Lok Sabha Elections 2024: ओवैसी से हाथ मिलकार भी पल्लवी खड़ी हैं खाली हाथ
![Asaduddin Owaisi Pallavi Patel Asaduddin Owaisi Pallavi Patel](https://images.prabhasakshi.com/2024/4/22/asaduddin-owaisi-pallavi-patel_large_1408_23.webp)
समाजवादी पार्टी से नाराज होकर पल्लवी पटेल ने एआईएमआईएम के साथ मिलकर पीडीएम न्याय मोर्चा का गठन 31 मार्च को पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के बाद किया था और सपा के पीडीए की काट के लिए पीडीएम के नाम पर किया गया था।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी से नाता तोड़कर अपना दल कमेरावादी की पल्लवी पटेल द्वारा असदुद्दीन ओवैसी से हाथ मिलाने के बाद भी पल्लवी की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। ओवैसी के साथ मिलकर बनाए गए पीडीएम (पिछड़ा दलित मुस्लिम) न्याय मोर्चा को पहली चोट तब लगी जब ओवैसी ने प्रदेश में अपने सिंबल पर प्रत्याशी खड़े करने से इनकार कर दिया। ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि ओवैसी अपने संसदीय क्षेत्र हैदराबाद में ही बुरी तरह से घिर गये हैं। भाजपा प्रत्याशी उन्हें हैदराबाद में कड़ी चुनौती दे रही हैं, जिसके चलते ओवैसी के चुनाव हारने तक की चर्चा चल रही है। अपना दल कमेरावादी को दूसरी ‘चोट’ चुनाव चिह्न को लेकर लगी है। चुनाव आयोग ने अपना दल कमेरावादी द्वारा योगदान रिपोर्ट व वार्षिक आय-व्यय का ब्यौरा न देने के कारण उसका चुनाव चिह्न ‘लिफाफा‘ आवंटित नहीं किया है। पार्टी चुनाव चिह्न आवंटित करने के लिए हाई कोर्ट गई, किंतु वहां उसकी याचिका खारिज हो गई।
दरअसल, समाजवादी पार्टी से नाराज होकर पल्लवी पटेल ने आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के साथ मिलकर पीडीएम न्याय मोर्चा का गठन 31 मार्च को पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के बाद किया था और सपा के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की काट के लिए पीडीएम (पिछड़ा, दलित, मुस्लिम) के नाम पर किया गया था। इसमें कुछ और छोटे दलों को भी शामिल किया गया था। गौरतलब हो, पल्लवी पटेल ने यह दावा किया था कि यह मोर्चा लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ ही मुख्य विपक्षी दल सपा को भी घेरेगा और प्रदेश में नया राजनीतिक विकल्प पेश करेगा। मोर्चा ने दो चरणों की नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के बाद 13 अप्रैल को सात सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए थे। इनमें बरेली, हाथरस, फिरोजाबाद, रायबरेली, फतेहपुर, भदोही व चंदौली शामिल हैं। वही बरेली के प्रत्याशी रियासत यार खां का पर्चा निरस्त हो गया। चुनाव चिह्न न मिल पाने के कारण अब उसका लिफाफा मुक्त चुनाव चिह्न में आ गया है। ऐसे में पार्टी को हर सीट के लिए चुनाव चिह्न की मांग करनी पड़ेगी। जहां लिफाफा नहीं होगा वहां दूसरे चुनाव चिह्न के जरिए लड़ना होगा। इससे पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।वहीं, एआईएमआईएम भी प्रदेश में अपने चुनाव चिह्न पर प्रत्याशी नहीं उतार रही है। इसका नुकसान भी मोर्चा को उठाना पड़ सकता है।
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इन झटकों के बीच पीडीएम न्याय मोर्चा ने सात और प्रत्याशियों की दूसरी सूची रविवार को जारी कर दी। संसदीय सीट उन्नाव से धनीराम पाल, कन्नौज से डॉ. दानिश अली, कानपुर नगर से राम आसरे पाल, गाजीपुर में सूबेदार बिंद, घोसी से प्रेमचन्द्र, सीतापुर से मो. काशिफ अंसारी व इलाहाबाद (प्रयागराज) से हंसराज कोल शामिल हैं।
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