...तो इस आधार पर लोकसभा चुनाव के लिए JDS से गठबंधन करेगी कांग्रेस

बेंगलुरू। कर्नाटक में सत्ताधारी गठबंधन सहयोगियों के बीच आगामी लोकसभा चुनावों के लिये सीटों के बंटवारे पर बातचीत शुरू हो गई हैं और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि जीतने की क्षमता टिकट बंटवारे का पैमाना होगी। कांग्रेस विधायक दल के नेता ने अपने लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि वह राज्य की राजनीति में बने रहना पसंद करेंगे। सिद्धरमैया कांग्रेस-जद(एस) समन्वय समिति के प्रमुख भी हैं। उन्होंने हुबली में संवाददाताओं को बताया, “उम्मीद है कि सीटों के बंटवारे पर समझौता हो जाएगा...कोई अनुपात नहीं, कौन कहां से जीतेगा यह महत्वपूर्ण होगा।”
Seat sharing discussion with @JanataDal_S shall begin from today. Shri. @dineshgrao & Shri. @DrParameshwara from our side and Shri. Revanna & Shri. Vishwanath from JD(S) will discuss today. After which I will convene coordination committee meeting to take it further.
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) February 25, 2019
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गठबंधन सहयोगियों के बीच सीटों के बंटवारे पर पहली बैठक को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव और उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर कांग्रेस की तरफ से जबकि जद (एस) के प्रदेश अध्यक्ष एच विश्वनाथ और लोकनिर्माण मंत्री एच डी रेवन्ना क्षेत्रीय पार्टी की तरफ से आज बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा, “इसके बाद मैं समन्वय समिति की बैठक बुलाऊंगा जहां हम फिर चर्चा करेंगे।” गठबंधन करार के तहत कांग्रेस और जद(एस) ने लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ने का फैसला किया है।
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सीटों को लेकर समझौता हालांकि दोनों दलों के लिए अहम परीक्षा साबित होगा क्योंकि मंत्रिपरिषद गठन और बोर्डों व निगमों के आवंटन में अपनाए गए दो तिहाई, एक तिहाई के फॉर्मूले को ही आधार मानते हुए जद(एस) ने कुल 28 में से 10 से 12 सीटों की मांग की है। कांग्रेस इसके विरोध में है और उसके कहा है कि सीटों का बंटवारा ‘‘गुणदोष’’ के आधार पर होगा। कांग्रेस पर पार्टी के अंदर से भी इस बात का दबाव है कि वह जद(एस) को ज्यादा सीटें न दे, खासकर वे दस सीटें, जहां पार्टी के मौजूदा सांसद हैं।
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