PIF case: दो आरोपियों के खिलाफ NIA ने दाखिल किया आरोप पत्र, भारत को इस्लामिक देश बनाने की थी साजिश

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अंकित सिंह । Mar 14, 2023 3:54PM
बताया जा रहा है कि यह मामला आपराधिक साजिश की जांच के सिलसिले में दर्ज किया गया था, जिसे पीएफआई सदस्यों द्वारा भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को कट्टर बनाकर और उन्हें हथियारों का प्रशिक्षण देकर भारत में विभिन्न समुदायों के बीच खाई पैदा करने के उद्देश्य से रचा गया था।

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के 2 सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं। आरोप पत्र एनआईए की ओर से दाखिल किया गया है। पिछले साल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था। यह पूरा मामला राजस्थान का है। राजस्थान में संगठन द्वारा चलाई जा रही उग्रवादी गतिविधियों और एजेंडे से संबंधित मामले में यह आरोप पत्र दाखिल किया गया है। जानकारी के मुताबिक कोटा के मोहम्मद आसिफ उर्फ ​​‘आसिफ’ और राजस्थान के बारां के सादिक सर्राफ पर यहां की एक विशेष अदालत में भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। 

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एनआईए ने बताया कि राजस्थान में चल रही पीएफआई की गतिविधियों और हिंसक चरमपंथ के एजेंडे से संबंधित मामले की जांच के प्रमुख हिस्से को पूरा करने पर, एनआईए ने सोमवार को 2 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। बताया जा रहा है कि यह मामला आपराधिक साजिश की जांच के सिलसिले में दर्ज किया गया था, जिसे पीएफआई सदस्यों द्वारा भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को कट्टर बनाकर और उन्हें हथियारों का प्रशिक्षण देकर भारत में विभिन्न समुदायों के बीच खाई पैदा करने के उद्देश्य से रचा गया था। उन्होंने कहा कि आरोपियों का मकसद आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाकर भारत में 2047 तक इस्लामिक शासन कायम करना था।

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प्रवक्ता ने साफ तौर पर कहा कि आशिफ और सर्राफ पीएफआई के प्रशिक्षित सदस्य हैं, जो हिंसक कृत्यों को अंजाम देने के वास्ते संगठन के लिए भोले-भाले मुस्लिम युवाओं की भर्ती करने में शामिल थे। एनआईए ने बताया कि आरोपी ने भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को यह विश्वास दिलाकर कट्टरपंथी बना दिया कि भारत में इस्लाम खतरे में है और इसलिए 2047 तक इस्लाम की रक्षा करने और भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने के लिए पीएफआई कैडरों और समुदाय के लिए खुद को हथियारों के इस्तेमाल में प्रशिक्षित करना आवश्यक था। 

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