कोकराझार हमले के जिम्मेदार लोग भुगतेंगे खामियाजा: राजनाथ
राजनाथ सिंह ने आज संसद में स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इस घटना के पीछे जो भी व्यक्ति या संगठन होगा, उसे इसका खाजियाजा भुगतना पड़ेगा।
असम के कोकराझार में पांच अगस्त को उग्रवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज संसद में स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इस घटना के पीछे जो भी व्यक्ति या संगठन होगा, उसे इसका खाजियाजा भुगतना पड़ेगा तथा यदि आवश्यकता पड़ी तो राज्य सरकार से परामर्श कर इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी जा सकती है। राजनाथ ने इस बात से इंकार किया कि कोकराझार में हुई यह घटना खुफिया तंत्र की विफलता के कारण हुई। उन्होंने कहा कि असम सहित देश भर में केन्द्रीय खुफिया एजेंसियां राज्य के साथ तालमेल करके काम करती हैं।
राजनाथ ने कोकराझार में आतंकी हमले पर लोकसभा एवं राज्यसभा में आज एक बयान दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस हमले के खिलाफ तीव्र कार्रवाई की। हमले में घायल व्यक्तियों को सबसे अच्छी चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने राज्यसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा पूछे गये स्पष्टीकरण के जवाब में कहा कि आवश्यकता पड़ने पर असम सरकार के साथ विचार विमर्श कर इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी जा सकती है। गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर में पिछले 50.60 साल से उग्रवादी घटनाएं हो रही हैं। किन्तु वर्ष 2015 ऐसा वर्ष रहा जब पिछले 15-16 साल में सबसे कम हिंसा हुई। पिछले वर्ष उग्रवादी हिंसा में एक भी सुरक्षाकर्मी की जान नहीं गयी। कोकराझार की घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे चाहे कोई भी व्यक्ति या संगठन हो उसे इस घटना का खाजियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में सीआरपीएफ की आठ और सेना की नौ कंपनियां तैनात हैं। सेना की चार अतिरिक्त कंपनियों को छह अगस्त को भेजा गया था।
राजनाथ ने कोकराझार सहित पूर्वोत्तर में अवैध हथियारों के बारे में सदस्यों की चिंता का उल्लेख करते हुए कहा कि ये हथियार बाहरी एजेंसियों के माध्यम से मुहैया कराये जाते हैं। उच्च सदन में इससे पहले पूर्वोत्तर क्षेत्र की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए कांग्रेस के रिपुन बोरा, एस कुजुर एवं भुवनेश्वर कालिता, बीपीएफ के विश्वजीत दाइमरी, सपा के रामगोपाल यादव एवं रविप्रकाश वर्मा, तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय एवं अहमद हसन, भाकपा के डी राजा, माकपा की झरना दास वैध तथा जदयू के अनिल साहनी ने विभिन्न स्पष्टीकरण पूछे।
इससे पहले दोनों सदनों में दिये बयान में राजनाथ ने कहा, हमले में मृत लोगों के निकट संबंधियों को पांच-पांच लाख रूपये, गंभीर रूप से घायल लोगों को एक-एक लाख रूपये और सामान्य रूप से घायलों को 20-20 हजार रूपये प्रदान किये गए हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने असम सरकार और सुरक्षा बलों को निर्देश दिया है कि वे इस उग्रवादी घटना में शामिल उग्रवादियों को जल्द से जल्द ढूंढ निकालने और उनको इस घोर अपराध के लिए कड़ी से कड़ी सजा प्रदान करने में मदद करें।' गृह मंत्री ने कहा कि इस हमले के संदर्भ में एक आपराधिक मामला कोकराझार पुलिस थाने में दर्ज किया गया है और हमले के सभी पहलुओं की जांच पड़ताल की जा रही है। राजनाथ ने बताया कि पांच अगस्त 2016 को उग्रवादियों ने कोकराझार के बालाजान तिनाली के साप्हाहिक बाजार पर हमला किया। सुबह साढ़े 11 बजे उग्रवादी सेना की वर्दी में आए और साप्ताहिक बाजार में एकत्र लोगों पर हमला बोल दिया।
राजनाथ सिंह ने बताया कि उग्रवादियों ने पहले कुछ घरों एवं दुकानों में आग लगा दी जिससे इलाके में आग फैल गई और इसके बाद अंधाधुंध गोली चलायीं। उन्होंने बताया कि इस हमले में 14 लोग मारे गए जिसमें 8 बोडो, एक महिला व एक बालक शामिल है। 19 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिनका इलाज जिले एवं प्रांत की राजधानी के अस्पतालों में चल रहा है। स्थानीय पुलिस एवं सुरक्षा बलों ने बिना समय गंवाये हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की और एक उग्रवादी को मार गिराया जिसकी अभी पहचान नहीं हो पायी है। गृह मंत्री ने बताया कि मृत उग्रवादी के पास से एक एके 56 राइफल, दो मैगजीन, एक हथगोला एवं इलेक्ट्रानिक साजो सामान मिला है। हमले में शामिल उग्रवादियों की संख्या और उग्रवादी संगठन की अभी पहचान होनी बाकी है। राजनाथ ने कहा, मैं इस उग्रवादी हमले की कड़ी शब्दों में निंदा करता हूं जिसमें निर्दोष लोग मारे गए हैं, साथ ही मृत व्यक्तियों के परिजनों के प्रति इस दुख की घड़ी में अपनी संवेदना प्रकट करता हूं। ईश्वर से प्रार्थना है कि इस संकट की घड़ी में वह इनका साथ दें और इस दुख को सहने की शक्ति दें।
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