गंभीर हो सकती हैं भविष्य की सुरक्षा चुनौतियां: डोभाल

nsa-doval-say-future-security-challenges
[email protected] । May 22 2019 4:00PM

निरीक्षक भूपिंदर सिंह को जम्मू के सांबा में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अक्तूबर 2016 में पाकिस्तानी गोलीबारी का प्रभावी तरीके से जवाब देते हुए एक आतंकवादी को मार गिराने को लेकर शौर्य के लिए पुलिस पदक प्रदान किया गया।

नयी दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने सुरक्षा बलों की क्षमताओं और दक्षता को बढ़ाने की जरुरत पर बल देते हुए बुधवार को कहा कि ये कदम आवश्यक हैं क्योंकि सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियां ‘‘गंभीर’’ हो सकती हैं। गुप्तचर ब्यूरो के पूर्व प्रमुख डोभाल ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के वार्षिक स्थापना दिवस समारोह में कहा कि देश की सुरक्षा के लिए कार्य करने वाली एजेंसियों को अपने प्रौद्योगिकी कौशल को ‘‘सुदृढ़ करने के साथ ही उसका उन्नयन’’ करना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: CRPF के 80वें स्थापना दिवस पर बोले डोभाल, आतंकवाद से निपटने में हम पूरी तरह सक्षम

डोभाल ने कहा, ‘‘आपको अपनी दक्षता, क्षमता और ताकत बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए क्योंकि आने वाले दिनों में सुरक्षा चुनौतियां और गंभीर हो सकती हैं।’’ उन्होंने इस पर संतोष जताया कि बीएसएफ जैसी एजेंसियां और देश के गुप्तचर ढांचे में कार्यरत एजेंसियां बेहतर प्रौद्योगिकी के साथ कार्य कर रही हैं और इस क्षेत्र में अपने उपकरणों को आधुनिक बनाने का प्रयास कर रही हैं।भारत..तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) दो अन्य सीमा रक्षा बल हैं। बीएसएफ में करीब ढाई लाख कर्मी हैं और ये पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगती देश की संवेदनशील सीमाओं की रक्षा करती है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा, ‘‘आपकी पेशेवर दक्षता शीर्ष स्तर की है।’’

इसे भी पढ़ें: डोभाल ने अजहर को छोड़ने को राजनीतिक फैसला बताया था, क्या मोदी जिम्मेदारी लेंगे: कांग्रेस

इससे पहले कार्यक्रम में डोभाल ने बल के अधिकारियों को ड्यूटी के दौरान असाधारण सेवा के लिए शौर्य एवं सेवा पदक प्रदान किये। 

शौर्य पदक से सम्मानित किये गए अधिकारियों में उप महानिरीक्षक (डीआईजी) बलजीत सिंह कसाना, उप कमांडेंट युद्धवीर यादव, सहायक उप निरीक्षकों सुरजीत सिंह बिश्नोई और ओम प्रकाश, कान्स्टेबल पारसराम, विभास बटबायल और एम के चौधरी शामिल हैं।उनके प्रशस्तिपत्र में कहा गया है कि टीम ने जम्मू में भारत..पाकिस्तान सीमा से पाकिस्तान की ओर से नवम्बर 2016 में बिना उकसावे की गोलीबारी के बीच एक सशस्त्र घुसपैठ प्रयास को ‘आपरेशन चमलियाल’ के तहत वीरता से विफल कर दिया। निरीक्षक भूपिंदर सिंह को जम्मू के सांबा में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अक्तूबर 2016 में पाकिस्तानी गोलीबारी का प्रभावी तरीके से जवाब देते हुए एक आतंकवादी को मार गिराने को लेकर शौर्य के लिए पुलिस पदक प्रदान किया गया।

इसे भी पढ़ें: डोभाल ने अजहर को छोड़ने को राजनीतिक फैसला बताया था, क्या मोदी जिम्मेदारी लेंगे: कांग्रेस

डीआईजी आजाद सिंह मलिक को 12 वर्षीय एक लड़की को बचाने के लिए ‘‘उत्तम जीवन रक्षा पदक’’ दिया गया जिसे राष्ट्रीय राजधानी में 14 नवम्बर 2018 को राष्ट्रमंडल खेल गांव के पास बिजली के एक खंबे से बिजली का करंट लग गया था। अधिकारी के प्रशस्तिपत्र में लिखा है कि वे कार्य के बाद घर लौट रहे थे और वे लड़की के पास पहुंचे और उसे पास के अस्पताल पहुंचाया और उसका इलाज सुनिश्चित किया जिससे उसकी जान बच गई।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़