PM मोदी बोले- देशसेवा का भाव हो तो कोई भी लक्ष्य नामुमकिन नहीं होता

मोदी ने कहा कि घर से हज़ारों मील दूर विकट परिस्थितियों में हमारे छात्रों ने हौसले और ज़बरदस्त टीम भावना का उत्तम उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरी कोशिश रहती थी कि प्रतिदिन परिस्थितियों का आंकलन करता रहूं। आप में से भी बहुत लोगों के सीधे संपर्क में रहा। मैंने अनेक राष्ट्राध्यक्षों से भी बात की।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। इन सब के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन से भारतीयों की निकासी के अभियान में शामिल दूतावास के अधिकारियों और सामुदायिक संगठनों के साथ बात की। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि मेरी जिन लोगों से बातचीत हुई उनका हौसला, उनका विश्वास ये दिखाता है कि जब इच्छा शक्ति हो, देशसेवा का भाव हो तो कोई भी लक्ष्य नामुमकिन नहीं होता। मैं आप सभी का सराहना करता हूं। आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि यहां यूक्रेन से जो छात्र वापस आए हैं, उनसे हमने जो सुना है उसमें हमें आप सब के पुरूषार्थ की, सेवा भाव की अनेक घटनाएं सुनने को मिली हैं।
मोदी ने कहा कि घर से हज़ारों मील दूर विकट परिस्थितियों में हमारे छात्रों ने हौसले और ज़बरदस्त टीम भावना का उत्तम उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरी कोशिश रहती थी कि प्रतिदिन परिस्थितियों का आंकलन करता रहूं। आप में से भी बहुत लोगों के सीधे संपर्क में रहा। मैंने अनेक राष्ट्राध्यक्षों से भी बात की। भारतीय कम्युनिटी, स्वयंसेवक समुहों, भारतीय कंपनियों को भी उनकी सहायता और निस्वार्थ सेवा के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन के सूमी शहर से भारतीय छात्रों की निकासी बगैर किसी ‘‘विश्वसनीय युद्धविराम’’ के संभव नहीं थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इसके लिए रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों से बात कर रास्ता निकाला।यहां यूक्रेन से जो छात्र वापस आए हैं, उनसे हमने जो सुना है उसमें हमें आप सब के पुरूषार्थ की, सेवा भाव की अनेक घटनाएं सुनने को मिली हैं। घर से हज़ारों मील दूर विकट परिस्थितियों में हमारे छात्रों ने हौसले और ज़बरदस्त टीम भावना का उत्तम उदाहरण दिया: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/kqxPsRF6QA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 15, 2022
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राज्यसभा में यूक्रेन की स्थिति और उसका भारत पर प्रभाव पर एक बयान देते हुए जयशंकर ने यह भी कहा युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीयों को सुरक्षित निकाले जाने के लिए चलाया गया ‘‘ऑपरेशन गंगा’’ अब तक चलाए गए चुनौतीपूर्ण निकासी अभियानों में से एक था। उन्होंने कहा, ‘‘सूमी में ‘क्रेडिबल सीजफायर’ की जरूरत थी।
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