कृषि बिलों पर राष्ट्रपति ने किए हस्ताक्षर, विपक्ष की अपील बेअसर
किसानों और राजनीतिक दलों के लगातार विरोध के बीच राष्ट्रपति ने संसद से पास किसानों और खेती से जुड़े बिलों पर अपनी सहमति दे दी है। संसद ने पिछले सप्ताह इन विधेयकों को मंजूरी दीऔर इनका मकसद कृषि क्षेत्र का उदारीकरण करना और किसानों को बेहतर कीमत के लिए उपज कहीं भी बेचने की इजाजत देना है।
नयी दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन कृषि विधेयकों को मंजूरी दी, जिनके चलते इस समय एक राजनीतिक विवाद खड़ा हुआ है और खासतौर से पंजाब और हरियाणा के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। गजट अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति ने तीन विधेयकों को मंजूरी दी। ये विधेयक हैं- 1) किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, 2) किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और 3) आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020. किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020 का उद्देश्य विभिन्न राज्य विधानसभाओं द्वारा गठित कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) द्वारा विनियमित मंडियों के बाहर कृषि उपज की बिक्री की अनुमति देना है। किसानों (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक का उद्देश्य अनुबंध खेती की इजाजत देना है। आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक अनाज, दालों, आलू, प्याज और खाद्य तिलहन जैसे खाद्य पदार्थों के उत्पादन, आपूर्ति, वितरण को विनियमित करता है।
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संसद ने पिछले सप्ताह इन विधेयकों को मंजूरी दी थी और इनका मकसद कृषि क्षेत्र का उदारीकरण करना और किसानों को बेहतर कीमत के लिए अपनी उपज कहीं भी बेचने की इजाजत देना है। विपक्ष ने हालांकि इन विधेयकों की आलोचना की है। उनका आरोप है कि इन विधेयकों को संसदीय परंपराओं की अनदेखी करते हुए असंवैधानिक तारीके से पारित किया गया है। विपक्ष ने राष्ट्रपति से भी इन विधेयकों को वापस लौटाने का अनुरोध किया था। इन विधेयकों का विरोध राजग के सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने भी किया है और उसने खुद को राजग से अलग कर लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते संसद में तीन में से दो विधेयकों के पारित होने के बाद कहा था कि इससे करोड़ों किसानों को ताकत मिलेगी। मोदी ने रविवार को प्रसारित अपने मासिक ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा था कि कुछ राज्यों में फलों और सब्जियों को एपीएमसी कानून से बाहर लाने के बाद से किसानों को बड़ी संख्या में फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि अब वही आजादी अनाज उत्पादक किसान को भी मिलने जा रही है। इसबीच पंजाब में इन विधेयकों के विरोध में अमृतसर-दिल्ली रेल पटरी पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले किसान पिछले बुधवार से धरना दे रहे हैं।
President Kovind gives assent to 3 farm bills passed by Parliament
— ANI Digital (@ani_digital) September 27, 2020
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