Poorvottar Lok: Manipur में जल्द बहाल होंगी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, Tripura को मिले नये Governor, Mizoram में चुनाव प्रचार ने पकड़ा जोर

Rahul Gandhi Mizoram
ANI

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने कहा कि राज्य में चार से पांच दिन के भीतर मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी। मुख्यमंत्री ने लघु सचिवालय में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मैं मोबाइल इंटरनेट प्रतिबंध के कारण लोगों को हो रही कठिनाइयों को समझता हूं।''

असम सरकार ने एक बड़ा फैसला करते हुए कहा है कि कल्याणकारी योजनाओं के व्यावहारिक कार्यान्वयन का आकलन करने के लिए मंत्री एक-एक गांव में पांच दिन बिताएंगे। साथ ही मणिपुर सरकार ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी जायेंगी। इसके अलावा, मिजोरम में राहुल गांधी ने कांग्रेस के प्रचार अभियान की शुरुआत कर चुनावी माहौल गर्माया। वहीं, त्रिपुरा को नये राज्यपाल मिले तो दूसरी ओर नगालैंड में एक विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार जोरों पर है। अरुणाचल प्रदेश में दो उग्रवादी पकड़े गये और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के पूर्वोत्तर क्षेत्र के दौरे पर कई राज्यों को बड़ी सौगातें मिलीं। इसके अलावा भी पूर्वोत्तर क्षेत्र से कई समाचार रहे। आइये डालते हैं सभी पर एक नजर और सबसे पहले बात करते हैं असम की।

असम

असम से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया के नेतृत्व में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की और उनसे विपक्षी नेताओं के खिलाफ राज्य सरकार के कथित राजनीतिक प्रतिशोध पर अंकुश लगाने का अनुरोध किया। कांग्रेस नेताओं ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के नेतृत्व वाली वर्तमान राज्य सरकार विपक्षी दलों द्वारा सरकार की रचनात्मक आलोचना की लोकतांत्रिक प्रथा का "गला घोंट" रही है। नेताओं ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है और किसी न किसी बहाने से प्रशासनिक मशीनरी का उपयोग करके अपने खिलाफ किसी भी आवाज को "दबाने" की कोशिश कर रही है। ज्ञापन में कहा गया है, “लोकतंत्र की सफलता काफी हद तक विपक्षी दलों की रचनात्मक भूमिका पर निर्भर करती है जो सत्तारूढ़ दल की निरंकुश प्रवृत्तियों पर अंकुश लगाते हैं। वे सरकार के नियमों और नीतियों की आलोचनात्मक पड़ताल करते है और गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठाते हैं।” ज्ञापन के अनुसार विपक्षी दल का मुख्य कर्तव्य सरकार की नीतियों की आलोचना करना है और इसलिए, लोकतंत्र में सरकार को जनता के प्रति जिम्मेदार और जवाबदेह बनाने के लिए विपक्ष को जगह दी जानी चाहिए।

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इसके अलावा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने वंशवाद की राजनीति पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हालिया टिप्पणी को लेकर उनकी आलोचना की और उन्हें एक ‘अनपढ बच्चा’ बताया, जिसे राजनीति के बारे में कोई ज्ञान नहीं है। गांधी ने मंगलवार को चुनावी राज्य मिजोरम में संवाददाता सम्मेलन के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे के भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में पद का जिक्र किया था। गांधी ने एक प्रश्न पर कहा था, ‘‘अमित शाह का बेटा क्या करता है? वास्तव में वह क्या कर रहा है? (रक्षा मंत्री) राजनाथ सिंह का बेटा क्या करता है? मैंने सुना था कि अमित शाह का बेटा भारतीय क्रिकेट को संचालित कर रहा है...भाजपा के नेताओं को देखें और खुद से सवाल पूछें कि उनके बच्चे क्या कर रहे हैं? उनके कई बच्चे वंशवाद से आए हैं।’’ गृह मंत्री के बेटे जय शाह बीसीसीआई के सचिव और एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष हैं, जबकि सिंह के बेटे उत्तर प्रदेश विधानसभा से सदस्य हैं। शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अमित शाह का बेटा कैसे सामने आया? वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में नहीं हैं, लेकिन राहुल का पूरा परिवार राजनीति में है...राहुल को लगता है कि बीसीसीआई भाजपा की एक शाखा है। मुझसे उनके बारे में ज्यादा मत पूछिए, वह एक ‘अनपढ़ बच्चा’ हैं।’’ शर्मा ने कहा, ‘‘क्या राजनाथ सिंह के बेटे, जो अभी यूपी में विधायक हैं, की तुलना (कांग्रेस महासचिव) प्रियंका गांधी से की जा सकती है? क्या वह भाजपा को नियंत्रित करते हैं?’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी को नए लोगों को मौका देना चाहिए, फिर वंशवाद की राजनीति पर बात करनी चाहिए। शर्मा ने कहा, ‘‘राहुल को राजनीति के बारे में कोई ज्ञान नहीं है और यह अहसास नहीं है कि वह वंशवाद की राजनीति के मूल में हैं…एक परिवार से हर कोई राजनीति में रहा है- मां, पिता, पड़दादा, बहन, भाई...और पार्टी को नियंत्रित करते रहे हैं। लेकिन, वह भाजपा से उसकी तुलना कैसे कर सकते हैं?''

इसके अलावा, असम के सभी मंत्री विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के व्यावहारिक कार्यान्वयन का आकलन करने के लिए वर्ष के अंत में एक-एक गांव में पांच दिन बिताएंगे। मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल के फैसले के मुताबिक, प्रवास के दौरान मंत्री चाय बागान क्षेत्रों में 100 विद्यालयों सहित 400 नये स्कूल भवनों की नींव भी रखेंगे। पुराने स्कूलों के नवीनीकरण के लिए प्रत्येक विद्यालय को सात करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी मंत्री 25 दिसंबर से 10 जनवरी के बीच पांच दिन और पांच रातों के लिए किसी एक विशेष गांव में रहेंगे। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘पांच अलग-अलग क्षेत्रों से इन गांवों को चुना जाएगा।'' मंत्रिमंडल ने ‘मिशन वसुंधरा 2.0’ के तहत शहरी क्षेत्रों में बसने के उद्देश्यों के लिए 123 आदिवासियों और भूमिहीन परिवारों के लिए भूमि की बंदोबस्ती को भी मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल ने सजा की दर बढ़ाने के लिए असम राज्य अभियोजन सेवा नियमावली, 2023 तैयार करके अभियोजन सेवा का एक नया कैडर बनाने को मंजूरी दी है, जिसमें नियुक्त किये गये लोग नियमित सरकारी कर्मचारी होंगे। एक अन्य फैसले में, मंत्रिमंडल ने 24-मेगावाट की कारबी लांगपी मिड्ल जलविद्युत परियोजना की संशोधित लागत के तौर पर 417.32 करोड़ रुपये को मंजूरी दे दी।

इसके अलावा, असम के मानस राष्ट्रीय उद्यान में जंगली भैंसे के हमले में एक वन रक्षक की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह घटना रविवार रात की है जब वे राष्ट्रीय उद्यान में ड्यूटी पर तैनात थे। अधिकारी ने कहा कि तीन वन रक्षकों पर एक जंगली भैंसे ने उस समय हमला किया जब वे संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल मानस राष्ट्रीय उद्यान के भुइयांपारा वन क्षेत्र में गश्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तीन वन रक्षकों में से एक रॉबिन बासुमतारी की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दो घायलों की पहचान हितेश मेधी और कृष्णा बोरो के रूप में हुई है, जिन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत गंभीर बताई गई है। वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

इसके अलावा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने असम में 16 स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इस मौके पर मंत्री ने कहा कि सरकार देश में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े क्षेत्र के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपना रही है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों के लिए सुलभ और किफायती स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है। मांडविया ने कहा, “राष्ट्र की प्रगति के लिए स्वास्थ्य देखभाल अहम है। अगर नागरिक स्वस्थ होंगे तभी देश भी स्वस्थ हो पाएगा।” उन्होंने 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बन जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए नागरिकों से देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने का भी आग्रह किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने असम में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े बुनियादी ढांचे की प्रगति पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में एक बड़ी परियोजना की नींव जल्द ही रखी जाएगी। मंत्री ने लखीमपुर मेडिकल कॉलेज में 50 बिस्तरों वाला ‘क्रिटिकल केयर ब्लॉक’ और कई स्थानों पर पांच ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य इकाइयों समेत अन्य का उद्धाटन किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने नगांव में एक एकीकृत प्रयोगशाला और डिब्रूगढ़ में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भी उद्घटान किया। उन्होंने चार उप-मंडलीय अस्पतालों और चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की नींव रखी। असम में करीब 120 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया।

इसके अलावा, सैन्य, व्यवसायिक और अन्य गतिविधियों में क्रांति लाने का काम करने वाले ड्रोन के लिए 'यातायात प्रबंधन' की जरूरत का समाधान तलाशते हुए दो उद्यमियों ने एक स्टार्ट अप शुरू किया है, जो इन हवाई उपकरणों को उड़ान के दौरान होने वाली तमाम परेशानियों को दूर करने का काम करेगा। ड्रोन द्वारा पता लगाने और उसपर जवाबी कार्रवाई जैसे उपायों के लिए पहले से ही भारतीय वायु सेना के साथ काम कर रहे असम के ये दोनों उद्यमियों ने अब एक कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) वाला हवाई क्षेत्र प्रबंधन प्लेटफॉर्म तैयार किया है, जिसे 11 अक्टूबर को संपन्न हुए दो दिवसीय रक्षा प्रदर्शनी 'ईस्ट टेक 2023' में लॉन्च किया गया था। एवीजीएआरडीई के प्रबंध निदेशक और सह-संस्थापक मानस भुइयां ने पीटीआई-भाषा को बताया, 'अधिकांश कंपनियां ड्रोन बना रही हैं, जबकि हम ड्रोन एयरस्पेस प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि यह ड्रोन इकोसिस्टम के सतत विकास के लिए उतना ही जरूरी है । जैसे वाहनों को सड़कों पर सुरक्षित और कुशल तरीके से चलने के लिए यातायात प्रबंधन की आवश्यकता होती है, ठीक उसी तरह ये चीज ड्रोन एयरस्पेस पर भी लागू होती है।' मानस एवं नीलोत्पल चौधरी ने साथ मिलकर 2018 में एवग्रेड सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड (एवीजीएआरडीई) की स्थापना की थी। यह एक स्टार्टअप था, जिसे आईआईएससी बैंगलोर और आईआईटी गुवाहाटी में स्थापित किया गया था। रेडियो फ्रीक्वेंसी व वायरलेस तकनीक के इस्तेमाल पर केंद्रित यह स्टार्ट-अप कम ऊंचाई वाले हवाई क्षेत्र प्रबंधन के लिए एआई-संचालित 'ऑब्जेक्ट सेंसिंग प्लेटफॉर्म' का निर्माण कर रहा है। इस स्टार्ट अप के दोनों संस्थापक अपने जुनून को नई दिशा देने के लिए दुबई और जर्मनी से वापस भारत लौटे हैं। उन्होंने 'डीपसेंस' नाम के प्लेटफॉर्म को शुरू करने की घोषणा की है, जो ड्रोन के परिचालन के दौरान सामने आनी वाली जटिल चुनौतियों को हल करने का काम करेगा। इस प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल से विमानन कंपनियों, आम लोगों, ऑपरेटरों और अन्य हितधारकों की सुरक्षा को कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में ड्रोन को बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सकेगा।

इसके अलावा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि उनकी सरकार दूरदराज के इलाकों के स्कूलों के शिक्षकों को समय पर कक्षाओं में पहुंचने में मदद करने के लिए स्कूटी उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है। शर्मा ने यहां नौवीं कक्षा के छात्रों के लिए साइकिल वितरण कार्यक्रम में कहा, ‘‘कुछ स्कूल ऐसे हैं जो दूरदराज के इलाकों में हैं और भौगोलिक परिस्थित के कारण शिक्षकों को वहां पहुंचने में देर हो जाती है। हम लगभग 50,000 ऐसे शिक्षकों को स्कूटी दे सकते हैं ताकि वे समय पर स्कूल पहुंचें।’’ उन्होंने कहा कि दो वर्षों में साइकिल वितरण कार्यक्रम कक्षा-आठ के स्तर पर किया जाएगा ताकि छात्र अपनी हाईस्कूल की पढ़ाई की अवधि के दौरान आसानी से स्कूल आ-जा सकें। शर्मा ने कहा, ‘‘...हमारी सरकार के लिए महत्वपूर्ण यह है कि शिक्षक समय पर पहुंचें और छात्र एक मिनट भी सीखने से वंचित न रहें।’’ उन्होंने छात्रों और शिक्षकों से यह भी बताने को कहा कि किन क्षेत्रों में सुगम आवागमन के लिए सड़कों और पुलों की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने छात्रों से राज्य के हरित आवरण को बढ़ाने के लिए कम से कम एक पौधा लगाने का आग्रह किया। बाद में शर्मा ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘प्रगति और विकास जीवन को आसान बनाने और एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर निर्भर हैं जहां हमारे बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें। 4,000 से अधिक स्कूलों के पुनर्निर्माण और शिक्षण रिक्तियों को पूरा करने से लेकर असम छात्रों को साइकिल, कंप्यूटर और दोपहिया वाहनों से भी लैस कर रहा है। आज हमने सरकारी स्कूलों में नौवीं कक्षा के 3.7 लाख मेधावी छात्रों को 161 करोड़ रुपये की साइकिलें वितरित कीं, जिनमें से 56 प्रतिशत लड़कियां हैं।’’

मेघालय

मेघालय से आई खबर की बात करें तो आपको बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मेघालय के आकांक्षी जिलों में से एक री-भोई जिले का दौरा किया जहां उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य योजनाओं के लाभार्थियों से बातचीत की। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने आकांक्षात्मक कार्यक्रम पर एक समीक्षा बैठक की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश भर के अधिकांश अविकसित जिलों का जल्द और प्रभावी ढंग से विकास करना है। केंद्रीय मंत्री दो दिवसीय मेघालय दौरे के आखिरी दिन उमसॉ नोंगखाराई में एक स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र गये, जहां उन्होंने मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा) एवं स्वास्थ्य स्मार्ट कार्ड पहल के लाभार्थियों के साथ बातचीत की, यह पहल राज्य एवं केंद्र सरकार दोनों के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है। मांडविया के साथ इस दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अम्पारीन लिंगदोह और जिले के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

मणिपुर

मणिपुर से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने जून में मणिपुर में हुए कार बम विस्फोट के सिलसिले में सोमवार को असम से एक आरोपी को गिरफ्तार किया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के क्वाक्ता इलाके में 21 जून को एक पुल पर आईईडी से लदे वाहन में विस्फोट हुआ था। इस घटना में तीन लोग घायल हुए थे, जबकि पुल के साथ-साथ आसपास के कुछ घर भी क्षतिग्रस्त हो गए थे। एनआईए ने कहा कि खुफिया सूचना के आधार पर विस्फोट के सिलसिले में मोहम्मद नूर हुसैन को कछार जिले के सिलचर से असम पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया। एक अधिकारी ने कहा कि मामला शुरुआत में 21 जून को बिष्णुपुर के पीजीसीआई पुलिस थाने में मणिपुर पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था और इसे दो दिन बाद इम्फाल में एनआईए द्वारा फिर से दर्ज किया गया था। अधिकारी ने कहा कि जांच के दौरान बम विस्फोट में हुसैन की संलिप्तता का पता चला है। उन्होंने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है।

इसके अलावा, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने बुधवार को कहा कि राज्य में चार से पांच दिन के भीतर मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की बैठक के बाद नगा बहुल उखरूल जिले के लघु सचिवालय में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मैं मोबाइल इंटरनेट प्रतिबंध के कारण लोगों को हो रही कठिनाइयों को समझता हूं। सरकार को इसके लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि कुछ तत्व हमेशा स्थिति का फायदा उठाने और परेशानी पैदा करने की कोशिश करते हैं। हालांकि, मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि अगले चार से पांच दिन में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल हो जाएंगी।’’ बिरेन सिंह ने दिन में उखरुल और कामजोंग जिलों में कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी और 64.38 करोड़ रुपये की कई योजनाओं का उद्घाटन भी किया। राजधानी जिला में जनसंख्या वृद्धि और संबंधित जमीन के मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए सिंह ने सिराराखोंग गांव के पास एक नयी उखरुल टाउनशिप विकसित करने का विचार रखा। उन्होंने कहा, ''मैं कहना चाहता हूं कि सरकार लोगों की इच्छा के अनुरूप उखरूल का विकास करने को उत्सुक है। इंफाल के बाद उखरूल एक महत्वपूर्ण शहर है, लेकिन पानी की कमी एक बड़ी समस्या है। शहर में जल आपूर्ति बढ़ाने के लिए छह करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।''

इसके अलावा, मणिपुर की राज्यपाल अनुसूइया उइके को चूराचांदपुर कस्बे में ‘वॉल ऑफ रिमेंम्ब्रेंस’ के पास कुकी जो समुदाय की कुछ महिलाओं ने सुबह करीब 10.40 बजे रोक लिया और अपने लिए अलग प्रशासन की मांग की। पुलिस ने यह जानकारी दी। राज्यपाल जिले में ईसीए चर्च सोंगगेल और ईसीए चर्च तुइबोंग में स्थित दो राहत शिविरों का दौरा करने जा रही थीं, तभी उन्हें रोका गया। राज्य में गत तीन मई को भड़की जातीय हिंसा के बाद से इन शिविरों में सैकड़ों कुकी लोगों ने शरण ले रखी है। उइके ने रास्ते में महिलाओं को देखा तो वह अपनी गाड़ी से उतरीं और उन्हें बताया कि वह राहत शिविरों में लोगों की स्थिति देखने आई थीं। राज्यपाल ने कहा कि वह देखना चाहती थीं कि पिछले चार महीने से राहत शिविरों में रहने वाले लोगों के लिए पर्याप्त चिकित्सा आपूर्ति हो पा रही है या नहीं। एक अधिकारी के अनुसार, राज्यपाल ने महिलाओं से कहा कि उन्होंने अनेक मंचों पर कुकी जो समुदाय के लोगों के मुद्दे को उठाया है, जिसके बाद उन्हें जाने दिया गया। चूराचांदपुर के उपायुक्त धरुन कुमार ने कहा कि राहत शिविरों की ओर जा रहीं राज्यपाल को रास्ते में रोकना सही बात नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई आपके इलाके में आता है तो आपकी जिम्मेदारी है कि उनका स्वागत करें। राज्यपाल जनता के लिए कुछ अच्छा करना चाहती हैं और उनके साथ हुआ व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है।''

इसके अलावा, मणिपुर पुलिस ने मंगलवार को कहा कि सुरक्षा बलों ने इंफाल ईस्ट, बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों में विभिन्न अभियानों के दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है। इंफाल ईस्ट जिले से बरामद हथियारों में आठ आग्नेयास्त्र, 62 गोला-बारूद, 18 विस्फोटक, एक देसी बम लांचर, एक स्मोक ग्रेनेड के अलावा दो वायरलेस सेट और पांच बुलेट प्रूफ जैकेट शामिल हैं। चुराचांदपुर जिले के ओल्ड डंपी गांव से, सुरक्षा बलों ने एक 9 एमएम की पिस्तौल, रॉकेट से चलने वाला ग्रेनेड, एक देसी आईईडी और दो आग्नेयास्त्र बरामद किए हैं। पुलिस ने बताया कि रविवार को उग्रवादी संगठन यूनाइटेड ट्राइबल लिबरेशन आर्मी (यूटीएलए) के स्वयंभू कमांडर-इन-चीफ लैमटिनसेई सिंगसन को तामेंगलांग जिले के फैतोल गांव से गिरफ्तार कर 124 ग्राम ‘ब्राउन शुगर’ बरामद की गई थी। 50 वर्षीय उग्रवादी नेता को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए जिरीबाम पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया।

इसके अलावा, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मणिपुर के कांगपोकपी जिले में इस साल मई में दो आदिवासी महिलाओं को कथित तौर पर निर्वस्त्र कर घुमाने से संबंधित मामले में छह लोगों और एक नाबालिग के खिलाफ सोमवार को आरोपपत्र दाखिल किया। इस साल जुलाई में घटना का एक वीडियो सामने आया था, जिसकी व्यापक निंदा हुई थी। इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने मामले में हस्तक्षेप किया और इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी। जांच एजेंसी ने गुवाहाटी की एक विशेष सीबीआई अदालत में छह लोगों के खिलाफ आरोपपत्र तथा एक नाबालिग के खिलाफ एक रिपोर्ट दाखिल की है। इस मामले में मणिपुर पुलिस ने करीब तीन महीने पहले गिरफ्तारियां की थी। ऐसा आरोप है कि चार मई को करीब 900-1000 लोगों की सशस्त्र भीड़ मणिपुर के कांगपोकपी जिले के बी फेनोम गांव में घुसी और उसने मकानों में तोड़फोड़ की तथा उनमें आग लगायी, लूटपाट की, ग्रामीणों की पिटायी की, हत्याएं कीं और महिलाओं का यौन शोषण किया। यह भी आरोप है कि उग्र भीड़ ने जिन महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़कों पर घुमाया गया, उनमें से एक के परिवार के दो सदस्यों की हत्या भी कर दी गयी थी। सीबीआई की जांच में पता चला कि मणिपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी घटना में शामिल थे, जिसके बाद सोमवार को आरोपपत्र दाखिल किया गया। मामले से जुड़े अपराधों में शामिल अन्य आरोपियों की पहचान करने समेत बाकी के पहलुओं की जांच की जा रही है। सीबीआई ने बताया कि आरोपियों पर सामूहिक दुष्कर्म, हत्या, किसी महिला की लज्जा भंग करने और आपराधिक षड्यंत्र समेत भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस घटना की वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि दो महिलाओं की निर्वस्त्र परेड कराने की घटना ने 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार कर दिया है और उन्होंने कहा कि कानून सख्ती से कदम उठाएगा और किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री ने संसद परिसर में पत्रकारों से कहा था, ‘‘मैं इस लोकतंत्र के मंदिर के पास खड़ा हूं तब मेरा हृदय पीड़ा से भरा हुआ है, क्रोध से भरा हुआ है। मणिपुर की जो घटना सामने आई है वह किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है। पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं, और कौन-कौन हैं, वह अपनी जगह पर है... लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है।’’ यह वीडियो मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय और आदिवासी कुकी समुदाय के बीच विभाजन को दिखाती है जिसकी सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने निंदा की थी और संसद के मानसून सत्र में भी इस घटना को लेकर खूब हंगामा हुआ था। यह वीडियो संसद का मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले सामने आया था। इस घटना पर उच्चतम न्यायालय ने भी कड़ी नाराजगी जतायी और प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने वीडियो पर संज्ञान लिया और केंद्र तथा मणिपुर सरकार से तत्काल कार्रवाई करने को कहा था। न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कहा था, ‘‘मणिपुर में दो महिलाओं को जिस तरीके से घुमाया गया है, उसके वीडियो से हम बहुत व्यथित हैं।’’ भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) ने कहा था, ‘‘मुझे लगता है कि अब वक्त आ गया है कि सरकार वाकई में आगे आए और कार्रवाई करे क्योंकि यह पूरी तरह अस्वीकार्य है। हम सरकार को कार्रवाई के लिए थोड़ा समय देंगे और अगर जमीनी स्तर पर कुछ नहीं होता है तो फिर हम कार्रवाई करेंगे।’’ मणिपुर में इंफाल घाटी में रहने वाले बहुसंख्यक मेइती समुदाय और पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले कुकी समुदाय के बीच तीन मई से जातीय हिंसा जारी है।

त्रिपुरा

त्रिपुरा से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को ओडिशा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता इंद्र सेना रेड्डी नल्लू को त्रिपुरा का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति भवन से बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ये नियुक्तियां करते हुए खुशी हो रही है । इसमें कहा गया है कि दोनों पदों पर नियुक्ति उस तारीख से प्रभावी होंगी जब दास और नल्लू अपने-अपने कार्यभार संभालेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दास 2014 से 2019 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इंद्र सेना रेड्डी नल्लू तेलंगाना से भाजपा के नेता हैं।

इसके अलावा, त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उनाकोटी जिले में ‘‘कंगारू कोर्ट’’ (अवैध अदालतों) द्वारा दो मूल निवासी परिवारों का सामाजिक बहिष्कार किये जाने के संबंध में जारी फरमान वापस लिया जाए। अधिकारियों ने बताया कि दिहाड़ी मजदूर पूर्णजॉय चकमा और ऑटो रिक्शा चालक तरुण चकमा ने 22 नवंबर 2022 को अपनी मर्जी से बौद्ध धर्म से ईसाई धर्म अपना लिया था। दोनों उनाकोटी जिले के पश्चिम अंदरपाड़ा के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि इसके तुरंत बाद दो अवैध अदालतों- चकमा सामाजिक विचार कमिटी और आदम पंचायत ने समुदाय के सदस्यों को इन परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करने का फरमान सुनाया। उन्होंने बताया कि पिछले एक साल से इन परिवारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, क्योंकि ग्रामीणों को किसी भी तरीके से उनकी मदद नहीं करने के लिए कहा गया। वकील सम्राट कार भौमिक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पूर्णजॉय को नौकरी नहीं दी गयी, गांव के मुखिया ने लोगों को तरुण के ऑटो में नहीं बैठने का निर्देश दिया। कोई विकल्प न पाकर दोनों ने उच्च न्यायालय में दो रिट याचिका दायर की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मामले पर सुनवाई करने तथा दोनों परिवारों की परेशानियों पर विचार करने के बाद न्यायमूर्ति अरिंदम लोध ने प्रशासन को उनका सामाजिक बहिष्कार खत्म करने का निर्देश दिया।'' कार भौमिक ने बताया कि पुलिस को अवैध अदालतें चला रहे लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने अवैध अदालतों को अलग-अलग नोटिस जारी कर यह बताने के लिए भी कहा है कि उन्होंने ऐसा गैरकानूनी आदेश क्यों पारित किया, जो मौलिक अधिकारों के विरुद्ध है।

इसके अलावा, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को पार्टी की त्रिपुरा इकाई के नेताओं के साथ बैठक की। राहुल गांधी मिजोरम जाने के लिए एमबीबी हवाई अड्डे पर उतरे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि राहुल गांधी ने हवाई अड्डे के लाउंज में त्रिपुरा कांग्रेस नेताओं के साथ एक संक्षिप्त संगठनात्मक बैठक की। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य सुदीप रॉय बर्मन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राहुल गांधी आज दिल्ली से एक चार्टर्ड उड़ान से यहां पहुंचे। हवाई अड्डे के लाउंज में पार्टी नेताओं के साथ एक संक्षिप्त बैठक के बाद वह मिजोरम में चुनाव प्रचार के लिए आइजोल के लिए रवाना हुए।’’ उनका कहना था, ‘‘राहुल जी ने पार्टी नेताओं के साथ एक संक्षिप्त बैठक की और त्रिपुरा में लोगों की स्थिति के बारे में जाना। उन्होंने संगठनात्मक मामलों पर सुझाव भी दिए।’’ 

नगालैंड

नगालैंड से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि कांग्रेस ने बुधवार को नगालैंड के मोन जिले में तापी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए वांग्लेम कोन्याक को अपना उम्मीदवार घोषित किया। अट्ठाइस अगस्त को एनडीपीपी विधायक नोके वांगनाओ के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया था। उपचुनाव के लिए मतदान सात नवंबर को होगा और नतीजा तीन दिसंबर को घोषित किया जाएगा। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 20 अक्टूबर है। उम्मीदवार की घोषणा के बाद कांग्रेस भवन में नगालैंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एनपीसीसी) के अध्यक्ष एस.पी. जमीर ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता उपचुनाव जीतने के लिए मजबूती से लड़ेंगे।

इसके अलावा, नगालैंड में सत्तारुढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) ने मोन जिले की तापी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मंगलवार को वांगपांग कोन्याक को अपना उम्मीदवार घोषित किया। एनडीपीपी विधायक नोके वांगनाओ का 28 अगस्त को निधन हो गया था, जिसके कारण उपचुनाव हो रहा है। सात नवंबर को उपचुनाव के लिए मतदान होगा और नतीजे की घोषणा तीन दिसंबर को की जाएगी। उपचुनाव लड़ने के लिए 39 वर्षीय कोन्याक ने नवीन नवीकरणीय ऊर्जा निदेशालय के अधीक्षक के पद से इस्तीफा दे दिया। चुमौकेदिमा जिले में पार्टी मुख्यालय पर एनडीपीपी अध्यक्ष चिंगवांग कोन्याक ने उम्मीदवार के रूप में वांगपांग के नाम की घोषणा की। राज्य में एनडीपीपी की सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उपचुनाव के लिए कोन्याक को अपना समर्थन दिया है। पर्यावरण मंत्री सी.एल. जॉन ने पार्टी कार्यकर्ताओं से उपचुनाव में भारी अंतर से जीत सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।

इसके अलावा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने नगालैंड में शनिवार को राज्य के पहले चिकित्सा महाविद्यालय ‘नगालैंड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च’ (एनआईएमएसआर) का उद्घाटन किया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि सिर्फ नौ साल की अवधि में देश में एमबीबीएस सीटों की संख्या 64,000 से बढ़कर 1.6 लाख हो गई है, जबकि स्नातकोत्तर सीटों की संख्या दोगुनी हो गई है। एनआईएमएसआर, कोहिमा नागालैंड विश्वविद्यालय से संबद्ध है। इसे शैक्षणिक सत्र 2023-2024 में 100 एमबीबीएस छात्रों को प्रवेश देने की अनुमति दी गई है। इस मौके पर मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने कहा कि यह नगालैंड के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि उनका लंबे समय का सपना पूरा हो गया। मांडविया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एनआईएमएसआर सिर्फ एक मेडिकल कॉलेज नहीं है, बल्कि एक शोध संस्थान भी है। उन्होंने कहा, ‘‘यह न केवल चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य को पूरा करेगा, बल्कि नगा समुदाय के लोगों के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का भी समाधान करेगा।’’ चिकित्सा शिक्षा में सुधार के प्रति केंद्र की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘केवल नौ वर्षों की अवधि में, देश में एमबीबीएस सीटों की संख्या 64,000 से बढ़कर 1.6 लाख हो गई है। इसी तरह, पीजी (स्नातकोत्तर) सीटें भी पिछले नौ वर्षों में दोगुनी हो गई है।’’ छात्रों एवं अन्य हितधारकों को प्रोत्साहित करते हुये मंत्री ने कहा कि उन्हें अपने शोध के दायरे को राष्ट्रीय सीमाओं के भीतर सीमित नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमें विदेशों में भी अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।’’ मांडविया ने बताया कि केंद्र ने कई चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में विदेशी भाषा पाठ्यक्रम शुरू किए हैं, ताकि छात्रों को विदेश में नौकरी पाने में मदद मिले। उन्होंने कहा कि देश में चिकित्सा, नर्सिंग और फार्मेसी शिक्षा को मजबूत करना देश के स्वास्थ्य क्षेत्र के समग्र विकास और विस्तार के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले केंद्र का एक प्रयास है। मंत्री ने कहा, ‘‘उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत के प्रत्येक नागरिक को देश भर में सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा मिल सके।’’ उन्होंने सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण और सस्ती दवाओं तक पहुंच में सुधार के लिए पूरे देश में ‘जन औषधि केंद्रों’ के विस्तार पर भी प्रकाश डाला।

अरुणाचल प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि सुरक्षा बलों ने अरुणाचल प्रदेश के लोंगडिंग जिले से एनएससीएन (आईएम) के दो उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दो विद्रोहियों में से एक व्यक्ति प्रतिबंधित संगठन एनएससीएन (आईएम) का सक्रिय कार्यकर्ता है। उन्होंने बताया कि उपलब्ध सूचनाओं पर कार्रवाई करते हुए असम राइफल्स की खोंसा बटालियन ने लोंगडिंग पुलिस के साथ मिलकर शनिवार को जिले के चोप गांव से दोनों उग्रवादियों को पकड़ा।

इसके अलावा, भारतीय वायुसेना (आईएएफ) अरुणाचल प्रदेश में एक 'एयर शो' आयोजित कर सकती है, जो चीन की सीमा से लगते एवं सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस पूर्वोत्तर राज्य में पहला वायुशक्ति प्रदर्शन होगा। एयर मार्शल एस.पी. धारकर ने यह जानकारी दी। पूर्वी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (एओसी-इन-सी) ने संवाददाताओं को बताया कि अरुणाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी क्षेत्र में ‘एयर शो’ आयोजित करना बेहद चुनौतीपूर्ण है, लेकिन वायुसेना के लिए यह एक 'दिलचस्प' विचार है। जब उनसे पूछा गया कि क्या भारतीय वायुसेना आमलोगों को अपनी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए अरुणाचल प्रदेश में 'एयर शो' करेगी, धारकर ने कहा, ‘‘यह एक दिलचस्प प्रस्ताव है, मुझे यकीन है कि हम इस पर गौर करेंगे।’’ धारकर ने कहा, ‘‘हो सकता है कि आप अगला एयर शो कवर करें, जिसे हम निकट भविष्य में अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों पर आयोजित करेंगे।'' उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी क्षेत्रों की तुलना में गुवाहाटी जैसे मैदानी क्षेत्र में 'एयर शो' आयोजित करना आसान है। एयर मार्शल ने कहा, 'यह इलाका खुद ही लोगों को 'एयर शो' देखने से रोकता है।' भारतीय वायुसेना ने रविवार को गुवाहाटी के बाहरी इलाके में स्थित बोरझार स्टेशन पर हवाई करतब का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न हेलिकॉप्टर और सुखोई-30 तथा राफेल जैसे लड़ाकू विमान शामिल थे। यह 'एयर शो' भारतीय वायुसेना की 91वीं वर्षगांठ के साथ-साथ पूर्वी वायु कमान की एक खास पहल के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया था, जिसमें विभिन्न हेलिकॉप्टर और लड़ाकू विमानों ने आकाश में कई करतब दिखाये। इस 'एयर शो' में सुखोई-30 और राफेल के अलावा उन्नत हल्के हेलिकॉप्टर (एएलएच) और डोर्नियर विमानों ने अपने करतब दिखाये। ‘एयर शो’ में अंतिम करतब सारंग टीम ने दिखाया, जिसमें चार एएलएच हेलिकॉप्टर शामिल थे। सांरग टीम के करतब को देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। धारकर ने शो के बाद संवाददाताओं को बताया, 'आठ अक्टूबर को वर्षगांठ समारोह के मौके पर हम तुरंत इस एयर शो की व्यवस्था और इसे प्रस्तुत करने में सफल रहे। सारंग टीम की प्रस्तुति के साथ हमने राफेल और सुखोई-30 सहित हाल में वायुसेना में शामिल हुए कुछ विमानों का प्रदर्शन करने का भी निर्णय लिया था।' उन्होंने कहा कि यह एयर शो 'एक संक्षिप्त प्रस्तुति' थी, क्योंकि इसे यहां लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय (एलजीबीआई) हवाई अड्डे पर वाणिज्यिक विमान की उड़ान के साथ-साथ समायोजित किया जाना था। बोरझार स्थित एलजीबीआई हवाई अड्डा और वायुसेना का स्टेशन, इस परिसर का कुछ हिस्सा साझा करते हैं, जिसमें एक हवाई पट्टी भी शामिल है।

मिजोरम

मिजोरम से आये समाचारों की बात करें तो आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सात नवंबर को होने वाले मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए निवर्तमान अध्यक्ष और सत्तारूढ़ एमएनएफ से हाल में पार्टी में शामिल होने वाले कई अन्य नेताओं समेत 23 उम्मीदवारों के नामों की बुधवार को घोषणा की। भाजपा ने ज्यादातर नए चेहरे उतारा है जबकि इनमें से चार प्रत्याशी महिला है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 20 अक्टूबर है। मतदाताओं द्वारा खंडित जनादेश दिए जाने का अनुमान जताते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वनलालमुआका ने कहा कि पार्टी कांग्रेस को छोड़कर किसी भी अन्य दल के साथ चुनाव के बाद गठबंधन करने से नहीं हिचकिचाएगी। भाजपा की प्रदेश इकाई के मीडिया संयोजक जॉनी लालथनपुइया ने बताया कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या पार्टी इस पूर्वोत्तर राज्य में सभी 40 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व बृहस्पतिवार को एक और सूची जारी कर सकता है। भाजपा ने 2018 के चुनाव में 39 सीटों पर चुनाव लड़ा और एक सीट पर जीत हासिल कर पहली बार राज्य विधानसभा में अपना खाता खोला था। पार्टी के इकलौते विधायक डॉ. बीडी चकमा इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे क्योंकि उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी है। एक सप्ताह पहले सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले विधानसभा अध्यक्ष लालरिनलियाना सैलो मामित सीट से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में चालफिल्ह सीट से जीत हासिल की थी लेकिन इस बार सत्तारूढ़ पार्टी ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया। भाजपा ने पूर्व आबकारी मंत्री डॉ. के बेछुआ को सियाहा से उम्मीदवार बनाया है। गत विधानसभा चुनावों में एमएनएफ के टिकट पर सियाहा से चुनाव लड़ने वाले बेछुआ ने इस महीने की शुरुआत में विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्हें ‘‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’’ के लिए जनवरी में एमएनएफ से निष्कासित कर दिया गया था। चकमा स्वायत्त जिला परिषद के पूर्व मुख्य कार्यकारी सदस्य दुर्ज्या धान चकमा को भी भाजपा ने चकमा बहुल तुइचाव्ंग निर्वाचन क्षेत्र से खड़ा किया है। उन्होंने हाल में एमएनएफ छोड़ दी थी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वनलालमुआका को डम्पा निर्वाचन क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया गया है जबकि पार्टी प्रवक्ता एफ लालरेमसांगी आइजोल साउथ-1 सीट से चुनाव लड़ेंगे। उम्मीदवारों की घोषणा के बाद वनलालमुआका ने कहा कि भाजपा शायद राज्य में अपने दम पर सरकार नहीं बना पाए, लेकिन यह सरकार का हिस्सा होगी। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा की भागीदारी के बिना कोई सरकार नहीं बन सकती।’’ लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटने की उम्मीद कर रही एमएनएफ ने सभी 40 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। मुख्य विपक्षी दल जोराम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने भी सभी प्रत्याशियों के नाम जारी कर दिए हैं। मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए मतदान सात नवंबर को होगा और मतगणना तीन दिसंबर को होगी।

इसके अलावा, कांग्रेस ने मिजोरम में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने, गरीब परिवारों को 750 रुपये में गैस सिलेंडर देने और अस्पतालों में मुफ्त इलाज के लिए प्रति परिवार 15 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने समेत कई वादे किए गए हैं। वहीं, कांग्रेस ने लुंगलेई दक्षिण सीट से मरियम एल. ह्रांगचल को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस का यह निर्णय एक छात्र संगठन के इस फरमान कि किसी भी राजनीतिक दल को गैर-मिजो से शादी करने वाली मिजो महिलाओं को टिकट नहीं देना चाहिए, को दरकिनार करते हुए सामने आया है। कांग्रेस ने एक कुशल, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार बनाने का वादा करते हुए 12 पृष्ठ के अपने घोषणापत्र में कहा कि अगर वह सत्ता में आई तो ग्राम परिषदों और स्थानीय निकायों को अधिक शक्ति, जिम्मेदारियां और वित्तीय संसाधन देकर जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करेगी। घोषणापत्र में कहा गया है कि कांग्रेस मिजोरम के सर्वांगीण आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सड़कों, हवाई अड्डों, बिजली लाइनों जैसी बेहतर और टिकाऊ सार्वजनिक बुनियादी ढांचा संपत्तियां स्थापित करेगी। किसानों और उद्यमियों के लिए कांग्रेस ने 'तांग पुइहना' योजना की घोषणा की है, जिसके तहत दो लाख रुपये की मौद्रिक सहायता प्रदान की जाएगी। कांग्रेस ने कहा कि सत्ता में आने पर उसकी सरकार अस्पतालों में मुफ्त इलाज के लिए प्रत्येक परिवार को 15 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करेगी। कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का इलाज करा रहे मरीजों को सहायता प्रदान करने के लिए हर साल 5 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान करने का भी वादा किया गया। राज्य में 2008 से 2018 तक और उससे पहले 1989 से 1998 तक शासन करने वाली कांग्रेस ने कहा कि वह 'युवा मिज़ो उद्यमी कार्यक्रम' शुरू करेगी, और राज्य के युवाओं के लिए एक लाख नौकरियां सृजित करने का लक्ष्य रखेगी। इसके अलावा पार्टी ने पुरानी पेंशन योजना के तहत दो हजार रुपये प्रतिमाह देने और गरीब तथा महिला मुखिया वाले परिवारों को 750 रुपये में एलपीजी सिलेंडर प्रदान करने का वादा किया। घोषणापत्र को प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष लाल थंजारा ने जारी किया। उन्होंने यह घोषणा भी की कि प्रभावशाली छात्र संगठन मिज़ो ज़िरलाई पावल (एमजेडपी) के आदेश को अनदेखा करते हुए ह्रंगचल को लुंगलेई दक्षिण सीट से पार्टी की उम्मीदवार होंगी। कांग्रेस ने सोमवार को लुंगलेई दक्षिण सीट को छोड़कर 40 में से 39 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की थी। एमजेडपी ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की थी कि वे किसी गैर-मिज़ो व्यक्ति से शादी करने वाली किसी भी मिज़ो महिला को उम्मीदवार नहीं बनाएं। विधानसभा चुनाव के लिए मतदान सात नवंबर को होगा और वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी। सत्तारुढ़ एमएनएफ और मुख्य विपक्षी दल जेडपीएम ने पहले ही सभी 40 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है।

इसके अलावा, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को दावा किया कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ देश के 60 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से भी अधिक है। गांधी ने आरोप लगाया कि मिजोरम की दोनों प्रमुख पार्टियां मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) और विपक्षी ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) का इस्तेमाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ईसाई बहुल राज्य में पैर जमाने के लिए कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस मिजोरम में सत्ता में आती है तो बुजुर्गों को दो हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन, 750 रुपये में गैस सिलेंडर और उद्यमियों को समर्थन देगी। मिजोरम में सात नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। पार्टी उम्मीदवारों के प्रचार के लिए चुनावी राज्य मिजोरम की यात्रा के दौरान राजधानी आइजोल में राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा कि विपक्षी गठबंधन अपने मूल्यों, संवैधानिक ढांचे और धर्म या संस्कृति से परे लोगों की खुद को अभिव्यक्त करने और सद्भाव से रहने की स्वतंत्रता को संरक्षित कर ‘‘भारत की अवधारणा’’ की रक्षा करेगा। उन्होंने गैर-भाजपा शासित राज्यों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘यह महसूस करना महत्वपूर्ण है कि हम (इंडिया गठबंधन) देश के 60 प्रतिशत लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो कि भाजपा से कहीं अधिक है।" भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा, ‘‘हमारे देश के लिए उनका दृष्टिकोण हमसे अलग है। हम विकेंद्रीकरण में विश्वास करते हैं जबकि भाजपा का मानना है कि सभी निर्णय दिल्ली में लिए जाने चाहिए।’’ उन्होंने दावा कि कांग्रेस मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव जीतेगी। राहुल ने कहा, ‘‘हम मध्य प्रदेश में भाजपा को समेट देंगे। हमने छत्तीसगढ़ में उनको हराया और दोबारा हराएंगे। पिछले चुनावों में राजस्थान में भाजपा को हराया था और यहां भी जीत दोहराएंगे। हम पूर्वोत्तर में भी ऐसा ही करेंगे। किसी को भी कांग्रेस को कम नहीं आंकना चाहिए।’’ उन्होंने भाजपा पर देश के संपूर्ण संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश की नींव स्थापित करने में मदद की है और इस पुरानी पार्टी का उस नींव की रक्षा करने का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्य भाजपा और आरएसएस के हमलों का सामना कर रहे हैं, यह आपकी भाषाओं और धार्मिक आस्थाओं की बुनियाद के लिए खतरा है। आरएसएस का मानना है कि भारत को एक ही विचारधारा और संगठन द्वारा शासित किया जाना चाहिए, जिसका हम विरोध कर रहे हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि मिजोरम के लोग अपने भविष्य को लेकर सही निर्णय लें और वे खुद को, अपनी धार्मिक या सामाजिक प्रथाओं को व्यक्त करने में सहज महसूस करें। हम नहीं मानते कि मिजोरम पर दिल्ली से शासन किया जाना चाहिए। हम राज्य के लोगों को सत्ता सौंपने में विश्वास करते हैं।’’ भाजपा पर मिजोरम में पैर जमाने के लिए एमएनएफ और जेडपीएम को इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव मिजोरम की अवधारणा और स्थानीय निवासियों की स्वतंत्रता, परंपरा और धर्म की रक्षा करने की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर एमएनएफ सीधे तौर पर भाजपा से जुड़ी हुई वहीं यह भी स्पष्ट कि जेडपीएम केंद्र में सत्तारुढ़ दल से मुकाबाल नहीं कर रही है। राहुल ने यह दावा किया, ‘‘मिजोरम में कांग्रेस सरकार बनाएगी। राज्य के लोग सब समझते हैं कि क्या हो रहा है... चुनाव में असली सवाल यही है कि क्या आरएसएस मिजोरम को शासन करने जा रहा है या नहीं। एमएनएफ या जेडपीएम के जरिये ऐसा किया जा सकता है।’’ राहुल ने कहा कि मिजोरम में मादक पदार्थ की समस्या के पीछे बेरोजगारी प्रमुख कारणों में से एक है और अगर कांग्रेस राज्य में सत्ता में आती है तो युवाओं को रोजगार प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगी। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में सत्ता में आती है तो वह पार्टी शासित राज्यों में सफलतापूर्वक चल रही योजनाओं को देशभर में लागू करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस किसी भी विचार को एक परीक्षण के तौर पर शुरू करने में विश्वास रखती है और यदि वह काम करता है तो हम इसे बड़े स्तर और देश के बाकी हिस्सों तक लेकर जाएंगे। जब हम दिल्ली में सत्ता में आएंगे तो हम राजस्थान की स्वास्थ्य देखभाल नीतियों, कर्नाटक के सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम और छत्तीसगढ़ की उद्यमिता समर्थन योजना की अच्छी बातों को शामिल करेंगे और देशव्यापी नीतियों को लागू करेंगे।’’ गांधी ने कहा कि चूंकि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग क्षेत्र में नौकरियों के सबसे अधिक अवसर पैदा होते हैं ऐसे में इस क्षेत्र पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। मणिपुर हिंसा पर उन्होंने कहा कि ‘‘भाजपा द्वारा फैलाई गई नफरत’’ को दूर करना होगा और दोनों समुदायों के मतभेद को खत्म करना होगा। बाद में, लुंगलेई में एक रैली में राहुल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर तंज किया और कहा, ‘‘मुझे आपको अपने ‘मन की बात’ बताने में कम, आपके ‘मन की बात’ जानने में ज्यादा दिलचस्पी है। इसलिए जब भी आपको किसी भी चीज में मेरी मदद की जरूरत होगी, मैं आपके लिए उपलब्ध हूं। दिल्ली में मुझे अपना साथी और अपना सिपाही समझो।’’ चालीस सदस्यीय मिजोरम विधानसभा के लिए सात नवंबर को मतदान होना है और तीन दिसंबर को मतगणना की जाएगी।

इसके अलावा, कांग्रेस ने मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को सभी 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए। इनमें पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष ललसावता का नाम भी शामिल है। पार्टी की ओर से पहले 39 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई और फिर देर शाम शेष बची एक सीट पर भी उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। उम्मीदवारों की सूची उस दिन जारी की गई, जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मिजोरम के दौरे पर थे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ललसावता को आइजोल पश्चिम-3 विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया गया है। आइजोल पूर्व-1 से ललसंगलरा रातले, आइजोल पश्चिम-1 से आर. ललबियाकथांगा और पलाक से आईपी जूनियर को उम्मीदवार बनाया गया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के प्रमुख ललरेमरुता रेंथलेई ने बताया कि पार्टी उम्मीदवारों की सूची मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस के कार्यालय में औपचारिक रूप घोषित की जाएगी। उम्मीदवारों की इस सूची में चार मौजूदा विधायकों के नाम शामिल हैं। कांग्रेस ने देर शाम लूंगलेई दखिण सीट से मरियम एल हरंगचल को प्रत्याशी घोषित किया। मिजोरम की सभी 40 विधानसभा सीटों के लिए सात नवंबर को मतदान होगा तथा तीन दिसंबर को मतगणना होगी। पिछले विधानसभा चुनाव में मिजो नेशनल फ्रंट ने 26 सीटें जीती थीं तो जोराम पीपुल्स मूवमेंट को आठ और कांग्रेस को पांच सीटें हासिल हुई थीं।

इसके अलावा, आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को घोषणा की कि वह पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी। आम आदमी पार्टी की पूर्वोत्तर राज्यों की इकाई के प्रभारी राजेश शर्मा ने कहा कि रविवार को आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हुई एक बैठक के दौरान संगठन का विस्तार करने और पूर्वोत्तर राज्यों में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा, ''संगठनात्मक विस्तार के लिए एक समन्वय समिति और एक उत्तर-पूर्व प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा।’’ राजेश शर्मा ने कहा कि पूर्वोत्तर में लोग शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, मुद्रास्फीति और बेरोजगारी से संबंधित मुद्दों से जूझ रहे हैं और उनका मानना है कि आम आदमी पार्टी इन समस्याओं का समाधान प्रदान कर सकती है। उन्होंने कहा कि पार्टी की राज्य इकाई की समिति जल्द ही उन सीट की संख्या और निर्वाचन क्षेत्रों के नामों की घोषणा करेगी जहां से वह चुनाव लड़ेगी।

इसके अलावा, मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने कहा है कि उनकी पार्टी ‘मिजो नेशनल फ्रंट’ (एमएनएफ) सत्ता में लौटेगी और 40-सदस्यीय विधानसभा के लिए हो रहे चुनाव में 25-35 सीट हासिल करेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि 2018 के विधानसभा चुनावों में एमएनएफ द्वारा सत्ता से बेदखल हो चुकी कांग्रेस सात नवम्बर को होने वाले चुनाव में एक भी सीट हासिल नहीं कर सकेगी। जोरामथांगा ने साक्षात्कार में बताया, ‘‘हम आगामी विधानसभा चुनावों के लिए खुद को तैयार करने में व्यस्त हैं। हमें वास्तव में उम्मीद है कि हम बहुमत हासिल करने और (फिर से) सरकार बनाने में सक्षम होंगे।... मैं 25 से 35 सीट हासिल करने की उम्मीद कर रहा हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक कांग्रेस का सवाल है, अगर उन्हें एक या दो सीट मिल जाती हैं तो हम उन्हें भाग्यशाली मानेंगे; अन्यथा उन्हें एक भी सीट नहीं मिलनी है।... भाजपा को, अधिक से अधिक, दो सीट मिल सकती हैं..ऐसा न हो कि उसे भी एक सीट न मिले.. और हमारे प्रतिद्वंद्वी, ज़ोरम पीपल्स मूवमेंट (जेडपीएम)... अगर वे 10 (सीट) का आंकड़ा पार करते हैं, तो पार्टी भाग्यशाली रहेगी.. इसलिए, हमारे लिए सरकार बनाने की अपार संभावना है।’’ सत्तारुढ़ एमएनएफ 2023 के विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करके लगातार दूसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रहा है। कुल मिलाकर, 1987 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा मिज़ो शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद मिजोरम के राज्य बनने के उपरांत एमएनएफ ने तीन बार शासन किया है, जबकि कांग्रेस चार बार सत्ता में रही है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में, एमएनएफ ने 26 सीट हासिल की थीं, कांग्रेस पांच सीट पर कामयाब रही, भाजपा ने एक सीट जीती, जबकि जेडपीएम ने आठ सीटें हासिल कीं। इस सप्ताह की शुरुआत में, पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए, जोरामथांगा ने कहा था कि एमएनएफ को सत्ता बरकरार रखने का भरोसा है, क्योंकि पिछले कुछ महीनों में इसका प्रभाव लगातार बढ़ा है और इसके पक्ष में एक ‘लहर स्पष्ट’ थी। साक्षात्कार के दौरान जोरामथांगा ने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद, उनकी सरकार पूरे मिजोरम में विकास को बढ़ावा देने में कामयाब रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम पांच साल से सत्ता में हैं, लेकिन यह कोविड-19 महामारी के कारण एक दुर्भाग्यपूर्ण अवधि रही है… दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह ही अर्थव्यवस्था चरमरा गयी, फिर भी हमने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया और विकास काफी हद तक पूरे मिजोरम में हो रहा है।’’

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