India's goals for Aatm Nirbhar Bharat | आत्मनिर्भर बनने के लिए ‘समुद्र मंथन'! तेल एवं गैस के भंडार की खोज, स्वच्छ ऊर्जा का लक्ष्य हासिल किया, PM मोदी का संदेश

देश आज अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले से समारोह का नेतृत्व किया। स्मारक की प्राचीर से लगातार 12वें स्वतंत्रता दिवस संबोधन में, प्रधानमंत्री मोदी ने तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान गाया।
देश आज अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले से समारोह का नेतृत्व किया। स्मारक की प्राचीर से लगातार 12वें स्वतंत्रता दिवस संबोधन में, प्रधानमंत्री मोदी ने तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान गाया। समारोह में विशिष्ट अतिथियों, वरिष्ठ सरकारी और रक्षा अधिकारियों, और एथलीटों सहित हजारों लोग शामिल हुए। आइये जानके हैं भारत का आगे क्या एजेंडा है प्रधानमंत्री में नय लक्ष्य को बारें में अपने संबोधन में क्या कहा-
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ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए हम ‘समुद्र मंथन’ की तरफ जा रहे हैं: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘समुद्र मंथन’ की तरफ कदम बढ़ाया गया है तथा तेल एवं गैस के भंडार की खोज के मकसद से मिशन मोड में काम हो रहा है। उन्होंने 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि ‘नेशनल डीपवाटर एक्सप्लोरेशन मिशन’ शुरू किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘क्रिटिकल मिनरल’ के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि इनकी खोज के लिए ‘नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन’ के तहत 1200 से अधिक स्थानों पर काम शुरू किया गया है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया, ‘‘देश को विकसित बनाने के लिए हम अब समुद्र मंथन की तरफ जा रहे हैं। हम समुद्र के भीतर के तेल और गैस के भंडार को खोजने की दिशा में मिशन मोड में काम करने जा रहे हैं। भारत में हम ‘नेशनल डीपवाटर एक्सप्लोरेशन मिशन’ शुरू करने जा रहे हैं। यह ऊर्जा क्षेत्र में स्वतंत्र बनने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज पूरा विश्व ‘क्रिटिकल मिनरल’ के लिए बहुत सतर्क हो गया है। उसके सामर्थ्य को लोग समझने लगे हैं। हमारे के लिए भी ‘क्रिटिकल मिनरल’ में आत्मनिर्भरता बहुत अनिवार्य है।’’ ‘क्रिटिकल मिनरल’ वे खनिज हैं जो आधुनिक तकनीकों और उद्योगों के लिए आवश्यक हैं, लेकिन उनकी उपलब्धता सीमित है या कुछ ही देशों में केंद्रित है।
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भारत ने निर्धारत समय से पांच साल पहले ही स्वच्छ ऊर्जा का लक्ष्य हासिल कर लिया: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि जहां एक ओर दुनिया ग्लोबल वार्मिंग को लेकर चिंतित है, वहीं भारत ने गैर-जीवाश्म आधारित ऊर्जा स्रोतों से अपनी कुल स्थापित बिजली क्षमता का 50 प्रतिशत प्राप्त करने का महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्य निर्धारित समय से पांच वर्ष पहले ही हासिल कर लिया है। देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब आज दुनिया ग्लोबल वार्मिंग को लेकर चिंतित है, भारत ने तय किया था कि 2030 तक हम देश में स्वच्छ ऊर्जा का योगदान 50 प्रतिशत तक बढ़ा देंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे देशवासियों की क्षमता और दृढ़ संकल्प देखिए कि हमने 2030 के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया था, उसे हमने 2025 में ही हासिल कर लिया, यानी निर्धारित समय से पांच साल पहले... हम दुनिया के प्रति उतने ही संवेदनशील हैं जितने प्रकृति के प्रति जिम्मेदार हैं।’’ गत 30 जून तक भारत की कुल स्थापित बिजली क्षमता 484.8 गीगावाट थी, जिसमें से 242.8 गीगावाट (या 50.08 प्रतिशत) गैर-जीवाश्म-ईंधन स्रोतों से प्राप्त होती है, जिनमें नवीकरणीय ऊर्जा, जलविद्युत और परमाणु ऊर्जा शामिल हैं।
2047 तक परमाणु ऊर्जा में दस गुना वृद्धि का लक्ष्य: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत 10 नए परमाणु रिएक्टरों पर तेजी से काम कर रहा है और देश ने अपनी परमाणु ऊर्जा क्षमता को 2047 तक दस गुना बढ़ाने का संकल्प लिया है। स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी पहल कर रहा है। उन्होंने कहा, 10 नए परमाणु रिएक्टरों पर तेजी से काम चल रहा है और 2047 तक हमने अपनी परमाणु ऊर्जा क्षमता को दस गुना बढ़ाने का संकल्प लिया है... हम परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में बड़े सुधार ला रहे हैं। मोदी ने कहा, हम अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए कई देशों पर बहुत अधिक निर्भर हैं, चाहे वह पेट्रोल हो, डीजल हो या गैस... हमें इनके आयात पर अरबों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इस संबंध में देश को आत्मनिर्भर बनाना बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में सौर ऊर्जा क्षमता 30 गुना बढ़ गई है। उन्होंने कहा, हम नए बांध बना रहे हैं ताकि जलविद्युत का विस्तार किया जा सके और स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने आगे कहा कि भारत हाइड्रोजन मिशन में भी हजारों करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है।
दिवाली तक जीएसटी की दरें काफी कम हो जाएंगी: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि दिवाली तक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में अगली पीढ़ी के सुधार किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे आम आदमी को काफी कर राहत मिलेगी और छोटे एवं मध्यम उद्यमों को लाभ होगा। मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के आठ वर्ष पूरे होने के साथ ही जीएसटी में सुधार करने का समय आ गया है। जीएसटी एक जुलाई, 2017 को लागू हुआ था। लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में मोदी ने कहा, हमने राज्यों के साथ चर्चा की है और हम दिवाली तक अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू करेंगे, जो नागरिकों के लिए दिवाली का तोहफा होगा। आम आदमी की जरूरत की वस्तुओं पर कर में काफी कमी की जाएगी। हमारे एमएसएमई को इसका बहुत फायदा होगा। दैनिक उपयोग की वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। राज्यों के वित्त मंत्रियों वाला एक मंत्रिसमूह (जीओएम) पहले ही जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने और स्लैब में कटौती पर चर्चा कर रहा है।
महिला स्वयं सहायता समूह कमाल कर रहे, उनके उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंच रहे : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि महिलाओं के स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) ‘‘कमाल कर रहे हैं’’ और वे हाशिए से निकलकर अब उद्यमिता और निर्यात की अग्रणी ताकत बन गए हैं। स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि इनके उत्पाद अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच रहे हैं और एसएचजी ‘‘करोड़ों रुपये’’ का कारोबार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘किसी ने महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन पिछले 10 वर्षों में उन्होंने कमाल कर दिखाया है।’’ प्रधानमंत्री ने स्थानीय प्रतिभा के लिए अवसर पैदा करने और बाधाओं को दूर करने की बात भी कही। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने एक बार मन की बात में खिलौनों के बारे में कहा था... मैंने कहा था कि खिलौने भी विदेश से क्यों आएं? और आज, मैं गर्व से कहता हूं कि मेरा देश खिलौनों का निर्यात करने लगा है।
भारत अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की दिशा में काम कर रहा है: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कहा कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने और अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘देश को हमारे अंतरिक्ष क्षेत्र पर गर्व है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष स्टेशन से वापस आ गए हैं... आने वाले दिनों में वह भारत लौट आएंगे।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रहा है और गगनयान के प्रक्षेपण की तैयारी कर रहा है। गगनयान भारत का प्रमुख मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाएंगे।’’ प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हाल के दिनों में लाए गए सुधारों ने 300 से अधिक स्टार्ट-अप को सक्षम बनाया है जो अंतरिक्ष क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हजारों युवा इस पर काम कर रहे हैं। यह हमारे युवाओं की शक्ति है... यह हमारे युवाओं में हमारा विश्वास है।’’ शुभांशु शुक्ला 25 जून 2025 को एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष में गए थे। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिन रहे और 15 जुलाई को वापस लौटे।भारतीय वायु सेना में ग्रुप कैप्टन और लखनऊ के मूल निवासी शुक्ला, राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय और आईएसएस का दौरा करने वाले पहले भारतीय हैं। भारतीय वायुसेना के 39 वर्षीय अधिकारी और टेस्ट पायलट शुक्ला ने ‘एक्सिओम-4’ मिशन के तहत अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा पूरी की। यह एक वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ान थी, जिसे इसरो और नासा का समर्थन प्राप्त था तथा इसे एक्सिओम स्पेस द्वारा संचालित किया गया।
आरएसएस की राष्ट्रसेवा और 100 साल की यात्रा पर देश को गर्व है : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के 100 साल पूरा होने का उल्लेख किया और कहा कि इस संगठन की राष्ट्रसेवा की यात्रा पर देश गर्व करता है। उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है और यह प्रेरणा देता रहेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज से 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ...। 100 साल की राष्ट्र की सेवा एक बहुत ही गौरवपूर्ण कार्य है। व्यक्ति निर्माण से लेकर राष्ट्र निर्माण का लक्ष्य लेकर मां भारती के कल्याण के लिए लाखों स्वयंसेवकों ने अपना जीवन समर्पित किया।’’ उनका कहना था, ‘‘यह एक प्रकार से दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है। 100 साल का समर्पण का इतिहास है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘आज लाल किले की प्राचीर से 100 साल की इस राष्ट्रसेवा की यात्रा में योगदान करने वाले सभी स्वयंसेवकों को आदरपूर्वक स्मरण करता हूं।’’ उन्होंने कहा कि आरएसएस की 100 साल की भव्य, समर्पित यात्रा पर देश गर्व करता है।
To fulfil the vision of Viksit Bharat, India is building a modern ecosystem in every sector, making the nation self-reliant. pic.twitter.com/jpz1C5XADv
— PMO India (@PMOIndia) August 15, 2025
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