इस देश के राष्ट्रपति को शशि थरूर ने दिखा दी पाकिस्तान की कौन सी तस्वीर, खुल कर भारत के समर्थन में उतरा

थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में तेजस्वी सूर्या (भाजपा), शशांक मणि त्रिपाठी (भाजपा), भुवनेश्वर कलिता (भाजपा), सरफराज अहमद (झामुमो), हरीश मधुर बालयोगी (तेदेपा), मिलिंद देवड़ा (शिवसेना) और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत संधू शामिल हैं।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने पनामा के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री से मुलाकात की और उन्हें भारत के ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों की तस्वीरें दिखाईं। एक दिन पहले ही प्रतिनिधिमंडल ने पनामा विधानसभा के अध्यक्ष और अन्य सांसदों से मुलाकात की थी और उन्हें आतंकवाद तथा पाकिस्तान के आतंकवाद से संबंधों पर भारत का रुख समझाया था। पनामा गणराज्य के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो के साथ बैठक भी पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ अपने संकल्प की पुष्टि करने के भारत के प्रयासों का हिस्सा है।
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थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में तेजस्वी सूर्या (भाजपा), शशांक मणि त्रिपाठी (भाजपा), भुवनेश्वर कलिता (भाजपा), सरफराज अहमद (झामुमो), हरीश मधुर बालयोगी (तेदेपा), मिलिंद देवड़ा (शिवसेना) और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत संधू शामिल हैं। पनामा में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए भारत को निशाना बनाने वाले आतंकवाद को पाकिस्तान द्वारा निरंतर समर्थन दिए जाने की कड़ी निंदा की। सोसिएदाद हिंदोस्तान डी पनामा में बोलते हुए थरूर ने कहा कि भारत के शांतिपूर्ण इरादों का पाकिस्तान ने सम्मान नहीं किया है। अकेले रहने की हमारी इच्छा का जवाब नहीं दिया गया है। उन्होंने हम पर बार-बार हमला किया है क्योंकि वे उस क्षेत्र को चाहते हैं जिस पर हमारा नियंत्रण है और जो हमारी संप्रभु सीमाओं का हिस्सा है।
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उन्होंने कहा कि भारत ने लगभग चार दशकों तक आतंकवादी हमलों को झेला है, जिसकी शुरुआत 1989 में कश्मीर में संघर्ष से हुई थी। हम पिछले करीब चार दशकों से लगातार हमले झेल रहे हैं। 1989 में कश्मीर में हुए पहले हमले से लेकर अब तक हमने लगातार नागरिकों को पीड़ित होते देखा है। थरूर ने कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है कि हम दर्द, दुख, घाव, नुकसान सहते रहें और फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहें कि देखिए हमारे साथ क्या हो रहा है। कृपया हमारी मदद करें। कृपया अपराधियों पर दबाव डालें।
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