अब ऐसे पता करें कि आपके बच्चे का स्कूल सुरक्षित है या नहीं

Now find out whether your child''s school is safe or not
[email protected] । Jan 14 2018 2:35PM
स्कूलों में बच्चों की हत्या और यौन शोषण की कुछ हालिया घटनाओं को लेकर अभिभावकों में पैदा हुई चिंताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 164 बिंदुओं का एक सुरक्षा मैनुअल तैयार किया गया है जिसके माध्यम से लोग यह पता कर सकते हैं कि उनके बच्चे का स्कूल पूरी तरह सुरक्षित है या नहीं।

नयी दिल्ली। स्कूलों में बच्चों की हत्या और यौन शोषण की कुछ हालिया घटनाओं को लेकर अभिभावकों में पैदा हुई चिंताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 164 बिंदुओं का एक सुरक्षा मैनुअल तैयार किया गया है जिसके माध्यम से लोग यह पता कर सकते हैं कि उनके बच्चे का स्कूल पूरी तरह सुरक्षित है या नहीं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के निर्देश पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने बच्चों एवं स्कूलों से जुड़े कई दिशानिर्देशकों को मिलाकर स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा एक मैनुअल तैयार किया है। इसमें 164 बिंदुओं की एक जांच सूची (चेक लिस्ट) दी गई है। इस सूची के आधार पर अभिभावक अपने बच्चे के स्कूल में सुरक्षा इंतजामों के बारे में पता कर सकते हैं।

एनसीपीसीआर के सदस्य (शिक्षा एवं आरटीई) प्रियंक कानूनगो ने बताया, ‘‘इस सुरक्षा मैनुअल में दी गई चेक लिस्ट के आधार पर अभिभावक स्कूलों में सुरक्षा ऑडिट कर सकते हैं। अगर कहीं कमी पाई जाती है तो शिक्षा विभाग से इसकी शिकायत की जानी चाहिए।’ कानूनगो ने कहा, ‘‘स्कूलों को बच्चों की सुरक्षा से जुड़े दिशानिर्देश का अनुपालन करना जरूरी है। अभिभावक एनसीपीसीआर की वेबसाइट (ncpcr.gov.in) पर जाकर इस सुरक्षा मैनुअल और चेक लिस्ट जानकारी हासिल कर सकते हैं।’’

करीब एक साल में तैयार हुए इस सुरक्षा मैनुअल की चेक लिस्ट में कुल 164 बिंदुओं वाले सुरक्षा उपाय सुझाए गए हैं। मसलन, स्कूल का भवन नियमों के हिसाब से हो, सारे जरूरी सुरक्षा प्रमाणपत्र हो, बिल्डिंग और कैंपस में कोई ज्वलनशील पदार्थ या जहरीली सामाग्री ना हो। दिव्यांग बच्चों की पहुंच के हिसाब से क्लारूम, टॉयलेट, कैंटीन, स्कूल की एंट्री, पुस्तकालय, खेल का मैदान आदि हो। कई स्कूलों में बस / कैब चालकों द्वारा बच्चों के साथ यौन शोषण की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए भी सुरक्षा उपाय सुझाए गए हैं। इसमें कहा गया है, ‘‘स्कूल बस ड्राइवर प्रशिक्षित हो और उसके पास लाइसेंस हो। बस स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन होना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट ड्यूटी के लिए प्रॉपर ड्यूटी लगाई जा रही हो। सभी कर्मचारियों से हलफनामा लिया जाए कि वह कभी ‘पॉक्सो’ में आरोपी नहीं रहे हैं।’’

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