निर्भया मामला: दोषियों की फांसी की नयी तारीख के लिए कोर्ट पहुंची दिल्ली सरकार

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[email protected] । Mar 4 2020 7:06PM

निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में फांसी की सजा का सामना कर रहे दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ठुकरा दी है। अदालत ने दोषियों की फांसी अगले आदेश तक के लिए सोमवार को टाल दी थी। फांसी मंगलवार को दी जानी थी।

नयी दिल्ली। निर्भया मामले में चारों दोषियों की फांसी के लिये नयी तारीख निर्धारित करने का अनुरोध करते हुए दिल्ली सरकार ने बुधवार को यहां की एक अदालत का रुख किया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दोषियों को बृहस्पतिवार तक अपना-अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। दिल्ली सरकार ने अदालत से कहा कि दोषियों के लिए सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए हैं और अब कोई विकल्प नहीं बचा है। अभियोजन के वकील ने कहा कि नोटिस की कोई जरूरत नहीं है। वहीं, अदालत ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि नैसर्गिक न्याय का सिद्धांत संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता) का हिस्सा है और दूसरे पक्ष को सुने जाने को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

इससे पहले दिन में गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में फांसी की सजा का सामना कर रहे दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ठुकरा दी है। अदालत ने दोषियों की फांसी अगले आदेश तक के लिए सोमवार को टाल दी थी। फांसी मंगलवार को दी जानी थी। निचली अदालत ने 17 फरवरी को मामले में चारों दोषियों मुकेश कुमार सिंह (32), पवन (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी देने के लिए तीन मार्च, सुबह छह बजे का समय निर्धारित किया था। दोषियों द्वारा कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल किए जाने के चलते मौत की सजा का क्रियान्वयन अब तक तीन बार टल चुका है। सभी दोषियों को एक साथ फांसी दी जानी है। 

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गौरतलब है कि निर्भया से 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस में सामूहिक बलात्कार के साथ ही उस पर बर्बरता से हमला किया गया था। निर्भया की 29 दिसंबर को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गयी थी, जहाँ उसे बेहतर चिकित्सा के लिए ले जाया गया था। चारों दोषियों और एक किशोर सहित छह व्यक्ति आरोपी के तौर पर नामजद थे। छठे आरोपी रामसिंह ने मामले की सुनवाई शुरू होने के कुछ दिनों बाद तिहाड़ जेल में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। एक सुधार गृह में तीन साल गुजारने के बाद 2015 में किशोर को रिहा कर दिया गया था।

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