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पटेल एक ऐसे भरोसेमंद सहयोगी थे जिनकी जगह कोई नहीं ले सकता: सोनिया गांधी
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- नवंबर 25, 2020 08:42
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि पटेल एक ऐसे कामरेड, निष्ठावान सहयोगी और मित्र थे जिनकी जगह कोई नहीं ले सकता।
नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि पटेल एक ऐसे कामरेड, निष्ठावान सहयोगी और मित्र थे जिनकी जगह कोई नहीं ले सकता। सोनिया ने यह भी कहा कि पटेल का पूरी जीवन कांग्रेस को समर्पित था। उन्होंने एक शोक संदेश में कहा, ‘‘श्री अहमद पटेल के जाने से मैंने एक ऐसा सहयोगी खो दिया है जिनका पूरा जीवन कांग्रेस पार्टी को समर्पित था। उनकी निष्ठा और समर्पण, अपने कर्तव्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, मदद के लिए हमेशा मौजूद रहना और उनकी शालीनता कुछ ऐसी खूबियां थीं, जो उन्हें दूसरों से अलग बनाती थीं।’’
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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैंने ऐसा कॉमरेड, निष्ठावान सहयोगी और मित्र खो दिया जिनकी जगह कोई नहीं ले सकता। मैं उनके निधन पर शोक प्रकट करती हूं और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करती हूं।’’ अहमद पटेल का बुधवार को निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे और कुछ हफ्ते पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे।
In Shri Ahmed Patel, I've lost a colleague, whose entire life was dedicated to Congress. I've lost an irreplaceable comrade, a faithful colleague & a friend. Feel deeply for his bereaved family to whom I offer my sincere feelings of empathy & support: Sonia Gandhi, Congress pic.twitter.com/ygiXEN9JH4
— ANI (@ANI) November 25, 2020
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- अनुराग गुप्ता
- जनवरी 28, 2021 12:29
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पूर्व उप राष्ट्रपति ने सभापति के तौर पर यह फैसला किया था कि वह हंगामे के बीच में कोई भी बिल पास नहीं करेंगे। किताब में उन्होंने हंगामे के बीच में बिल पास नहीं होने पर प्रधानमंत्री के अचानक कार्यालय आने की बात लिखी।
नयी दिल्ली। पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी की नई किताब 'बाइ मेनी अ हैपी ऐक्सिडेंट: रीकलेक्शंस ऑफ ए लाइफ' में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिन अचानक से मेरे दफ्तर आ गए थे और उन्होंने कहा था कि आप मेरी मदद नहीं कर रहे हैं। हामिद अंसारी साल 2007 से लेकर 2017 तक उप राष्ट्रपति और उच्च सदन के सभापति रहे। इस दौरान की कुछ घटनाओं का उन्होंने अपनी नई किताब में जिक्र किया है।
जब PM मोदी अचानक कार्यालय पहुंचे
पूर्व उप राष्ट्रपति ने सभापति के तौर पर यह फैसला किया था कि वह हंगामे के बीच में कोई भी बिल पास नहीं करेंगे। किताब में उन्होंने हंगामे के बीच में बिल पास नहीं होने पर प्रधानमंत्री के अचानक कार्यालय आने की बात लिखी। किताब के मुताबिक भाजपा गठबंधन को लगता था कि अगर लोकसभा में उनके पास बहुमत है तो राज्यसभा में नैतिक अधिकार है कि बिना किसी बाधा के बिल पास हो जाए। उन्होंने आगे लिखा कि प्रधानमंत्री बिना किसी कार्यक्रम के अचानक से मेरे कार्यालय पहुंचे। मैं उन्हें देखकर हैरान था लेकिन मैंने उनका स्वागत किया।
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अंग्रेजी समाचार पत्र द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक किताब में पूर्व उपराष्ट्रपति ने लिखा है कि उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी) कहा कि आपसे उच्च जिम्मेदारियों की अपेक्षा है मगर आप मेरी मदद नहीं कर रहे हैं। मैंने कहा कि राज्यसभा में और उसके बाहर मेरा काम जनता के सामने है। इसके आगे उप राष्ट्रपति ने लिखा कि प्रधानमंत्री ने मुझसे पूछा कि आप हंगामे के बीच में बिल पारित क्यों नहीं करा रहे हैं ? इतना ही नहीं पूर्व उप राष्ट्रपति ने किताब में प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के साथ असहज रिश्तों का भी उल्लेख किया है।
ये हैं कश्मीर के सबसे छोटे पायलट, 20 साल की उम्र में ही Flying Pilot बन गये फरहान
- रेनू तिवारी
- जनवरी 28, 2021 12:14
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जम्मू और कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतीपोरा शहर के एक 20 वर्षीय युवक ने एक वाणिज्यिक पायलट का लाइसेंस प्राप्त किया है। फरहान मजीद यह उपलब्धि हासिल करने वाले सबसे कम उम्र के कश्मीरी हैं।
कई बार हमें बचपन में ही अंदाजा लग जाता है कि हमें बड़े होकर क्या बनना है। अगर हम अपनी पसंदीदा चीज को पाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं तो वो हमें जरूर मिलती है। अपने बचपन के सपने को सच कर दिखाया है कश्मीर के फरहान मजीद ने। उन्होंने बचपन में आसमान में उड़ते प्लेन को देखा और ठान लिया की बड़े होकर पायलट बनेंगे उन्होंने ये कर दिखाया और अब वह कश्मीर घाटी के सबसे छोटे पायलट बन गये हैं।
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जम्मू और कश्मीर के पुलवामा जिले के अवंतीपोरा शहर के एक 20 वर्षीय युवक ने एक वाणिज्यिक पायलट का लाइसेंस प्राप्त किया है। फरहान मजीद यह उपलब्धि हासिल करने वाले सबसे कम उम्र के कश्मीरी हैं। फरहान मजीद अवंतीपोरा के Mantaqui Higher Secondary School से 12वीं क्लास पास करने के बाद उत्तराखंड में फ्लाइंग एकेडमी ग्लोबल कोन्ट एविएशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में एक व्यावसायिक पायलट के रूप में प्रशिक्षित होने के लिए शामिल हुए।
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इस विषय पर बात करते हुए फरहान मजीद ने कहा, सारा श्रेय मेरे माता-पिता और परिवार के सदस्यों को जाता है और भगवान की मदद और आशीर्वाद से मुझे एक वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस प्राप्त हुआ। मैंने पिछले साल नवंबर, 2020 के दौरान एक वाणिज्यिक पायलट के रूप में अपना लाइसेंस प्राप्त किया। मलंगपोरा में भारतीय वायु सेना (IAF) का एक एयरबेस है और हम पूरे दिन और रात में हेलीकॉप्टर और अन्य विमानों की आवाज़ सुन सकते हैं। इसने मुझे एक पायलट बनने के लिए प्रेरित किया।
फरहान के पिता अब्दुल मजीद ने भी अपने बेटे की तारीफ करते हुए कहा कि मुझे अपने बेटे पर बहुत गर्व है। अब्दुल ने कहा, “मेरा बेटा फरहान मजीद एक वाणिज्यिक पायलट बन गया है। उसे कमर्शियल पायलट का लाइसेंस मिला है और मुझे उस पर गर्व है। मैं दुनिया का सबसे खुश व्यक्ति हूं। उन्होंने आगे कहा, "कठिनाइयाँ आएंगी लेकिन मैंने उन कठिनाइयों का साहसपूर्वक सामना किया।
पुलिसकर्मियों का हालचाल जानने के लिए अस्पताल जाएंगे अमित शाह, 394 कर्मी हुए हैं घायल
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 28, 2021 11:15
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गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्री सुश्रुत ट्रामा सेंटर और तीरथ राम अस्पताल का दौरा कर घायल पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य की जानकारी लेंगे।
नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बृहस्पतिवार को दो अस्पतालों का दौरा कर गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा में घायल हुए पुलिसकर्मियों का हालचाल जानेंगे। अधिकारियों ने इस बारे में बताया। किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा की घटनाओं में करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हो गए। किसान नवंबर से ही केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्री सुश्रुत ट्रामा सेंटर और तीरथ राम अस्पताल का दौरा कर घायल पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य की जानकारी लेंगे। दोनों अस्पताल सिविल लाइंस में स्थित हैं। पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर परेड में हिंसा में किसान नेताओं की भूमिका की जांच की जाएगी। हिंसा और तोड़-फोड़ में दिल्ली पुलिस के 394 कर्मी घायल हुए हैं।
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दिल्ली के पुलिस आयुक्त एस. एन. श्रीवास्तव ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसान यूनियनों ने ट्रैक्टर परेड के लिए तय शर्तों का पालन नहीं किया। परेड दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे के बीच होनी थी और उसमें 5,000 टैक्टरों को शामिल होना था। गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड का लक्ष्य कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग करना था। दिल्ली पुलिस ने राजपथ पर समारोह समाप्त होने के बाद तय रास्ते से ट्रैक्टर परेड निकालने की अनुमति दी थी, लेकिन हजारों की संख्या में किसान समय से पहले विभिन्न सीमाओं पर लगे अवरोधकों को तोड़ते हुए दिल्ली में प्रवेश कर गए। कई जगह पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई और पुलिस को लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा। ट्रैक्टर परेड के दौरान आईटीओ के पास ट्रैक्टर पलटने से एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गयी थी।

