Birthday Special: केरल की जनता ने खुले दिल से पिनाराई विजयन को स्वीकारा, कहा जाता है 'धोती पहनने वाला मोदी'

Pinarayi Vijayan Birthday
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राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने वाले केरल के सीएम पिनाराई विजयन का आज यानि की 21 मार्च को जन्मदिन है। उनके प्रशंसक ही नहीं, बल्कि उनके आलोचक भी उनको धोती पहनने वाले मोदी या केरल के स्टालिन कहते हैं। उनको राजनीति में काफी ताकतवर नेता माना जाता है।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी पिनाराई विजयन दिग्गज नेता है। वर्तमान में वह केरल के सीएम के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं। आपको बता दें कि आज यानि की 21 मार्च को केरल के सीएम पिनाराई विजयन का जन्मदिन है। पिनाराइ विजयन ने छात्र छात्र संघ की गतिविधियों के माध्यम से राजनीति में प्रवेश लिया था। इसके अलावा उन्हें केरल का मोदी भी कहा जाता है। वह कुशल राजनीतिज्ञ के रूप में भी हमेशा से अपनी पहचान दर्ज करवाते आए हैं। आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें...

जन्म और शिक्षा

केरल के कन्नूर जिले में 21 मार्च 1944 को पिनाराई विजयन का जन्म हुआ था। इनका जन्म बेहद ही गरीब परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम मुंडाईल कोरान और माता का नाम कल्याणी है। बता दें कि परिवार बड़ा होने के कारण इनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। इसलिए अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वह परिवार की आर्थिक मदद के लिए हतकरघा बनाने वाले फैक्ट्री में काम करने लगे। इसके बाद गवर्नमेंट ब्रेनन कॉलेज, थैलेसेरी से पिनाराई विजयन ने 12वीं की पढ़ाई पूरी की। फिर उन्होंने इसी कॉलेज अर्थशास्त्र विषय में स्नातक पूरा किया। 

राजनीति में एंट्री

कॉलेज के दिनों से ही पिनाराई विजयन को राजनीति में दिलचस्पी थी। कॉलेज के दिनों में उन्होंने छात्रनेता के तौर पर अपनी पहचान बनाई थी। इसके बाद साल 1964 में पिनाराई विजयन ने आधिकारिक तौर पर राजनीति में प्रवेश किया। इस दौरान उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ज्वॉइन किया। काम करने का तरीका और लोगों को प्रभावित करते की इनमें अद्भुत क्षमता थी। इसी कारण साल 1968 में वह महज 24 साल की उम्र में Kerala Student Federation के जिला सचिव के तौर पर कार्य़रत रहे। इसके बाद पिनाराई विजयन को KSF का राज्य सचिव और इसके बाद राज्य का अध्यझ पद की जिम्मेदारियां दी गई।

इसके बाद पिनाराई विजयन को कभी पीछे मुडकर देखने की जरूरत नहीं पड़ी। वह धीरे-धीरे राजनीतिक तौर पर मजबूत होते चले गए और अपनी अलग पहचान बनाते चले गए। अपने सरल और सहज स्वभाव के कारण वह लोगों के दिलों में बसते चले गए। जब कम्युनिस्ट केरल में अलग अलग ठिकाने से राजनितिक गतिविधियां का आयोजन कर रहे थे। तब बहिस्कार के कारण पिनाराई को डेढ़ साल तक जेल में भी रहना पड़ा था। जेल से बाहर आने के बाद इन्होंने केरल स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है।

विधायक

साल 1970 में पिनाराई विजन पहली बार विधायक चुनकर विधानसभा गए। इसके बाद साल 1977, 1991, 1996 में भी विधायक चुने गए। केरल के मुख्यमंत्री E.K Nayanar के मंत्रिमंडल में साल 1996 से 1998 तक वह बिजली एवं सहकारिता मंत्री बनाये गए। वहीं साल 1998 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वह राज्य सचिव बनें। 26 मई 2007 को एक दूसरे के धुर विरोधी कहे जाने वाले पिनाराई विजयन एवं वी. एस अच्युतानंदन के विवाद ने भी जोर पकड़ा था। इस दौरान दोनों द्वारा एक-दूसरे पर सार्वजनिक टिप्पणी करने और पार्टी के नियमों का उल्लंघन करने के लिए पिनाराई विजयन और वी. एस अच्युतानंदन को पोलित ब्यूरो से निलंबित कर दिया था।

सीएम पद

हालांकि बाद में पिनाराई विजयन को पोलित ब्यूरो के सदस्य के रूप में बहाल कर दिया गया। केरल की जनता​​ का पिनाराई विजयन के महत्व का एक मिसाल इससे ही समझ सकते हैं कि पिनराई विजयन के प्रशंसक, केरल के मुख्यमंत्री के तौर पर पांच साल बाद दोबारा सीएम बने हैं। वह केरल के पहले सीएम हैं, जिन्होंने अपने पहले कार्यकाल को पूरा करने के बाद दूसरी बार फिर सीएम पद की जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं।

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