प्रधानमंत्री प्रमुख मुद्दों पर चुप रहे लेकिन भाषण अच्छा था: शिवसेना

संपादकीय में महाराष्ट्र में मंदिरों को फिर से खोले जाने की मांग का जिक्र करते हुए कहा गया है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को इस बात पर गौर करना चाहिए कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि जिन जगहों पर भीड़ हो सकती है उन्हें इतनी जल्दी फिर से नहीं खोला जा सकता।
प्रधानमंत्री ने मंगलवार को लोगों से कोविड-19 दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की और चेताया था कि किसी भी तरह की लापरवाही त्योहारों के उत्साह को फीका कर सकती है। संपादकीय में कहा गया है, ‘‘उन्होंने कोरोना वायरस के बारे में जो कुछ भी कहा, वह सब सच था। वह आये, वह बोले। उनकी श्वेत दाढ़ी, उनके चेहरे पर दीप्तिमान तेज .... यह तेज देश में आपदाओं के अंधेरे को मिटा देगा।’’ इसमें कहा गया है कि मोदी ने देश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने की बात की, लेकिन महामारी के कारण हुई बेरोजगारी का जिक्र नहीं किया। शिवसेना के मुखपत्र में कहा गया है, ‘‘भाषण से पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से अपील की थी कि वह चीनी घुसपैठ (लद्दाख में) और भारत चीनी सैनिकों को कब बाहर निकालेगा,इसके बारे में बोलें। लेकिन मोदी ने एक भी मुद्दे को नहीं छुआ।’’वाचा दै.सामनाचा आजचा अग्रलेख#NarendraModi https://t.co/46DGbLWBop
— Saamana (@Saamanaonline) October 22, 2020
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इसमें कहा गया है, ‘‘उनका भाषण छोटा था। वास्तव में, कोरोना वायरस पर जागरूकता के संबंध में सात से आठ मिनट लंबा संबोधन पिछले सात महीनों में सबसे अच्छे भाषणों में से एक था।’’ संपादकीय में महाराष्ट्र में मंदिरों को फिर से खोले जाने की मांग का जिक्र करते हुए कहा गया है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को इस बात पर गौर करना चाहिए कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि जिन जगहों पर भीड़ हो सकती है उन्हें इतनी जल्दी फिर से नहीं खोला जा सकता। विपक्षी भाजपा महाराष्ट्र में मंदिरों को फिर से खोले जाने की मांग कर रही है और कोश्यारी ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था।
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