद वकीलों ने उसे ढांढस बंधाया। इस बीच पीड़िता के वकील जितेन्द्र ने कहा कि दोषी किसी भी रहम के लायक नहीं है, हालांकि उसकी पत्नी सहानुभूति की हकदार है। उन्होंने कहा, अक्षय हमारे समाज का सदस्य है। हर किसी को अप्राकृतिक मौतों से दर्द होता है, लेकिन अक्षय किसी रहम के लायक नहीं। उसकी पत्नी अपराध में शामिल नहीं थी। वह अपने पति को खो देगी और मुझे उससे हमदर्दी है। अपने आठ साल के बच्चे के साथ आई अक्षय की पत्नी ने न्यायाधीश से कहा कि उसे न्याय नहीं मिल रहा। उसने कहा, मुझे और मेरे बेटे को भी फांसी दे दो। हम कैसे जी पाएंगे? उसने कहा, मैं भी न्याय चाहती हूं। मेरे और बेटे के बारे में तो सोचिये। इसपर न्यायाधीश ने कहा, यहां निर्भया की मां भी मौजूद हैं। आप उनसे अपनी बात कहिये। आदेश सुनाए जाने के बाद देवी चार महिला पुलिसकर्मियों और अपने वकील के साथ बाहरचली गईं।
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