दिल्ली में प्रदूषण और कचरा, पीने का पानी नहीं, दिल्ली किधर जा रही है?: न्यायालय
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली मास्टर प्लान -2021 में संशोधनों के लिये आगे बढ़ने पर रोक लगाने के आदेश में आज संशोधन करते हुये कहा कि यहां प्रदूषण और कचरा है और पीने का पानी नहीं है।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली मास्टर प्लान -2021 में संशोधनों के लिये आगे बढ़ने पर रोक लगाने के आदेश में आज संशोधन करते हुये कहा कि यहां प्रदूषण और कचरा है और पीने का पानी नहीं है। दिल्ली किधर जा रही है? न्यायालय ने इसके साथ ही केन्द्र को निर्देश दिया कि मास्टर प्लान में प्रस्तावित संशोधनों पर आपत्तियां मंगाने के लिये 15 दिन का वक्त दिया जाये। शीर्ष अदालत ने केन्द्र से कहा कि मास्टर प्लान में प्रस्तावित संशोधन के बारे में मिलने वाली आपत्तियों और सारे पहलुओं पर विचार के बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाये।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने दिल्ली विकास प्राधिकरण की ओर से पेश अटार्नी जनरल के . के . वेणुगोपाल से यह भी कहा कि सारी निर्माण गतिविधियों के लिये उसके समक्ष पेश कार्य योजना और मास्टर प्लान तथा भवन उपनियमों के उल्लंघन के मामलों के लिये जिम्मेदारी निर्धारित करने के बारे में लगातार तीन दिन प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में विज्ञापन दिये जायें। इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने अटार्नी जनरल से यह भी जानना चाहा कि क्या उन सरकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया जायेगा जो अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल हुये हैं और उनके अधिकार क्षेत्र वाले इलाकों में अवैध निर्माण होता है।
इस पर अटार्नी जनरल ने पीठ से कहा कि उन्हें इस बारे में निर्देश प्राप्त करने के लिये कुछ समय दिया जाये। इस पर न्यायालय ने सुनवाई 17 मई के लिये स्थगित कर दी। वेणुगोपाल ने पीठ के समक्ष कार्य योजना भी पेश की और कहा कि यदि यह पता चलता है कि लोक सेवकों की मिलीभगत की वजह से किसी क्षेत्र में अवैध निर्माण हुआ है तो कठोर कार्रवाई की जायेगी। इस पर पीठ ने टिप्पणी की , ‘‘ यहां करीब 68 मीटर ऊंचा कूड़े कचरे का पहाड़ खड़ा है और आप इसके बारे में कुछ नहीं कर पा रहे हैं। आप जहां कहीं भी कचरा डालना चाहते हैं , वहीं के लोग आपत्ति कर रहे हैं। यह स्थिति अपरिवर्तनीय है। पीने का पानी नहीं है , इसलिए लोग पानी नहीं पी सकते। यहां प्रदूषण है इसलिए लोग सांस नहीं ले सकते और यहां कचरा है। आखिर शहर किस दिशा में जा रहा है?’’
वेणुगोपाल ने कार्य योजना का जिक्र करते हुये कहा कि प्राधिकारी स्थिति से निबटने के लिये युद्ध स्तर पर कदम उठा रहे हैं और एक सख्त व्यवस्था बनायी जायेगी। पीठ ने अटार्नी जनरल से कहा कि मोबाइल फोन ऐप 15 दिन में चालू किया जाए। वेणुगोपाल ने डीडीए में भ्रष्टाचार का हवाला देते हुये कहा कि कार्य योजना का लक्ष्य इस पर अंकुश लगाना है और विभाग में जिम्मेदार व्यक्तियों को उनके इलाकों में अवैध निर्माण के लिये जिम्मेदार ठहराया जायेगा।
अन्य न्यूज़