- |
- |
पश्चिम बंगाल में लगातार हो रही हैं राजनीतिक हत्याएं, हिंसा कम होने का कोई संकेत नहीं: राज्यपाल
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- नवंबर 19, 2020 17:38
- Like

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि प्रशासन का इतना राजनीतिकरण हो गया है कि राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाए रखना मुश्किल है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य में लगातार राजनीतिक हत्याएं हो रही हैं और उनके बार-बार कहने के बावजूद मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक ने पुलिस और प्रशासन को राजनीतिक रूप से तटस्थ रहने के लिए कोई ठोस निर्देश जारी नहीं किया है। ट्विटर पर अपलोड किए गए एक वीडियो में, राज्यपाल ने कहा कि प्रशासन का इतना राजनीतिकरण हो गया है कि राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाए रखना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक हिंसा, राजनीतिक प्रतिशोध और राजनीतिक हत्याओं के कम होने का कोई संकेत नहीं है और मुझे डर है कि ऐसी मौतों की संख्या तीन अंकों की संख्या तक जा सकती है।
इसे भी पढ़ें: बंगाल में दो सामुदायिक क्लबों के सदस्यों के बीच झड़प, भाजपा नेता की पीट-पीटकर हत्या
राज्यपाल ने कहा कि वह इन मुद्दों पर सरकार, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को बार-बार आगाह करते रहे हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक कोई पुख्ता निर्देश जारी नहीं किया है। राज्यपाल ने कहा कि जब स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण से बाहर हो गई है, ऐसे में उन्होंने 15 नवंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कहा था कि सरकारी अधिकारी राजनीतिक कार्यकर्ताओं के रूप में काम नहीं कर सकते। धनखड़ ने कहा कि पत्र में उन्होंने लिखा था कि अगर सरकारी अधिकारी राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में काम करते हैं तो यह लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी होगी।
It is imperative @MamataOfficial to observe “political neutrality”.
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) November 19, 2020
So far unfortunately inspite of my insistence CM, CS and DGP @WBPolice have not issued firm directive to police and administration to be “politically neutral”.
Hope they soon act for democracy ! pic.twitter.com/giQpc4SEHF
किसानों की ट्रैक्टर रैली तय योजना के अनुसार गणतंत्र दिवस पर ही होगी: यूनियन नेता
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 22, 2021 19:19
- Like

सरकार के साथ किसानों की ग्यारहवें दौर की वार्ता समाप्त हो गई है। बैठक से बाहर निकलने के बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि यह सरकार को सुनिश्चित करना है कि रैली शांतिपूर्ण रहे।
नयी दिल्ली। आंदोलनरत किसान नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि उनकी 26 जनवरी की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली दिल्ली के व्यस्त आउटर रिंग रोड पर ही होगी, जैसा कि पहले तय किया गया था। सरकार के साथ किसानों की ग्यारहवें दौर की वार्ता समाप्त हो गई है। बैठक से बाहर निकलने के बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि यह सरकार को सुनिश्चित करना है कि रैली शांतिपूर्ण रहे।
इसे भी पढ़ें: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की दो टूक, जो प्रस्ताव दिया उससे बेहतर कुछ और नहीं
राजेवाल ने कहा, ‘‘26 जनवरी को आउटर रिंग रोड पर पहले से निर्धारित योजना के अनुसार ट्रैक्टर मार्च होगा। हमने पुलिस को सूचित किया है कि यह सुनिश्चित करना सरकार का काम है कि यह शांतिपूर्ण रहे।’’ किसान यूनियनों ने शुक्रवार को सरकार से कहा कि वे चाहते हैं कि तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को पूरी तरह से रद्द किया जाये। केन्द्र सरकार ने हालांकि किसान नेताओं से 12-18 महीनों तक इन कानूनों के क्रियान्वयन को स्थगित रखने संबंधी उसके प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने के लिए कहा।
इसे भी पढ़ें: सरकार और किसान नेताओं के पास किसानों की समस्याएं दूर करने का मौका: उमा भारती
यूनियन नेताओं ने कहा कि वे शांतिपूर्ण ढंग से अपना आंदोलन तेज करेंगे। गौरतलब है कि हजारों किसान 28 नवंबर से दिल्ली के कई बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं,जिनमें ज्यादातर पंजाब और हरियाणा के हैं। किसान नए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए दान जुटाने को संसदीय क्षेत्र में रथयात्रा निकालेंगे मनोज तिवारी
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 22, 2021 19:09
- Like

तिवारी का संसदीय क्षेत्र पिछले साल सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित हुआ था। तिवारी ने बताया कि एक फरवरी से उनके संसदीय क्षेत्र में ‘श्रीराम जन्मभूमि निर्माण निधि अभियान’ की शुरुआत होगी। तिवारी का जन्मदिन एक फरवरी को होता है।
नयी दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए अपने संसदीय क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों समेत समाज के सभी वर्गों के लोगों से दान एकत्रित करने के लिए रथयात्रा निकालेंगे। तिवारी का संसदीय क्षेत्र पिछले साल सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित हुआ था। तिवारी ने बताया कि एक फरवरी से उनके संसदीय क्षेत्र में ‘श्रीराम जन्मभूमि निर्माण निधि अभियान’ की शुरुआत होगी। तिवारी का जन्मदिन एक फरवरी को होता है।
इसे भी पढ़ें: 'पठान' लुक में शाहरुख खान की सामने आयी शानदार तस्वीर, स्नूकर खेलते दिखें
सांसद ने कहा, ‘‘अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण में समाज के हर वर्ग के पास जाकर उनसे दान एकत्र करूंगा। अल्पसंख्यक समुदाय से भी कई भाई-बहन हैं जो योगदान करना चाहते हैं और मैं उनके घर, दुकान और प्रतिष्ठान जाऊंगा।’’ तिवारी ने कहा कि लोगों से एकत्र किए जाने वाले दान की राशि के लिए कोई लक्ष्य तय नहीं किया गया है लेकिन यह ‘‘काफी’’ होगी क्योंकि अपने जीवन में अयोध्या में राम मंदिर को देखना करोड़ों लोगों का सपना रहा है। फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में व्यापक सांप्रदायिक हिंसा हुई थी जिसमें 50 लोग मारे गये थे और सैकड़ों लोग घायल हुए थे तथा घरों, दुकानेां और धार्मिक स्थानों समेत निजी एवं सार्वजनिक संपत्ति को भारी क्षति पहुंची थी।
इसे भी पढ़ें: पराक्रम दिवस पर गुजरात के हरिपुरा में आयोजित कार्यक्रम होगा बेहद खास: मोदी
भाजपा सांसद के एक सहयोगी ने बताया कि तिवारी रथ यात्रा निकालकर अभियान में हिस्सा लेंगे। तिवारी के सहयोगी ने कहा, ‘‘हमने दान की राशि के लिए कोई लक्ष्य तय नहीं किया है लेकिन यह कई करोड़ में होगी।’’ दिल्ली भाजपा मंदिर निर्माण के लिए एक फरवरी से घर-घर जाकर दान एकत्रित करने का अभियान शुरू करेगी। दिल्ली भाजपा के महासचिव और अभियान के संयोजक कुलजीत चहल ने कहा, ‘‘जहां तक संभव होगा दान एकत्र करने के लिए हर परिवार से 10 रुपये, 100 रुपये और 1,000 रुपये के कूपन का इस्तेमाल किया जाएगा।
सरकार और किसान नेताओं के पास किसानों की समस्याएं दूर करने का मौका: उमा भारती
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 22, 2021 19:01
- Like

केन्द्र सरकार द्वारा लाए गये तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले दो महीने से अधिक समय से आंदोलन कर रहे है।
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन पर कहा कि सरकार और किसान नेताओं सामने किसानों की समस्याएं हल करने का यही मौका है और इसमें दोनों पक्षों को अहंकार एवं हठ से मुक्त होकर काम करना होगा। उमा भारती ने शुक्रवार को यहां अपने निवास पर पत्रकारों से कहा कि किसान आंदोलन में किसान नेताओं को राजनीति नहीं आने देना चाहिये।
इसे भी पढ़ें: 'चलो बुलावा आया है' के प्रसिद्ध गायक नरेंद्र चंचल का निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक
उन्होंने कहा, ‘‘30 साल बाद किसान जमा हुए हैं। सरकार के पास भी यही मौका है। इसलिये मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी)के सामने भी बहुत बड़ा अवसर आया है और किसानों के सामने भी अवसर है। इस अवसर पर दोनों पक्षों को (सरकार और किसान नेताओं को)अहंकार और हठ से मुक्त होकर काम करना होगा।’’ उमा भारती ने 30 साल पहले दिल्ली में किसान नेता महेन्द्र सिंह टिकैत और शरद जोशी के किसान आंदोलन का हवाला देते हुए कहा कि दोनों किसान नेताओं में तब कोई मतभेद नहीं थे लेकिन उनके समर्थकों के बीच मंच पर ही संघर्ष हो गया था।
इसे भी पढ़ें: पराक्रम दिवस पर गुजरात के हरिपुरा में आयोजित कार्यक्रम होगा बेहद खास: मोदी
केन्द्र सरकार द्वारा लाए गये तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पिछले दो महीने से अधिक समय से आंदोलन कर रहे है। किसान नेताओं और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अब तक इस मामले में समाधान नहीं निकला है। किसानों को आशंका है इससे देश भर में कृषि उपज मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बंद करने का रास्ता बनाया जा रहा है।

