NRC पर कोर्ट ने केंद्र को लगाई फटकार, राजनाथ बोले- प्रक्रिया तय समय में पूरी होगी

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[email protected] । Feb 6 2019 8:54AM

जब वेणुगोपाल और असम सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने हस्तक्षेप करने का प्रयास किया तो पीठ ने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें समुचित जानकारी नहीं दी है।

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सुरक्षा बलों की अनुपलब्धता का हवाला देकर आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान एनआरसी की प्रक्रिया रोकने की मांग करने के लिये केंद्र को मंगलवार को फटकार लगाते हुए कहा कि वह असम में एनआरसी के काम को रोकने पर तुला हुआ है। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि वह एनआरसी को अंतिम रूप देने के लिये 31 जुलाई की समय-सीमा नहीं बढ़ाएगी। उच्चतम न्यायालय के फटकार लगाने के कुछ ही घंटे बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा कि सरकार निर्धारित समय-सीमा के भीतर एनआरसी की प्रक्रिया पूरी करने के लिये प्रतिबद्ध है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी विदेशी को एनआरसी में शामिल नहीं किया जाए और कोई भी भारतीय नागरिक इसमें शामिल होने से छूटे नहीं।

शीर्ष अदालत उस वक्त नाराज हो गई जब अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख से आगामी चुनाव की तारीख के दो हफ्ते बाद तक प्रक्रिया रोक दी जाए क्योंकि असम में एनआरसी के काम में लगी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 167 कंपनियों को चुनावों के दौरान कानून व्यवस्था बरकरार रखने के लिये देश के अन्य हिस्सों में भेजा जाएगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने कहा, ‘‘हमें यह कहते हुए दुख हो रहा है। गृह मंत्रालय एनआरसी की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाने पर तुला हुआ है और वह इस अदालत द्वारा किये जा रहे सभी प्रयासों पर पानी फेरने में लगा है।’’ 

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पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि एनआरसी के काम के लिये राज्य सरकार के 3457 अधिकारियों को मुक्त रखा जाए और चुनाव आयोग से ‘‘चुनाव के मद्देनजर जिलाधिकारी, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट रैंक के अधिकारियों का तबादला होने की संभावना को देखते हुए उन्हें तबादले से छूट दिये जाने के मामले पर विचार करने को कहा।’’ सीएपीएफ की उपलब्धता और चुनाव के दौरान सुरक्षा बलों की कितनी कंपनियों की जरूरत होगी, इस पर गृह मंत्रालय के अधिकारी के जवाब से असंतुष्ट होकर सीजेआई ने कहा, ‘‘क्या आप चाहते हैं कि हम गृह सचिव और अन्य संबंधित अधिकारियों को तलब करें।’’ जब वेणुगोपाल और असम सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने हस्तक्षेप करने का प्रयास किया तो पीठ ने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें समुचित जानकारी नहीं दी है।

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